Amit Shah Baramulla Rally: अमित शाह बोले- पाकिस्तान से नहीं सिर्फ कश्मीरियों से होगी बातचीत
उन्होंने मतदाता सूचियों को अंतिम रुप देने व अन्य औपचारिकताओं को पूरा होने के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव कराए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि कश्मीर के लोगों के पास दो ही माडल हैं एक मोदी माडल और दूसरा गुपकार माडल।
नवीन नवाज, श्रीनगर। एलओसी के साथ सटा बारामुला जहां 75 साल पहले मकबूल शेरवानी ने पाकिस्तानी सेना का साथ देने के बजाय आत्म बलिदान दिया था, वहीं बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पाकिस्तानी पैराेकारों को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं होगी। बातचीत होगी तो कश्मीर के लोगों से होगी, कश्मीर युवाओं से होगी। जिन लोगों ने यहां दहशतगर्ती फैलाई, उनके साथ बातचीत कैसी। दहशतगर्दी को मोदी सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। हम चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर भारत का स्वर्ग बनकर रहे।
जेएंडके के लोगों के पास दो माडल हैं, एक मोदी माडल और दूसरा गुपकार माडल
उन्होंने मतदाता सूचियों को अंतिम रुप देने व अन्य औपचारिकताओं को पूरा होने के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव कराए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि कश्मीर के लोगों के पास दो ही माडल हैं, एक मोदी माडल और दूसरा गुपकार माडल। मोदी माडल में आइआइटी और एम्स व रोजगार हैं जबकि गुपकार माडल में बंद ,हड़ताल और पुलवामा है, आतंकवाद है, भ्रष्टाचार है।
भ्रष्टाचार के लिए नेकां, पीडीपी और कांग्र्रेेस को लताड़ा
केंद्रीय नेताओं व मंत्रियों की चुनावी सभाओं और प्रशासनिक बैठकों को अगर भुला दिया जाए तो आतंकियों और अलगाववादियों का गढ़ रहे बारामुला में बीते तीन दशक के दौरान देश के किसी गृहमंत्री की यह पहली जनसभा थी। सैंकड़ों की तादाद में लोग गृहमंत्री को सुनने के लिए उत्तरी कश्मीर के विभिन्न इलाकों से आए हुए थे। लगभग 27 मिनट के अपने भाषण में उन्होंने पहाड़ी, गुज्जर बक्करवाल समुदाय के अधिकारों व आरक्षण से लेकर जम्मू कश्मीर में बीते तीन साल के दौरान हुए आर्थिक-सामाजिक-औद्योगिक विकास का भी जिक्र किया और नेशनल कांफ्रेंस,पीडीपी, कांग्रेस को भी जमकर लताड़ा। उन्होंने कहा कि मुफ्ती एंड कंपनी, अब्दुल्ला एंड सन्स और गांधी परिवार काे जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, अलगाववाद और भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार ठहराया।
बलिदानी मकबूल शेरवानी को श्रद्धांजलि अर्पित की
अपने भाषण की शुरुआत में उन्होंने बलिदानी मकबूल शेरवानी को श्रद्धांजली अर्पित करते हुए कहा कि अगर 1947 में आपने जम्मू कश्मीर को नहीं बचाया होता तो आज जम्मू कश्मीर की हालत भी गुलाम कश्मीर जैसी ही होती,जहां न बिजली है न पानी और न अस्पताल। उन्होंने जनता के साथ संवाद करते हुए कहा कि यहां कुछ लोग पाकिस्तान की बात करते हैं, मैं उनको कहना चाहता हूं कि कभी आइए, हमारे लोगों के साथ बैठिए। अाज हमारे कश्मीर में हर गांव में बिजली है। प्रत्येक नागरिक के निश्शुल्क इलाज की व्यवस्था है। उन्होंने नेकां,पीडीपी व अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पाकिस्तान से बातचीत की सलाह देते हें। मैं पाकिस्तान से बात नही करना चाहता। मैं कश्मीर के युवाओं से बात करना चाहता हूं, मैं बारामुला के लोगों से,पहाड़ियों से, जम्मू कश्मीर के लाेगों से बात करना चाहता हूं। दहशतगर्दी से किसी का भला नहीं हो सकता,अगर कहींह हुआ तो मुझे बताया जाए। गृहमंत्री ने सभा में मौजूद लोगों से खुद को जोड़ते हुए कहा कि किसी भी इंसान के कंधे पर सबसे बड़ा बोझ उसके बेटे की अर्थी का होता है।जम्मू कश्मीर के 42 हजार लोग आतंकवाद की भेंट चढ़ गए। कौन जिम्मेदार हैं। क्या किसी नेता का बेटा इन 42 हजार लोगों में शामिल है। इस हालात के लिए यहां शासन करने वाले तीन परिवार ही जिम्मेदार हैं।
दहशतगर्दों को मोदी सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी
