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Jammu Kashmir: दिल्ली ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने में देरी की तो हम सड़कों पर उतरेंगे: अल्ताफ बुखारी

पार्टी के गठन के बाद काफी कुछ हो गया। अनुच्छेद 370 हटने के बाद लंबा बद रहा जम्मू-कश्मीर और लद्​दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया व उसके बाद कोरोना महामारी। फिर भी घर में रहते हुए भी वे जो अच्छा कर सकते थे उन्होंने किया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 02:17 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 02:17 PM (IST)
Jammu Kashmir: दिल्ली ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने में देरी की तो हम सड़कों पर उतरेंगे: अल्ताफ बुखारी
बुखारी ने कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर के लोगों को खोखले सपने नहीं दिखाए।

जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने पार्टी के स्थापना दिवस पर दिल्ली सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द ही जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस नहीं दिया गया तो वह सड़कों पर उतरने से हिचकिचाएंगे नहीं। हालांकि उन्होंने यह बात अवश्य मानी कि वह चाहकर भी अनुच्छेद 370 की बहाली नहीं करवा सकते। उन्होंने कहा कि यह फैसला संसद में लिया गया है और इसकी बहाली भी संसद की मंजूरी पर निर्भर करती है। वह जम्मू-कश्मीर की जनता से ऐसा कोई झूठा वायदा नहीं करेंगे जो पूरा न होता हो। राज्य का दर्जा वापस हासिल करने के लिए वह और उनकी पार्टी के नेता कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

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अपनी पार्टी के प्रथम स्थापना दिवस पर पत्रकारों से बात करते हुए बुखारी ने कहा कि 1947 में भी बहुत वायदे किए गए थे, लेकिन कुछ भी वापस नहीं दिया गया। हमें जम्मू-कश्मीर में राज्य की बहाली के लिए लड़ना होगा। बुखारी ने कहा कि हमारी मांग जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने की भी है। आपको जानकारी हो कि जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी का गठन 08 मार्च, 2020 को हुआ था। उन्होंने कहा कि पार्टी के गठन के बाद काफी कुछ हो गया। अनुच्छेद 370 हटने के बाद लंबा बद रहा, जम्मू-कश्मीर और लद्​दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया व उसके बाद कोरोना महामारी। फिर भी घर में रहते हुए भी वे जो अच्छा कर सकते थे, उन्होंने किया।

बुखारी ने कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर के लोगों को खोखले सपने नहीं दिखाए। कभी भी कोई ऐसा वादा नहीं किया, जो संभव नहीं है। जहां तक की उन्हें पार्टी नेता मोहम्मद अशरफ मीर, एसएमसी मेयर जुनैद मट्टू समेत कई लोगों ने इस बात के लिए भड़काया कि वह जम्मू-कश्मीर के लिए फिर से उसी दर्जे की मांग क्यों नहीं रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह झूठे वादे नहीं कर सकते क्योंकि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-ए को हटाने का निर्णय संसद में लिया गया। इसे फिर से बहाल करने का अधिकार भी संसद के पास ही है। “मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि 5 अगस्त, 2019 जम्मू-कश्मीर के इतिहास का सबसे काला दिन था, जिसे कोई नहीं भूलेगा। हम जम्मू-कश्मीर में राज्य की बहाली के लिए कड़ी मेहनत करेंगे और अगर दिल्ली ने इसमें देरी की तो हम सड़कों पर उतरने से भी नहीं हिचकेंगे।” 


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