घाटी में सेना का संदेश, जो बंदूक उठाएगा मारा जाएगा
राज्य ब्यूरो, जम्मू : आतंकवाद से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से खुली छूट ि
राज्य ब्यूरो, जम्मू : आतंकवाद से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से खुली छूट मिलने के बाद सेना ने मंगलवार को कश्मीर में कड़ा संदेश दिया। सेना ने साफ कहा कि घाटी में जो भी बंदूक उठाएगा वह मारा जाएगा। अगर कोई आतंकियों की मदद करता है तो सुरक्षा एजेंसियां उन्हें भी नहीं छोड़ेंगी। सेना ने कश्मीर में सभी माताओं से आग्रह किया कि जिनके बच्चों ने भी बंदूक उठाई है, उनसे मुख्यधारा में लौटने की अपील करें। इसके साथ ही सेना ने कहा कि पुलवामा हमला जैश-ए-मोहम्मद ने पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आइएसआइ के साथ मिलकर अंजाम दिया है।
पुलवामा में सोमवार को हुई मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को मौत के घाट उतारने के बाद सेना, सीआरपीएफ और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने श्रीनगर में संयुक्त पत्रकार वार्ता की। चिनार कोर के कोर कमांडर ले. जनरल कंवलजीत ¨सह ढिल्लो ने कहा कि कश्मीर में कई गाजी आए और चले गए। पाकिस्तान आधारित जैश-ए-मोहम्मद के कई टॉप कमांडरों को कश्मीर से खत्म कर दिया गया है। सेना लगातार ऐसे कमांडरों की तलाश कर रही है। उन्होंने कहा कि सेना की आत्मसमर्पण नीति बहुत अच्छी है, लेकिन अगर वे नहीं मानेंगे तो सेना उन्हें मार गिराएगी।
कोर कमांडर ने कहा कि पुलवामा आत्मघाती हमले के मास्टरमाइंड को घटना के सौ घंटों के भीतर ही मार गिराया गया है। इस हमले में सीरआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों पर यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला था। उन्होंने कहा कि सोमवार को पुलवामा में हुई मुठभेड़ में सेना ने इस बात का खास ख्याल रखा कि किसी भी आम नागरिक को नुकसान न पहुंचे।
कोर कमाडर ने साफ कहा कि पुलवामा हमला जैश ने पाकिस्तानी सेना व आइएसआइ के साथ मिलकर किया। जैश को आइएसआइ कंट्रोल कर रही है। इसमें किसी को कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि जैश के जितने भी कमाडर हैं, उनमें अधिकाश पाकिस्तानी के रहने वाले हैं। घाटी में सभी आतंकी ऑपरेशनों को यही चलाते हैं। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमला जिस प्रकार से हुआ वह कश्मीर में पहली बार हुआ। ऐसे हमले सीरिया, अफागानिस्तान और पाकिस्तान में होते हैं। सेना के पास सभी विकल्प खुले :
आत्मघाती हमले से निपटने पर कोर कमांडर ढिल्लो ने कहा कि सेना ने अपने सभी विकल्प खुले रखे हैं। इस प्रकार का हमला वर्षो बाद हुआ है। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बारे में कई सूचनाएं मिल रही हैं। जांच अभी प्राथमिक चरण में है। पाकिस्तान खराब मौसम और ठंड के कारण घुसपैठ करवाने का प्रयास करता है। हम आतंकियों के खात्मे में लगे हुए हैं। पिछले साल कश्मीर में ढाई सौ से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया था। जल्दी ही इस समस्या को खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी आम नागरिक को परेशान नहीं किया जा रहा है। छुट्टी बीच में छोड़ शामिल हुए ऑपरेशन में :
कोर कमांडर ने कहा कि पुलवामा में कल हुई मुठभेड़ में घायल हुए ब्रिगेडियर हरवीर ¨सह छुट्टी पर थे। जब उनको आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपेरशन के बारे में जानकारी मिली तो वह अपनी छुट्टी बीच में छोड़कर ऑपरेशन में शामिल हुए। वह स्वयं वहां पर आए और मुठभेड़ के दौरान डटे रहे। उन्होंने अपने जवानों का नेतृत्व आगे आकर किया। इससे साफ है कि हमारे कमांडर स्वयं आगे आकर नेतृत्व कर रहे हैं। नहीं हुई तीन महीने से कोई भर्ती :
जम्मू-कश्मीर पुलिस के आइजी एसपी पाणि ने कहा कि आतंकियों की भर्ती में काफी कमी आई है। पिछले तीन महीनों में आतंकियों की कोई भर्ती नहीं हुई है। इसमें कश्मीर के परिवार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। देशभर में कर रहे हैं कश्मीरियों की मदद :
पत्रकार वार्ता में केंद्रिय रिजर्व पुलिस बल के इंस्पेक्टर जनरल जुल्फिकार हसन ने कहा कि उनकी हेल्पलाइन 14411 इस आतंकी हमले के संबंध में देशभर में कश्मीरियों की मदद कर रही है। कई कश्मीरी छात्रों ने देशभर से इस संबंध में उनसे मदद मांगी है। कश्मीर से बाहर पढ़ रहे छात्रों की सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है।