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आतंकियों ने माना, पाक हाई कमीशन ने दिया वीजा

राज्य ब्यूरो, जम्मू : उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले से शनिवार को गिरफ्तार लश्कर-ए-तैयबा के दो क

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Feb 2018 01:23 AM (IST)Updated: Sun, 04 Feb 2018 01:23 AM (IST)
आतंकियों ने माना, पाक हाई कमीशन ने दिया वीजा
आतंकियों ने माना, पाक हाई कमीशन ने दिया वीजा

राज्य ब्यूरो, जम्मू : उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले से शनिवार को गिरफ्तार लश्कर-ए-तैयबा के दो कश्मीरी आतंकियों ने पूछताछ में माना कि उन्हें नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान के हाई कमीशन ने वीजा मुहैया करवाया था। आतंकियों ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें इस्लामाबाद के पास स्थित बर्मा नामक कैंप में पाकिस्तान के लड़कों के साथ ही प्रशिक्षण दिया गया। वहां पर आतंकवाद का प्रशिक्षण लेने वाले अधिक युवा बलूचिस्तान के रहने वाले थे और इनमें कई छोटे-छोटे बच्चे भी थे। आतंकियों के इस खुलासे से जम्मू कश्मीर में दहशतगर्दो को भेजने से हर बार मना करने वाले पाकिस्तान का सफेद झूठ भी सामने आ गया है। आतंकियों की गिरफ्तारी को जम्मू कश्मीर पुलिस की बड़ी सफलता माना जा रहा है।

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लश्कर के दोनों आतंकियों को सुरक्षाबलों ने बारामुला में एक नाके के दौरान गिरफ्तार किया। दोनों आतंकी पाकिस्तान से प्रशिक्षण लेकर बाघा-अटारी बार्डर से लौट रहे थे। इससे पहले कि ये कश्मीर में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देते उन्हें पकड़ लिया गया। गिरफ्तार आतंकियों की पहचान अब्दुल मजीद भट निवासी क्रीरी और मोहम्मद अशरफ मीर निवासी पट्टन के रूप में हुई है।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पूछताछ के दौरान आतंकियों ने खुलासा किया कि उन्हें इस्लामाबाद के पास स्थित बर्मा नामक कैंप में प्रशिक्षण दिया गया। इसे हंजाला, अदनान और उमर कोड से आतंकी कमांडर चला रहे थे। दूसरी जगहों पर जिन बच्चों को ट्रेनिंग दी जा रही है, उन्हें ओसामा, नवीद और हताफ कोड से आतंकी कमांडर चला रहे हैं। दोनों आतंकियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनसे और पूछताछ की जा रही है।

पुलिस ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में कश्मीर में ऐसे कई गुटों को पकड़ा है, जो बच्चों को गुमराह कर उन्हें आतंकी प्रशिक्षण देने के लिए सीमा पार भेजने की तैयारी में थे। ऐसे कई युवाओं को हिरासत में लिया गया है, जबकि कई आतंकी मारे भी गए हैं। पुलिस ने अभिभावकों से भी अपने बच्चों पर नजर रखने को कहा है, ताकि कोई उन्हें गुमराह न कर सके।

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पहले भी वीजा लेकर पाकिस्तान गए हैं आतंकी :

-04 फरवरी 2017 : दो आतंकी अजरुद्दीन उर्फ काजी निवासी कुपवाड़ा और सज्जाद अहमद उर्फ बाबर निवासी डूरू सोपोर सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। दोनों पाकिस्तान में वीजा लेकर ही ट्रेनिंग लेने गए थे और वापस आकर आतंकी गतिविधियों में शामिल हुए थे।

-17 जुलाई, 2017 : आतंकी अब्दुल रशीद भट निवासी सोपोर को भी बारामुला पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह भी वीजा लेकर पाकिस्तान ट्रेनिंग के लिए गया था।

-अगस्त 2017 : आतंकी सुहेब फारूक उर्फ फारूक अहमद आखून निवासी खानापोरा भी पाकिस्तान में वीजा लेकर प्रशिक्षण करने के लिए गया और वहां से लौटकर कश्मीर में अभी भी आतंकी गतिविधियों में शामिल है।

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'लश्कर के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। आतंकियों ने पूछताछ में माना कि उन्हें पाकिस्तान ने वीजा मुहैया करवाया था। पूछताछ अभी जारी है।'

-मुनीर खान, आइजीपी कश्मीर

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