J&K: हाइवे पर हफ्ते में दो दिन सिर्फ सुरक्षाबलों के ही वाहन
इतवार और बुधवार को सुबह चार बजे से शाम पांच बजे तक बारामुला-श्रीनगर-काजीगुंड-जवाहर सुरंग-बनिहाल-रामबन-उधमपुर तक हाईवे पर सिर्फ सुरक्षाबलों के वाहन ही चलेंगे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। सड़क के रास्ते कश्मीर जाने का कार्यक्रम बना रहे हैं तो फिर ध्यान रखिए। इतवार और बुधवार को नहीं जाएं। इन दोनों दिनों के दौरान सुबह चार बजे से शाम पांच बजे तक 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर उधमपुर से श्रीनगर और श्रीनगर से बारामुला तक सिर्फ सुरक्षाबलों के वाहनों को ही आवाजाही की अनुमति होगी। नागरिक वाहनों को सिर्फ विशेष परिस्थितियों में स्थानीय प्रशासन की अनुमति के आधार पर ही हाइवे पर चलने दिया जाएगा।
संबधित अधिकारियो ने बताया कि यह कदम लोसभा चुनावों के दौरान हाईवे पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की आवाजाही को ध्यान में रखते हुए पुलवामा और बनिहाल वाहनबम हमलों या अन्य किसी आतंकी हमले की आशंका को टालने के लिए ही उठाया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य प्रशासन ने हाईवे पर 31 मई तक प्रत्येक इतवार और बुधवार को आम वाहनों की आवाजाही पर रोक संबंधी अधिसूचना आज जारी कर दी है। अन्य दिनों के दौरान नागरिक वाहनों की हाईवे पर आवाजाही सामान्य रुप से बहाल रहेगी।
उन्होंने बताया कि इतवार और बुधवार को सुबह चार बजे से शाम पांच बजे तक बारामुला-श्रीनगर-काजीगुंड-जवाहर सुरंग-बनिहाल-रामबन-उधमपुर तक हाईवे पर सिर्फ सुरक्षाबलों के वाहन ही चलेंगे। अगर आम लोगों को किन्हीं विशेष और अापात परिस्थितियों में हाईवे पर सफर करना पड़ता है तो उसके लिए नागरिक प्रशासन और पुलिस संगठन कफूय्र की स्थिति में अपनायी जाने वाली व्यवस्था और प्रक्रिया का सहारा लेगा। उन्होंने बताया कि यह पाबंदी 31 मई 2019 तक जारी रहेगी।
यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि पुलवामा हमले के बाद श्रीनगर में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने आए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि हाईवे पर सुरक्षाबलों के काफिलों की आवाजाही के लिए सप्ताह में कुछ दिनों को चुना जाएगा और उस समय नागरिक वाहनों की आवाजाही को रोका जाएगा। फरवरी में लिथपोरा पुलवामा में जैश ए मोहम्मद के आत्मघाती आतंकी ने सीआरपीएफ के काफिले पर कारबम से हमल किया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद 30 मार्च को बनिहाल के निकट हिज्ब के एक आतंकी ने सीआरपीएफ काफिले पर आत्मघाती हमले का प्रयास किया था।
- राजमार्ग को नागरिक वाहनों की आवाजाही के लिए बंद करना आंतरिक सुरक्षा प्रबंध में प्रधानमंत्री की नाकामी साबित करता है। 30 वर्ष में पहले कभी भी इस तरह से राष्ट्रीय राजमार्ग को आम नागरिक वाहनों की आवाजाही के लिए बंद नहीं किया है। यह जम्मू-कश्मीर में आतंरिक सुरक्षा प्रबंधन में नाकामी एक बड़ी स्वीकारोक्ति है। क्यों नहीं सुरक्षाबलों को बनिहाल व बारामुला के बीच आवाजाही के लिए विशेष ट्रेन की सुविधा दी जाती। - उमर अब्दुल्ला, नेकां उपाध्यक्ष
- हाइवे को बंद करने का अपनी तरह का पहला फैसला है। इसके राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक स्तर पर नाकारात्मक असर होंगे। सरकार को अपने लिए फौजी पहचान नहीं बनानी चाहिए। वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी संबंधी फैसला तो घूमने फिरने के अधिकार पर आघात ही है। - सज्जाद गनी लोन, चेयरमैन, पीपुल्स कांफ्रेंस