जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल से गूंजा शहर
सिक्खों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व पर नगर कीर्तन गुरुद्वारा यादगार श्री गुरु नानक देव जी चांद नगर से सुबह दस बजे शुरू हुआ।
जम्मू, जेएनएन। जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल, सतनाम श्री वाहे गुरु, वाहे गुरुजी का खालसा, वाहे गुरुजी की फतेह, शहर की सड़कों पर पंज प्यारों के साथ गुरु ग्रंथ साहिब शब्द कीर्तन, मार्शल आर्ट की झलक लोगों ने देखी। गुरु गोबिंद सिंह की जयंती यानी प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य पर आयोजित नगर कीर्तन में स्थानीय लोगों ने मात्था टेका। रास्ते भर लोगों ने बैंड, गतका और ऐसे मार्शल आर्ट को देखा। सिक्खों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व पर नगर कीर्तन गुरुद्वारा यादगार श्री गुरु नानक देव जी चांद नगर से सुबह दस बजे शुरू हुआ। विनायक बाजार, प्रेम नाथ डोगरा चौक, तवी पुल, विक्रम चौक, एशिया, पुलिस लाइन, गांधी नगर गोल मार्केट से होकर गुरुद्वारा सिंह सभा नानक नगर में पहुंचकर संपन्न हुआ। काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने शोभा यात्रा को मत्था टेका।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब की सजी हुई पालकी पर तमाम श्रद्धालु फूल बरसाते हुए अपनी आस्था प्रकट कर रहे थे। संगत में शामिल सभी श्रद्धालु वाहे गुरु सतनाम का जाप करते हुए चल रहे थे। यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने हैरतअंगेज करतबो का भी प्रदर्शन किया। खालसा पंथ के संस्थापक श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के प्रकाशोत्सव पर सिख संगत ने ही नहीं बल्कि दूसरे धर्मों के लोगों ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। नगर कीर्तन के दौरान फूलों से सजी गुरु की पालकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही, जिसके दर्शनों के लिए संगत सड़क किनारे खड़ी रही और पालकी को माथा टेक आशीर्वाद लिया।
शहर वासियों को नगर कीर्तन की सूचना देने के लिए ऊंटों पर बैठ नगाड़ा बजाते हुए चल रहे गुरु सेवक नगर कीर्तन की शोभा बढ़ा रहे थे। विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने भी नगर कीर्तन में भाग लिया। उनके साथ शहर व आसपास के इलाकों के मोहल्लों की संगत कीर्तन में गुरुवाणी के शब्द पढ़ते हुए चल रहे थे। नगर कीर्तन में शामिल कीर्तन मंडलियों ने भी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज की जीवनी, धर्म की रक्षा के लिए उनके सर्वोच्च बलिदान संबंधी शब्द पढ़े। उन्होंने इन शब्दों के जरिए संगत को गुरु जी के सर्वोच्च बलिदान के बारे में याद करवाया।
इस भव्य नगर कीर्तन का आयोजन जिला गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जम्मू की तरफ से किया गया। इस मौके पर युवाओं ने खालसा की पारंपरिक वेशभूषा में गतके के जौहर भी दिखाए। गतके के हुनर दिखाकर युवाओं ने संगत में जोश भर दिया, जबकि बच्चे भी गतके के जौहर को देख उत्साहित हुए। नगर कीर्तन में शामिल हुए बच्चों व युवाओं का उत्साह व जोश देखने को मिला। नगर कीर्तन के दौरान सेवादारों ने सफाई का जिम्मा उठाया और जहां-जहां से नगर कीर्तन गुजरा, वहां-वहां उन्होंने साफ सफाई कर सड़क पर पानी का छिड़काव भी किया। हर बार की तरह इस बार भी नगर कीर्तन के गुजरने के अंत में गाड़ी में बिखरे हुए कूड़े को डाल कर सड़क की सफाई की गई। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का प्रकाशोत्सव राज्यभर में पांच जनवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा। गुरु पर्व को देखते हुए शहर के गुरुद्वारों को सजाया संवारा गया है। दीपमाला की गई है। मुख्य समारोह गुरुद्वारा यादगार श्री गुरु नानक देव जी चांद नगर में होगा।
सुरक्षा के रहे कड़े प्रबंध
जम्मू शहर में नगर कीर्तन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। नगर कीर्तन जिस-जिस जगह से गुजरा, वहां पर सुबह से ही सुरक्षा कर्मी तैनात थे। नगर कीर्तन के दौरान वहां पर यातायात को भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया। सुरक्षा की जिम्मेदारी भी पुलिस के आला अधिकारियों ने अपने हाथ में ले रखी थी ताकि किसी किस्म की चूक की गुंजाइश ही न बने।
मोटरसाइकिल दल भी शामिल
नगर कीर्तन में सिख युवाओं के मोटरसाइकिल दल ने भी भाग लिया जो आकर्षण का केंद्र रहा। सजे धजे सिख युवकों के इस मोटरसाइकिल दल ने नगर कीर्तन की अगुवाई की।
जगह-जगह लगे स्टॉल
नगर कीर्तन के स्वागत के लिए जगह जगह पर लंगर के स्टॉल भी लगाए गए थे, जबकि शॉप कीपर्स एसोसिएशन की ओर से गेट भी बनाए गए, जिसमें से नगर कीर्तन गुजरा। लंगर के स्टॉलों में खाने पीने के अलावा फ्रूट आदि भी रखे थे और सेवादारों ने संगत में प्रसाद भी बांटा।
पुल पर रेंगते रहे वाहन
नगर कीर्तन के कारण शहर में जाम की स्थिति भी रही। हालांकि यह जाम घंटों नहीं रहा। बिक्रम चौक में वाहनों के प्रवेश पर मनाही होने के कारण निजी व यात्री वाहनों को फ्लाई ओवर से भेजा जा रहा था। इस कारण वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई थी और ज्यूल चौक से बिक्रम चौक तक वाहन रेंगते हुए चल रहे थे। ट्रैफिक विभाग के कर्मी भी इस दौरान वाहनों की आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए वहां तैनात रहे।