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J&K : सेना का बिना एलओसी पार कर दुश्मन पर सटीक निशाना, 12 अक्टूबर के बाद उड़ी में आतंकियों के सात लांचिंग पैड तबाह

भारतीय सेना की फायर असाल्ट सर्जिकल स्ट्राइक ने पुलवामा दोहराने और खूनखराबे की बड़ी योजना लेकर लांचिंग पैड में बने बंकरों में छिपकर बैठे दहशतगर्दों को बेमौत मार गिराया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 10:34 AM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 10:34 AM (IST)
J&K : सेना का बिना एलओसी पार कर दुश्मन पर सटीक निशाना, 12 अक्टूबर के बाद उड़ी में आतंकियों के सात लांचिंग पैड तबाह
J&K : सेना का बिना एलओसी पार कर दुश्मन पर सटीक निशाना, 12 अक्टूबर के बाद उड़ी में आतंकियों के सात लांचिंग पैड तबाह

जम्मू, विवेक सिंह । भारतीय सेना की फायर असाल्ट सर्जिकल स्ट्राइक ने पुलवामा दोहराने और खूनखराबे की बड़ी योजना लेकर लांचिंग पैड में बने बंकरों में छिपकर बैठे दहशतगर्दों को बेमौत मार गिराया। सेना एलओसी पार किए बिना तोपों की सटीक गोलाबारी में लांचिंग पैडों को नेस्तनाबुत कर रही है। 12 अक्टूबर के बाद उड़ी में सेना के फायर असाल्ट सर्जिकल स्ट्राइक में अब तक पाक सेना की निगरानी में चल रहे आतंकियों के सात लांचिंग पैड तबाह किए गए हैं।

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सूत्रों के अनुसार नीलम घाटी व लीपा घाटी में लांचिंग पैड तय रणनीति के तहत निशाना बनाए गए हैं। भारी बर्फबारी के कारण अगले महीने से कश्मीर के उच्च पर्वतीय इलाके बंद होने लगेंगे। ऐसे हालात में पाकिस्तान सेना के चलाए जा रहे कैंपों में आतंकवादियों का जमावड़ा था। दूर से फायर असाल्ट सर्जिकल स्ट्राइक के लिए वह समय चुना गया जब बड़ी संख्या में आतंकी मौजूद थे। ये वहीं प्रशिक्षण शिविर हैं यहां से जम्मू कश्मीर में बड़ी वारदातें करने के लिए घुसपैठ की तैयारी थी। सेना ने सटीक प्रहार से यह संदेश दिया है कि गुलाम कश्मीर में न तो आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविर और न ही वहां अपनी बिलों में छिपकर बैठे आतंकी सुरक्षित हैं।

सेना के सेवानिवृत ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता का कहना है कि सेना ने लांचिंग पैड पर बैठे आतंकवादियों को सजा व पाकिस्तान को करारा संदेश दिया है। लक्ष्य तय करने के बाद सटीक निशानेबाजी से उन्हें तबाह कर दिया इसे ही फायर असाल्ट सर्जिकल स्ट्राइक कहते हैं। उनका कहना है कि प्रहार एलओसी के पार हुआ है लेकिन रीढ़ की हड्डी कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों की टूटी है। कश्मीर में आतंकवादियों के पास पैसा, हथियार नही हैं, ऐसे हालात में उन तक सीमा पार से मदद का न पहुंच पाना स्पष्ट संकेत है कि वे पंगु होकर आसानी से सुरक्षाबलों का निशाना बन जाएंगे। पाक व उसकी शह पर काम कर रही तंजीमें सेना की सटीक कार्रवाई से हताश हो गई हैं।


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