Vijay Mashaal in Sakti: लद्दाख के वीरों का मान बढ़ा रही सेना की विजय मशाल, लेह के सक्ती में पूर्व सैनिक सम्मानित
लेह से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर सक्ती में विजय मशाल के सकती पहुंचने पर क्षेत्र के निवासियों ने तिरंगे लहराया उसका स्वागत किया। विजय मशाल को रैली की शक्ल में कार्यक्रम स्थल तक लाया गया। त्रिशूल डिवीजन के खिलाड़ियों ने विक्टरी दौड़ में भी हिस्सा लिया।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । वर्ष 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के स्वर्णिम विजय वर्ष में लद्दाख पहुंची सेना की विजय मशाल क्षेत्र के वीरों का मान बढ़ा रही है।
लेह के दूरदराज इलाके सक्ती में विजय मशाल के सम्मान में कार्यक्रमों के चलते क्षेत्र के दूरदराज सकती में आयोजित कार्यक्रम में सेना ने पचास साल पहले लड़े गए युद्ध में हिस्सा लेने वाले पूर्व सैनिकों, वीर नारियों व शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। इस दौरान शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने क्षेत्र के पूर्व सैनिकों, वीर नारियों से बातचीत कर उन्हें विश्वास दिलाया कि सेना की ओर से उन्हें व उनके परिवारों को हर प्रकार का सहयोग दिया जाएगा।
लेह से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर सक्ती में विजय मशाल के सकती पहुंचने पर क्षेत्र के निवासियों ने तिरंगे लहराया उसका स्वागत किया। विजय मशाल को रैली की शक्ल में कार्यक्रम स्थल तक लाया गया। इस दौरान सेना की त्रिशूल डिवीजन के खिलाड़ियों ने विजय मशाल के साथ एक मील के विक्टरी दौड़ में भी हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान कई पूर्व सैनिकों ने 1971 के युद्ध के अनुभवों को साझा किया। वहीं सेना के बैंड ने देशभक्ति से ओतप्रोत धुनें पेश कर समा बांधा।
वर्ष 1971 के युद्ध में लद्दाख के सैनिकों ने भी दुश्मन का बहादुरी के साथ मुकाबला किया था। इस दौरान तुरतुक में पाकिस्तान द्वारा कब्जाए गए इलाके को भारतीय सेना ने दुश्मन को करारी शिकस्त देकर वापस ले लिया था। ऐसे में विजय मशाल उन सभी जगहों पर ले लाई जा रही है यहां पर सेना के जवानों ने अपना खून बहाकर देश की सरहदों की रक्षा की थी।
सेना की विजय मशाल के सम्मान में लद्दाख में कार्यक्रमों का सिलसिला 24 जुलाई से शुरू हुआ था। कारगिल के बाद अब लेह में विजय मशाल के सम्मान में कार्यक्रमों का सिलसिला जारी है।