Jammu Kashmir: आतंक को जिंदा रखने के लिए हो रही कश्मीरी हिंदुओं-अप्रवासी श्रमिकों की टारगेट किलिंग: आर्मी कमांडर
सेना की उत्तरी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा है कि कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं अप्रवासी श्रमिकों की टारगेट किलिंग आतंक को जिंदा रखने की साजिश का हिस्सा हैं।पाकिस्तान पर जम्मू-कश्मीर में आतंक को शह देना बंद करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दवाब है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। सेना की उत्तरी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा है कि कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं, अप्रवासी श्रमिकों की टारगेट किलिंग आतंक को जिंदा रखने की साजिश का हिस्सा हैं।
आर्मी कमांडर ने कहा है कि पाकिस्तान पर जम्मू-कश्मीर में आतंक को शह देना बंद करने के लिए भारी अंतरराष्ट्रीय दवाब है। ऐसे में कश्मीर में आतंक को स्थानीय रंग देने के लिए पाकिस्तान ने कई छद्म आतंकी संगठन बनाए हैं। आर्मी कमांडर सोमवार को मीडिया से बातचीत कर रहे थे। आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट, पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट, गजनवी फोर्स, युनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट, गीलानी फोर्स, लश्कर-ए-मुस्तफा व जम्मू कश्मीर फ्रीडम फाइटर, पिछले करीब डेढ़ सालों से टारगेट किलिंग की जिम्मेदारी ले रहे हैं।
आर्मी कमांडर ने कहा कि पिछले कुछ समय के दौरान आतंकियों ने अप्रवासी श्रमिकों, कश्मीरी हिंदुओं व शांति कायम करने मेें सहयोग देने वालों को निशाना बनाया है। इससे स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि आतंकी हताश हो गए हैं। आतंकी मानवाधिकार का हनन करने के साथ कश्मीरियत को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। चंद लोगों को छोड़कर अधिकतर लोग देश विरोधी तत्वों के मंसूबों को नकारने के लिए खुलकर सामने आ गए हैं। जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति कायम करने के लिए सुरक्षाबलों के जवानों व लोगों का बलिदान काम आ रहा है। जम्मू-कश्मीर पहले जैसा खुशहाल बन रहा है।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि सेना की राष्ट्रीय राइफल्स व सुरक्षाबलों के बीच समन्वय से आतंक प्रभावित इलाकों के हालात में अगस्त 2019 के बाद बहुत बदलाव आया है। राष्ट्रीय राइफल्स के प्रयासों से बदलाव के माहौल में प्रशासन विकास को बढ़ावा देने की दिशा में काम आ रहा है। माहौल में आ रहा बदलाव लोगों का मनोबल भी बढ़ा रहा है। आतंक व हिंसा में कमी के कारण आतंकी तंजीमों के साथ सीमा पार उनके आका निराश हैं। हालात लगातार बेहतर हो रहे हैं। अप्रवासी श्रमिकों व कश्मीरी हिंदुओं पर होने वाले आतंकी हमलों की समीक्षा कर ऐसी चुनौतियों को खत्म करने के लिए उचित कदम उठाए गए हैं।
वहीं दूसरी ओर प्रदेश में अगस्त 2019 के बाद अब तक 17 कश्मीरी हिंदुओं व अप्रवासी श्रमिकों की टारगेट किलिंग हुई है। वर्ष 2021 में ही आतंकियों ने 3 कश्मीरी हिंदुओं, 1 सिख व 5 अप्रवासी श्रमिकों की हत्या की थी। जारी वर्ष में ही कश्मीर में आतंकियों ने दस कश्मीरी हिंदुओं व श्रमिकों को गोली मार कर घायल किया है। इस वर्ष मार्च महीने के बाद 3 कश्मीरी हिंदुओं को निशाना बनाया गया है। इनमें से सतीश सिंह व राहुल भट्ट की मृत्यु हो गई थी। वहीं घाटी से पलायन न करने वाले कश्मीरी हिंदू बाल कृष्ण को आतंकियों ने शोपियां में गोली मार कर घायल कर दिया था। वह वहां पर दवाइयों की दुकान चलाते हैं।