Jammu Kidnapping Case: मास्टर माइंड अभी भी पकड़ से दूर, पुलिस ने कहा सुलझा लिया मामला
एसएसपी सांबा कौशल कुमार ने फिरौती की रकम का कहीं उल्लेख नहीं किया कि अपहरणकर्ताओं को कितनी फिरौती दी गई।
जम्मू, अवधेश चौहान। पांचवी कक्षा के छात्र अनिरुद्ध शर्मा के अपहरण के 12 दिन बाद एसएसपी सांबा ने पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया है कि पुलिस ने मामले को सुलझा लिया है। इसमें अभी तक 6 आरोपितों की गिरफ्तारी का खुलासा किया गया है। जबकि अपहरण कांड का मास्टर माइंड संजय पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पुलिस ने अपहरणकांड से जुड़े कुछ पहलुओं को प्रेस विज्ञप्ति में जिक्र नहीं किया। मामला सुलझाने के लिए पुलिस टीम को सम्मानित किया गया था
एसएसपी सांबा कौशल कुमार ने फिरौती की रकम का कहीं उल्लेख नहीं किया कि अपहरणकर्ताओं को कितनी फिरौती दी गई। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा है कि योजना के तहत पुलिस का एक दल सादी वर्दी में अनिरुद्ध के पिता जोगेंद्र शर्मा के साथ बैग लेकर जम्मू श्रीनगर-राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित नंदनी के पास गया। वहां पर बैग में फिरौती की रकम का प्रलोभन देकर अपहरणकर्ता अंग्रेज सिंह निवासी मुत्तल उधमपुर और उसके भतीजे धीरज सिंह को सौंप दिया। यह दोनों अपहरणकर्ता तवेरा गाड़ी में आए थे।
बच्चा न मिलने पर छोड़ दिया था अपहरणकर्ताओं को
सादी वर्दी में पुलिस पार्टी ने उनका पीछा कर रोक लिया और उनकी पहचान करने के बाद जाने दिया। पुलिस ने यह नहीं बताया कि पकड़ने के बाद क्यों जाने दिया। दरअसल पुलिस के बयान में सच्चाई है, क्योंकि अपहरणकर्ताओं के पास बच्चा नहीं मिला था। इसलिए अपहरणकर्ताओं को छोड़ने में ही पुलिस ने भलाई समझी। बैग में फिरौती के 20 लाख रुपये थे और पुलिस को भरोसा था कि अपहरणकर्ताओं से यह पैसे बाद में भी वसूले जा सकते हैं, क्योंकि पहले बच्चे की जान हर हाल में बचाना जरूरी है। पुलिस ने हालांकि बैग लेकर गए अपहरणकर्ताओं पर नजर रखी और अंग्रेज सिंह और धीरज सिंह को टीकरी के जंगल गली इलाके से पकड़ लिया।
अमृतसर में सक्रिय था अपहरणकर्ताओं का दूसरा ग्रुप
पुलिस का कहना है कि अपहरणकर्ताओं का एक अन्य ग्रुप जिसमें विलायत उर्फ अमृत जो अमृतसर से लगातार संपर्क में थे, ने बच्चे के पिता जोगेंद्र को बताया कि अनिरुद्ध शाम को घर लौट आएगा। पुलिस का कहना है कि उन्होंने अंग्रेज और उसके भतीजे धीरज सिंह को जंगल गली इलाके से बैग समेत दबोच लिया। पुलिस ने यह भी नहीं बताया कि पुलिस जब अंग्रेज सिंह के टीकरी के जंगल गली इलाके में स्थित घर में पहुंची तो अंग्रेज सिंह की पत्नी सेवा कुमार ने पहाड़ी से कूद कर आत्महत्या कर ली। सेवा कुमारी की खुदकुशी भी पहेली बन कर रह गई। 8 मई को बच्चे की रिहाई की बात पुलिस ने कही है।
अपहरण में छह लोग थे शामिल
बच्चे को शमशाद बेगम के किराये के मकान में बलबीर उर्फ वीर के कब्जे में रखा गया। बच्चे का अपहरण 6 मई को दस्साल के मीन सरकार इलाके से किया गया था, जब वह आर्मी पब्लिक स्कूल से लौट रहा था। अपहरण में संजय, बलबीर, विलायत उर्फ अमृत और धीरज ने मारुति 800 कार में अपहरण किया जिसे उन्होंने पहली मई को मैकेनिक आशा राम से खरीदा था। कार जेके02एम 2660 को बलबीर उर्फ वीर के नाम पर नोटरी के हलफनामे पर मैकेनिक ने उन्हें सौंप दी थी। इस अपहरण कांड में छह लोग शामिल थे और सभी आरोपितों की पहचान कर ली गई है। इनमें मुख्य आरोपित संजय निवासी गुंदा डोडा, मौजूदा निवास स्थान जल्लो चक, बलबीर उर्फ वीर निवासी बियोलीबैंगरा डोडा, धीरज निवासी कंडनी किश्तवाड़, विलायत सिंह निवासी गूल रामबन, सचिन कुमार निवासी राया नगर देहरादून, अंगेज निवासी मुत्तल ऊधमपुर के रूप में हुई।
मुख्य आरोपित संजय को छोड़ अन्य सभी हिरासत में
अपहरण कांड के मास्टरमाइंड संजय अभी भी पुलिस गिरफ्तार अन्य पांच को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। संजय ने 25 मार्च को बड़ी ब्राह्मणा के दस्साल में स्थित जोगेंद्र पाल शर्मा का मकान किराये पर लिया था। वह वहां नौ अप्रैल तक रुका। वह परिवार से काफी घुलमिल गया था। जब जोगेंद्र सेना से ऑनरेरी कैप्टन के पद से सेवानिवृत्त हुए तो संजय ने सितंबर 2018 में जोगेंद्र के घर में आयोजित रिटायरमेंट पार्टी में भी हिस्सा लिया था। उसने सात अप्रैल 2019 में अनिरुद्ध के जन्मदिन में पर परिवार संग हिस्सा लिया था। संजय को मालूम था कि पूर्व कैप्टन सेना से रिटायर हुए हैं और उनके पास काफी पैसा है। इसीलिए उसने अपने साथियों के साथ मिलकर इस अपहरण की साजिश रची।
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