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रक्षामंत्री के दौरे से पहले द्रास पहुंचे थलसेना प्रमुख, सुरक्षा हालात-कारगिल विजय दिवस की तैयारियों का जायजा लिया Jammu News

लद्दाख की सुरक्षा का जिम्मा सेना की 14 कोर के पास है। इस समय इस कोर की कमान भी कारगिल में युद्ध लडऩे वाले अधिकारी संभाल रहे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 20 Jul 2019 11:00 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 11:00 AM (IST)
रक्षामंत्री के दौरे से पहले द्रास पहुंचे थलसेना प्रमुख, सुरक्षा हालात-कारगिल विजय दिवस की तैयारियों का जायजा लिया Jammu News
रक्षामंत्री के दौरे से पहले द्रास पहुंचे थलसेना प्रमुख, सुरक्षा हालात-कारगिल विजय दिवस की तैयारियों का जायजा लिया Jammu News

जम्मू, राज्य ब्यूरो। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के राज्य दौरे से एक दिन पहले कारगिल के द्रास पहुंचे थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने क्षेत्र के सुरक्षा हालात और कारगिल विजय दिवस की तैयारियों का जायजा लिया।

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थलसेना प्रमुख सेना की उत्तरी कमान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ द्रास में रक्षामंत्री का स्वागत करेंगे। कारगिल विजय के बीस साल पूरा होने के उपलक्ष्य में इस समय बड़े पैमाने पर सेना के कार्यक्रमों का सिलसिला जारी है। रक्षामंत्री के बाद 22 जुलाई को राज्यपाल सत्यपाल मलिक और 26 को कारगिल विजय दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी कारगिल आ रहे हैं।

कारगिल पहुंचे थलसेना प्रमुख ने सेना की उत्तरी कमान व 14 कोर के अधिकारियों के साथ बैठक कर लद्दाख की सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने के साथ अग्रिम इलाकों के हालात पर गौर किया। उन्होंने उत्तरी कमान के शीर्ष अधिकारियों से बाबा अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए चल रही मुहिम की भी जानकारी ली। इस समय कश्मीर में सेना आतंकियों पर भारी दबाव बनाकर बाबा अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के अभियान पर है।

सूत्रों के अनुसार थलसेना प्रमुख ने लद्दाख में कड़ी सतर्कता बनाए रखने पर जोर दिया है। लद्दाख में कारगिल युद्ध लडऩे वाली सेना, चुनौतीपूर्ण हालात में पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा व चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है। इसके साथ थलसेना प्रमुख ने कारगिल में तैनात जवानों से बातचीत कर उनका हौसला बढ़ाया।

लद्दाख की सुरक्षा का जिम्मा सेना की 14 कोर के पास है। इस समय इस कोर की कमान भी कारगिल में युद्ध लडऩे वाले अधिकारी संभाल रहे हैं। 14 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी कारगिल युद्ध के दौरान सेना की 13 जैकलाई के कमान अधिकारी थे। उन्होंने लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में कारगिल की प्वायंट 5140 चोटी जीतने में निर्णायक भूमिका निभाई थी। इस बहादुरी के लिए उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।


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