सेना की हुंकार, पाकिस्तान को उसी की जुबान में दिया जा रहा मुंहतोड़ जवाब
कई बार चेतावनी देने के बाद पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है। ऐसे में भारतीय जवानों ने भी उसी की भाषा में जवाब देना शुरू कर दिया है।
राजौरी, जेएनएन। पाकिस्तान अपनी नापाक हरतों से बात नहीं आ रहा है। शांति का राग अलापने वाला हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान पिछले डेढ़ महीनों के दौरान 513 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर चुका है। भारतीय जवान भी इसका मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। अगर पाकिस्तान गोलाबारूद की भाषा ही समझता है तो उसे उसी के लहजे में जवाब दिया जाएगा। भारतीय जवान भी किसी से कम नहीं है।
यह बात 16 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह ने शनिवार को जिला राजौरी में राजौरी दिवस पर आयोजित विशेष कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से की जा रही गोलाबारी में पाक सैनिक बड़े हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारतीय चौकियों के साथ जानबूझकर बड़े हथियारों का इस्तेमाल कर रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया जा रहा है। कई बार चेतावनी देने के बाद पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है। ऐसे में भारतीय जवानों ने भी उसी की भाषा में जवाब देना शुरू कर दिया है।
भारतीय सेना की इस जवाबी कार्रवाई के बाद पाक सैनिकों में दहशत भी है। शुरूआत तो वे कर देते हैं परंतु जब भारतीय सैनिक भी जवाबी कार्रवाई में यहां से गोले दागते हैं तो वे शांत हो जाते हैं। उन्होंने सीमा पर तैनात जवानों को इसी मुस्तैदी के साथ दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कहा।
इस दौरान लेफ्टिनेंट जनरल ने किश्तवाड़ में पनप रहे आतंकवाद पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठन किश्तवाड़ में अपनी जड़े फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। सेना जल्द इस पर काबू पा लेगी। आतंकवादियों की दरपकड़ के लिए आपरेशन शुरू भी कर दिया गया है। कई संदिग्ध लोगों को हिरास्त में भी लिया गया है। लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह ने कहा कि राष्ट्र विरोधी ताकतों को जम्मू-कश्मीर व भारत के किसी राज्य में पनपने नहीं दिया जाएगा। उन्हें जड़ से उखाड़ फैंकने के लिए सेना सक्षम है।
क्यों मनाया जाता है राजौरी दिवस
वर्ष 1948 में आज के ही दिन सेना के जवानों ने पाक सेना व कबायलियों के कब्जे से राजौरी को मुक्त करवाया था। इस दिन सैकड़ों भारतीय जवान शहीद हुए थे। तब से सेना द्वारा हर वर्ष 13 अप्रैल को राजौरी दिवस के रूप में मनाया जाता है। राजौरी में यह दिवस तीन दिन तक मनाया जाता है। वहीं सेना के अधिकारी इस दिन शहीद जवानों को श्रद्धांजलि भी अर्पित करते हैं।