एएमयू के कश्मीरी छात्रों को उम्मीद, प्रशासन लेगा सही फैसला
आतंकी मन्नान वानी के मारे जाने के बाद एएमयू में दो छात्रों पर दर्ज देशद्रोह के मुकदमे पर फैसला नहीं हुआ है। छात्रों को उम्मीद है कि प्रशासन सही निर्णय लेगा।
जम्मू, जागरण संवाददाता। आतंकी मन्नान वानी के मारे जाने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में फंसे कश्मीर के दो छात्रों पर दर्ज देशद्रोह के मुकदमे पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। कश्मीरी छात्रों को उम्मीद है कि जिला प्रशासन सही निर्णय लेगा।
छात्र नेताओं ने छात्रों का निलंबन वापस कराने पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक व मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर के प्रति आभार जताया है। कहा कि कश्मीर के हालात भाजपा सरकार ही बदल सकती है। इसके लिए सरकार का सहयोग किया जाएगा। देशद्रोह में फंसे कश्मीरी छात्र वसीम अयूब मलिक (बायोकेमिस्ट्री से पीएचडी स्कॉलर) निवासी शोपियां व अब्दुल हसीद मीर (इतिहास से पीएचडी स्कॉलर) निवासी कुलगाम की लड़ाई लड़ रहे पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष सज्जाद सुभान रॉथर ने बताया कि अभी उनका कैंपस छोड़ने का इरादा नहीं है। जिला प्रशासन ने वादा किया है।
एएमयू इंतजामिया से भी बात चल रही है। छात्रों का निलंबन वापस लेने में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक व मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कश्मीरी छात्रों का दर्द समझा। सज्जाद ने कहा कि कश्मीरी छात्रों को लेकर लोगों में अजीब सी सोच पैदा हो गई है।
इसे खत्म करने के लिए कश्मीरी व गैर कश्मीरी छात्रों के कार्यक्रम कराए जाएंगे, ताकि एक-दूसरे को समझें। सरकार को चाहिए कि वह कश्मीरी युवाओं को दूसरे राज्यों में होने वाले कार्यक्रमों में जाने का मौका दे। डिग्री लेकर छात्र फिर कश्मीर चले जाएं, यह न हो। यह काम भाजपा सरकार बेहतर कर सकती है।