अनुच्छेद 370: जगह कम पड़ी तो निजी मकानों व होटलों को बनाया जा रहा उपजेल, गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी
अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद कश्मीर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हिरासत में लिए जा रहे राजनीतिक नेताओं कार्यकर्ताओं व अन्य शरारती तत्वों को रखने के जगह कम पड़ गई है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद कश्मीर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हिरासत में लिए जा रहे राजनीतिक नेताओं, कार्यकर्ताओं व अन्य शरारती तत्वों को रखने के लिए जगह कम पड़ गई है। राज्य प्रशासन ने कई निजी मकानों और होटलों को किराये पर लेना शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर के विशेषाधिकार समाप्त कर उसे दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित करने के संसद के फैसले के बाद प्रशासन ने कश्मीर केंद्रित सियासत करने वाले मुख्यधारा के सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं, कार्यकर्ताओं के अलावा बड़ी संख्या में अलगाववादियों और नामी पत्थरबाजों को गिरफ्तार किया है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी हैं।
डॉ. फारूक अब्दुल्ला को उनके घर में नजरबंद रखा गया है। हिरासत में लिए कई नामी नेताओं को राज्य के बाहर की जेलों में स्थानांतरित किया है। अधिकारिक तौर पर कोई भी अधिकारी हिरासत में लिए या फिर नजरबंद बनाए गए लोगों की सही संख्या का आंकड़ा देने को तैयार नहीं है।
कहा जा रहा है कि इनकी संख्या पांच हजार पहुंच चुकी है। वादी के हर जिले और शहर में गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है। अधिकारियों ने बताया कि इन लोगों को रखने के लिए अब कई निजी मकानों और होटलों को भी किराये पर लिया है। इन होटलों व इमारतों को उप जेल का दर्जा दिया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ श्रीनगर शहर में नहीं बाडीपोर, बारामुला, अनंतनाग में भी कुछ निजी इमारतों को किराये पर लिया गया है।