India China Border News: सर्दियों में लद्दाख की सड़कें खुली रखने के लिए मौसम से मिलकर लड़ेगी सेना
सर्दियों में लद्दाख की सड़कें खुली रखने के लिए मौसम से मिलकर लड़ेगी सेना व सीमा सड़क संगठन-एलएसी पर चीन की चुनौती से निपटने के लिए टैंक-तोप ही नहीं स्नो कटर्स और जेसीबी भी तैयार-
जम्मू, विवेक सिंह । सीमा सड़क संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दैनिक जागरण को बताया कि लद्दाख की सड़कों को जनवरी में भी खुला रखने की कोशिश की जाएगी, ऐसा होता है तो यह इतिहास रचने जैसा होगा। बर्फीले रेगिस्तान लद्दाख में सेना इस बार दो मोर्चो पर जंग लड़ने के लिए तैयार है। एक तरफ टैंक-तोपों से दुश्मनों से लोहा लेने की तैयारी है, तो दूसरी ओर बर्फ से लड़ने के लिए स्नो कटर्स, जेसीबी व अन्य आधुनिक उपकरण तैयार हैं। इस बार लद्दाख में सेना व सीमा सड़क संगठन बेहतर समन्वय बनाकर सुनिश्चित करेंगे कि सर्दियों में बर्फ से लदी लद्दाख की सड़कें सेना के बढ़ते कदम न रोक पाए। मुश्किल लक्ष्य तय किया गया है कि इस बार सुनिश्चित किया जाएगा कि लद्दाख की सड़कें सर्दियों में डेढ़ महीने से अधिक बंद न रहें।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सीमा सड़क संगठन के साथ सेना ने भी अपने साजो-सामान तैयार कर लिए हैं।सामान्य हालात में 434 किलोमीटर लंबा श्रीनगर-लेह राजमार्ग सर्दियों के करीब चार महीने बंद रहता है। अक्टूबर महीने के आखिर में बर्फबारी से चुनौतियों पैदा होने लगती हैं और नवंबर में इस हाईवे पर भारी बर्फ होने के कारण इसे बंद करने के हालात बन जाते हैं। हाईवे खुला रहे, इसके लिए मौसम से जंग लड़नी पड़ती है, लेकिन फरवरी तक रास्ता खुल नहीं पाता।
भारी टैंक गुजारने के लिए पुलों को भी मजबूत बनाया जा रहा :
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, पूर्वी लद्दाख के चुनौतीपूर्ण हालात में सीमा सड़क संगठन के डीजी, लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल ने निर्देश दिए हैं कि जब तक संभव हो लद्दाख की सड़कों को खुला रखा जाए। इसके साथ पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दरबुक-श्योक- दौलत बेग ओल्डी सड़क के सभी पुलों को 15 अक्टूबर तक इतना मजबूत कर दिया जाए कि उनसे नब्बे टन से अधिक भार के वाहन गुजर सकें। ऐसे में इस समय क्षेत्र के सभी पुलों को स्पोर्ट देकर नींव से मजबूत बनाया जा रहा है। पुलों के मजबूत होने पर ट्रक ट्राले पर लदे टी 90 टैंक आसानी से वास्तविक नियंत्रण रेखा तक पहुंच सकेंगे।
इस बार असंभव को संभव कर दिखाने की तैयारी :
सीमा सड़क संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दैनिक जागरण को बताया कि लद्दाख की सड़कों को जनवरी में भी खुला रखने की कोशिश की जाएगी, ऐसा होता है तो यह इतिहास रचने जैसा होगा। सामान्य हालात में दिसंबर महीने में जोजीला में बीस फीट से ज्यादा बर्फ में मार्ग को खुला रखना असंभव हो जाता है। इस बार असंभव को संभव कर दिखाने की तैयारी है। इसके साथ नई बनी पदम-दारचा- नीमू व लेह सड़क को भी दिसंबर व अगले वर्ष जनवरी में बर्फ हटाकर यातायात के लिए खुला रखा जाएगा। यह नई सड़क हिमाचल को लद्दाख से जोड़ती है। इस मार्ग पर लेह के ¨शकूला में टनल बनाने की भी योजना है, जिससे बाद यह सड़क सारा साल खुली रहेगी।
चांगला पास व खारदुंगला पास को भी खुला रखने की तैयारी :
पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो इलाके में चीन का सामना करने के लिए सारा साल साजो सामान पहुंचाने के लिए सीमा सड़क संगठन चांगला पास व खारदुंगला पास को भी खुला रखने में सारी ताकत झौंक देगा। चीन पैंगोंग त्सो इलाके में चुनौतियां पैदा कर रहा है। लेह को पैंगोंग त्सो झील से जोड़ने वाला चांगला पास 17,580 फीट की उंचाई पर है। वहीं दूसरी ओर उत्तरी लेह को श्योक व नोबरा घाटी से जोड़ने वाला खारदुंगला पास 17,582 फीट की ऊंचाई पर है। खारदुंगला विश्व का सबसे ऊंचा मोटरेबल पास है। चांगला पास व खारदुंगला पास वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दबदबा बनाए रखने के लिए रणनीतिक रूप से बहुत अहमियत रखता है। ऐसे में सेना की इंजीनिय¨रग रेजीमेंट भी इन इलाकों को सर्दियों में खुला रखने के लिए दम लगाएगी।