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अब मैदानी इलाकों में भी होगी सेब की पैदावार

गुलदेव राज, जम्मू कश्मीर के ठंडे क्षेत्रों में ही नहीं, गर्म रहने वाले जम्मू के मैदानी इलाकों में

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 09:51 PM (IST)Updated: Sun, 22 Apr 2018 09:51 PM (IST)
अब मैदानी इलाकों में भी होगी सेब की पैदावार
अब मैदानी इलाकों में भी होगी सेब की पैदावार

गुलदेव राज, जम्मू

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कश्मीर के ठंडे क्षेत्रों में ही नहीं, गर्म रहने वाले जम्मू के मैदानी इलाकों में भी सेब की पैदावार हो सकेगी। यहां पर किए गए ट्रायल के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। भलवाल ब्लॉक के गांव रांजन में ढाई साल पहले हरिमन-99 सेब की वेरायटी के 25 पौधे लगाए गए थे। अब इनमें फल आ गए हैं और साइज भी बेहतर है।

बागवान सुरेंद्र सिंह और वीरेंद्र ¨सह के फार्म में पिछले साल भी कुछ पौधों पर अच्छे सेब लगे थे। इस सफलता के बाद उन्होंने जम्मू के मैदानी क्षेत्रों के बागवानों को सेब के इन पौधों को लगाने के लिए प्रेरित करने का मन बनाया है। इसके लिए 10 हजार पौधे तैयार किए जा रहे हैं। दिसंबर में सीजन आने पर ये पौधे को बागवानों को दिए जाएंगे। बीते सीजन में भी कुछ पौधे बागवान व किसानों को दिए गए थे। यह पहला मौका होगा जब जम्मू के मैदानी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सेब के पौधे लग सकेंगे।

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ऐसे आया विचार

सुरेंद्र ¨सह व वीरेंद्र ¨सह को बागवानी तकनीक जानने के लिए 2016 में हिमाचल प्रदेश जाना हुआ। तभी सेब की इस वेरायटी के बारे में पता चला। वे मैदानी इलाके में सेब के बाग देखे। सेब खाया तो स्वाद में अच्छा पाया। तभी मन में ख्याल आया कि यह सेब जम्मू के मैदानी, गर्म इलाकों में भी तैयार हो सकता है। कुछ पौधे मंगवा कर रांजन गांव में ट्रायल हुआ। अब अधिक से अधिक ग्रामीण सेब के बाग लगाएं, इसके लिए सुरेंद्र व विरेंद्र ने पूरी तकनीक सीखी और ग्रा¨फ्टग के जरिए हजारों पौधे तैयार किए जा रहे हैं। इनका कहना है कि जम्मू के कंडी क्षेत्र के युवा सेब के बाग लगाकर अच्छा रोजगार आने वाले समय में पा सकते हैं।

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वेरायटी हरिमन 99

दरअसल हरिमन हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर का उन्नत बागवान व किसान का नाम है, जिसने बागवानी व खेती में कई तजुर्बे हासिल किए हैं। कुछ साल पहले सेब की ऐसी वेरायटी तैयार कर डाली, जिसको तैयार करने के लिए ठंडे वातावरण की जरूरत नहीं। इसी वेरायटी का नाम हरिमन 99 दिया गया है। यह वेरायटी 48 डिग्री सेल्सियस के तापमान में भी फल सकती है। दो साल में पौधा फल देने लगता है। सात साल बाद एक पेड़ से हर साल एक ¨क्वटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है। ¨दसबर से 15 फरवरी तक इन सेब के पौधे लगाने का समय है। फरवरी में फूल लगने लगते है और जून में फल तैयार हो जाते हैं। दूसरे राज्यों में भी किसानों का रुझान इस सेब की खेती कीे ओर बढ़ रहा है।

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अच्छा प्रयास है : कृषि विशेषज्ञ

कृषि विशेषज्ञ अमरीक ¨सह का कहना है कि अच्छा प्रयास इन किसानों द्वारा हुआ है। इससे जम्मू संभाग के किसानों को लाभ मिलने वाला है। खेती के साथ साथ बागवानी का रास्ता भी खुल आएगा। उन्होंने बताया कि रांजन फार्म पर जाने का अवसर मिला। सेबों के बड़ी संख्या में तैयार हो रहे पौधे और बड़े पेड़ों पर लगे फल देखकर प्रसन्नता हुई। कुछ नया है मगर ग्रामीणों के लिए बेहतर है।

वहीं, बागवानी अधिकारी संजीव कुमार ने कहा कि जम्मू के कंडी क्षेत्र में बागवानी की अपार संभावनाएं हैं। यहां पर बागवानी को बढ़ाने के लिए विभाग पूरी मेहनत कर रहा है। ग्रामीण युवाओं को आगे आना चाहिए और बागवानी में अपना भविष्य बनाना चाहिए। बाग लगाने के लिए सरकार के पास कई योजनाएं भी हैं।


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