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Jammu Kashmir: चार फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन को मंजूरी, प्रशासनिक परिषद की बैठक में लिए आैर कई अहम फैसले

राज्य में सूचना तकनीक के क्षेत्र में बेहतर वातावरण बनाने के लिए जम्मू कश्मीर इंफारमेशन टेक्नोलॉजी एनेबल्ड सर्विस (आइटीईएस) नीति 2020 को अपनाया गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 21 Mar 2020 10:49 AM (IST)Updated: Sat, 21 Mar 2020 10:49 AM (IST)
Jammu Kashmir: चार फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन को मंजूरी, प्रशासनिक परिषद की बैठक में लिए आैर कई अहम फैसले
Jammu Kashmir: चार फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन को मंजूरी, प्रशासनिक परिषद की बैठक में लिए आैर कई अहम फैसले

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर में दुष्कर्म व यौन शोषण से बच्चों की सुरक्षा मामलों के जल्द निपटारे के लिए चार फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है। उपराज्यपाल जीसी मुर्मू की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रशासनिक परिषद ने इन अदालतों के गठन को मंजूरी दी है। इन अदालतों का गठन आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 2018 के कार्यान्वयन को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल की अध्यक्षता में बुधवार को हुई प्रशासनिक परिषद की बैठक में ही पाक्सो अधिनियम और महिलाओं के प्रति अपराध व दुष्कर्म संबंधी मामलों की सुनवाई के लिए चार फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन का फैसला लिया गया है। 

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यह अदालतें जम्मू, श्रीनगर, कुलगाम व रियासी में स्थापित की जाएंगी। जम्मू व श्रीनगर में स्थापित की जाने वाली अदालतों में पाक्सो अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई होगी। कुलगाम व रियासी की अदालत में महिलाओं से दुष्कर्म समेत विभिन्न अपराधों से जुड़े मामलों की सुनवाई होगी। प्रशासनिक परिषद ने जम्मू व श्रीनगर में स्थापित की जाने वाली फास्ट ट्रैक अदालतों में पाक्सो से जुड़े मामलों के लिए आवश्यक स्टाफ संग विशेष लोक अभियोजन कार्यालय की स्थापना को भी मंजूरी दी है।

आइटीईएस नीति से डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा

राज्य में सूचना तकनीक के क्षेत्र में बेहतर वातावरण बनाने के लिए जम्मू कश्मीर इंफारमेशन टेक्नोलॉजी एनेबल्ड सर्विस (आइटीईएस) नीति 2020 को अपनाया गया है। उपराज्यपाल जीसी मुर्मू की अध्यक्षता में हुई प्रशासनिक परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया है। इस नीति के तहत मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सूचना तकनीक के ढांचे का विस्तार किया जाएगा। ई-गर्वनेंस के अलावा युवाओं के लिए डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा दिया जाएगा। आइटी सेक्टर में रोजगार बढ़ाने के लिए निवेश लाया जाएगा। नई तकनीक को बढ़ावा देने के लिए संभावनाओं को तलाशा जाएगा। उद्यमी विकास को बढ़ावा देने के साथ नागरिकों के लिए सुरक्षित साइबर स्पेस उपलब्ध होगी। इस नीति के तहत आइटी में निवेश के लिए ङ्क्षसगल ङ्क्षवडो सिस्टम को अपनाया जाएगा। निवेशकों को वित्तीय रियायत भी दी जाएगी। स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए इंसेटिव दिया जाएगा। आइटी उद्योग के लिए जगह तैयार होगी। इससे जम्मू कश्मीर की अर्थ व्यवस्था को प्राइवेट निवेश के जरिए मजबूत करने में मदद मिलेगी।

पर्यटन नीति से खिलेगा पर्यटन उद्योग

जम्मू-कश्मीर की आर्थिक स्थिति पर्यटन उद्योग पर निर्भर है, लेकिन पूर्व सरकारों ने इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ठोस नीति तैयार नहीं की। गत बुधवार को राज्य प्रशासन की प्रशासकीय परिषद की बैठक में जम्मू-कश्मीर की पहली पर्यटन नीति को मंजूरी मिलने से पर्यटन उद्योग के खिलने की उम्मीद बन गई है। पर्यटन नीति बनने से जम्मू-कश्मीर सदाबहार पर्यटनस्थल के रूप में विकसित होगा। परिषद ने जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसके अनुसार वर्ष 2025 तक पूरे जम्मू-कश्मीर को भारत में देशी-विदेशी पर्यटकों का पसंदीदा पर्यटन स्थल बनाया जाएगा। सभी प्रकार के पर्यटन को प्रोत्साहित व विकसित किया जाएगा। स्थानीय लोगों के लिए इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए दस वर्षों तक चार हजार पर्यटन सेवा प्रदात्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। नीति के तहत स्थानीय संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए शहरों के आधार पर विभिन्न समारोहों व कार्यक्रमों को प्रचारित करते हुए उन्हें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने के लिए उचित प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थलों पर प्रतिष्ठित करने के लिए प्रयास होंगे। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि इससे जम्मू-कश्मीर में पर्यटन उद्योग को विकास होगा।  


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