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India-China Border Issue: भारत-चीन सीमा की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने लद्दाख पहुंचे सेना प्रमुख नरवने

भारतीय सेना ने अपनी उन पहाड़ की चोटियों पर एक बार फिर कब्जा जमा लिया है जो भारत से 1962 के युद्ध के बाद छीन लिए गए थे। भारतीय सेना ने यह सब एक भी गोली चलाए बिना किया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 11:34 AM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 12:57 PM (IST)
India-China Border Issue: भारत-चीन सीमा की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने लद्दाख पहुंचे सेना प्रमुख नरवने
India-China Border Issue: भारत-चीन सीमा की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने लद्दाख पहुंचे सेना प्रमुख नरवने

श्रीनगर, जेएनएन। पूर्व लद्दाख में चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार बैठी सेना का हौंसला बढ़ाने के लिए थलसेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवने लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर वीरवार लेह पहुंच गए हैं।

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आर्मी चीफ पैगोंग त्सो झील के करीब चीन सेना की घुसपैठ को नाकाम बनाने से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उपजे हालात का जायजा ले रहे हैं। वह सेना की उत्तरी कमान के आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, लद्दाख की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सेना की चौदह कोर के कोर कमांडर व अन्य फील्ड कमांडरों से सेना की आपरेशनल तैयारियों की जानकारी लेंगे। बुलंद हौंसले के साथ चीन के सामने खड़ी भारतीय सेना ने पैगोंग त्सो झील के निकट रणनीतिक रूप से अहम ब्लैक टाप चोटी पर पर कब्जा कर लिया है। उंचाई वाले इस इलाके में भारतीय सेना की मौजूदगी चीन के घातक है।

ऐसे हालात में अपने दौरे के दौरान आर्मी चीफ अग्रिम इलाकों का दौरा कर वहां तैनात सेना के जवानों से बातचीत भी करेंगे। इस दौरान वह अग्रिम इलाकों की माैजूदा चुनौतियों व उनका सामना करने के लिए उठाए जा रहे कदमों का निरीक्षण करेंगे। मौजूदा हालात में आर्मी चीफ का दौरा चीन को भी कड़ा संकेत है कि क्षेत्र में उसकी साजिशों को अब कामयाब नही होने दिया जाएगा।

जून महीने में पूर्वी लद्दाख के गलवन में चीन सेना से खूनी संघर्ष के बाद क्षेत्र में सेना, वायुसेना को मजबूत बनाने के साथ सैनिकों का हौंसला बढ़ाने के लिए मुहिम जोरशोर से जारी है। एक और सेना का आधुनिक बनाने की कोशिश हो रही है तो दूसरी और युद्धस्तर पर पुल व सड़कें बनाकर सेना के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने का अभियान जारी है। ऐसे हालात में आर्मी चीफ पूर्वी बटालियनों को आधुनिक हथियार व उपकरण देकर सेना की मारक क्षमता बढ़ाने की दिशा में हो रही कोशिशों के बारे में भी जानकारी लेंगे।

लद्दाख में चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की मुहिम के चलते जून महीने से अब तक आर्मी चीफ 4 बार लद्दाख का दौरा कर चुके हैं। उनके साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व रक्षमंत्री राजनाथ सिंह ने भी पूर्वी लद्दाख में आकर चीन को स्पष्ब्ट संकेत दिया है कि अब पहले से कई गुणा मजबूत हो गई भारतीय सेना देश की एक इंच जमीन पर भी दुश्मन को कब्जा नही करने देगी।

जनरल नरवाने की यात्रा ऐसे समय में हुई है जब लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से पर भारतीय सेना ने अपना कब्जा जमा लिया है। यही नहीं भारतीय सेना ने अपनी उन पहाड़ की चोटियों पर एक बार फिर कब्जा जमा लिया है, जो भारत से 1962 के युद्ध के बाद छीन लिए गए थे। भारतीय सेना ने यह सब एक भी गोली चलाए बिना किया है। 


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