हम चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद समाप्त हो, जम्मू कश्मीर भारत का स्वर्ग बनकर रहे। दहशतगर्दी को मेादी सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। इसलिए मैं आज अाप सभी से विनम्र अपील करना चाहता हूं कि मैं आपसे बातचीत करना चाहता हूं। सभी मुख्यधारा में शामिल हों और विकास के पथ पर आगे बढ़ें। उन्होंने महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ दिन पहले मैने महबूबा मुफ्ती का ट्वीट पढ़ा था कि गृहमंत्री आएंगे तो हिसाब देकर जाएं कि यहां क्या बदला है। महबूबा जी कान खोलकर सुन लीजिए, आंख खोलकर देख लीजिए। फारूक साहब आप भी सुन लीजिए। पहले यहां जम्हूरियत की व्याख्या सिर्फ तीन परिवारों में सत्ता तक थी। सिर्फ 87 विधायक, छह सांसद थे। पांच अगस्त 2019 के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां गांव-गांव में जम्हूरियत पहुंचाने का काम किया है। आज जम्मू कश्मीर में गांव तक,जमीनी स्तर पर जम्हूरितय है, 30 हजार से ज्यादा पंचायत प्रतिनिधि है। मोदी जी ने लोकतंत्र को मजबूत बनाते हुए 30 हजार लोगों को जोड़ा है।
फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती बताऐं कि बीते 75 वर्ष में उन्होंने क्या किया
महबूबा मुफ्ती और फारूक साहब बताएं कि बीते 75 साल में उन्होंंने क्या किया, वह उसका हिसाब दें। गृहमंत्री ने कहा महबूबा और फारूक ने कश्मीर के युवाओं के हाथ में पत्थर और बंदूक पकड़ाई, प्रधानमंत्री मोदी ने इंडस्ट्री को लाकर युवाओं को हाथ में मोबाइल और लैपटाप पकड़ाया है। आजादी के बाद 70 वर्ष के दौरान जम्मू कश्मीर में मात्र 15 हजार करोड़ का निजी निवेश हुआ जबकि मोदी जी ने तीन वर्ष में 56 हजार करोड़ का निवेश लाया है। 70 वर्ष तक तीन परिवारों ने शासन किया और लोगों को उनके अधिकारों से दूर रखा। इन लोगों ने यहां एंटी क्रप्शन ब्यूरो नहीं बनने दिया क्योंकि इन्हें अपने भ्रष्टाचार के पकड़े जाने काडर था। हमने यहां भ्रष्टाचार केा समाप्त करने के लिए एंटी क्रप्शन ब्यूरो बनाया। उन्होंने कहा कि कश्मीर पहले एक टेरेरिस्ट हाटस्पाट था, हमने इसे टूरिस्ट स्पाट बनाया है। पहले सिर्फ वर्षभर में छह लाख सैलानी आते थे। इस वर्ष अक्टूबर तक 22 लाख प्रवासी आए हैं और यह सिलसिला आगे बढ़ेगा। यहां 77 लाख लोगों को निश्शुल्क इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड दिया गया है। करीब एक लाख लोग ऐसे थे जिनके पास ठंड मे ंरहने के लिए मकान नहीं था, उन्हें मकान दिया है। करीब 11.87 लाख किसानों के खातों में सीधे छह हजार रूपये की वित्तीय मदद जा रही हे। मुफॅ्ती एंड कंपनी और फारूक एंड सन्स ने कुछ नहीं किया है।
गृहमंत्री ने कहा कि यहां दो ही माडल हैं। एक मोदी जी का माडल है और दूसरा गुपकार माडल। मोदी के माडल में आइआइटीख्,एम्स,रोजगार, शांति आैर खुशहाली है। गुपकार माडल में हड़ताल है,बंद है, बंदूक है, पुलवामा है, भ्रष्टाचार है। मोदी जी ने जो व्यवस्था दी है, वह खुशहाली की तरफ जाती है। गुज्जर बक्करवाल का हक नहीं छीना जाएगा गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यहां उमर अब्दुल्ला व अन्य लोग पहाड़ियों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर गुज्जर-बक्करवाल समुदाय को भड़का रहे थे। गुमराह कर रहे थे कि उनका आरक्षण छिन जाएगा। मैं यहां अपने गुज्जर भाईयों को यकीन दिलाता हूं कि गुज्जर-बक्करवाल का आरक्षण नहीं छीना जाएगा। गुज्जरों का एक प्रतिशत भी कम नहीं होगा। उन्हें भी और पहाड़ियों को भी पूरा लाभ मिलेगा। किसी का हक नहीं छीना जाएगा।
यह लोग माेदी की विकास गाथा सुनने आए हैं जनसभा में उमड़े जनसैलाब को देख उत्साहित केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जब बारामुला में जनसभा का कार्यक्रम बना तो कुछ लोगों ने कहा कि कौन सुनने आएगा। आज देखो यहां हजारों की भीड़ जमा है। यह सभी लोग यहां माेदी की विकास गाथा सुनने आए हैं। उन्होंने कहा कि मैं बीते तीन दिनों के दाैरान जहां भी गया, वहां लोगों ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काम की सराहना की।
जल्द होंगे विधानसभा चुनाव केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जल्द ही विधानसभा चुनाव कराए जाने का संकेत देते हुए कहा कि मतदाता सूचियों व अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने का काम तेजी से चल रहा है। जैसे ही मतदाता सूचियों के अंंतिम प्रकाश का काम पूरा होगा, यहां पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ चुनाव कराए जाएंगे ताकि आप लोग अपने प्रतिनिधियों को चुन अपनी सरकार बना सकें।
जब शाह ने अजान के लिए लिया अल्पविराम केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भाषण शुरु किए हुए लगभग पांच मिनट ही बीते थे कि निकटवर्ती मस्जिद में जुहर की नमाज की अजान गूंजी। गृहमंत्री ने तुरंत अपना भाषण रोक दिया। रैली में मौजूद लोगों को पहले समझ में नहीं आया कि क्या हुआ और कुछ लोगों को लगा कि माइक खराब हो गया है।लोगों के मन में उभरे सवालों को भांपते हुए गृहमंत्री ने खुलासा किया कि निकटवर्ती मस्जिद में अजान हो रही थी। इसलिए बोलना बंद किया है।
शाह से मिलने के लिए जोश के साथ होड़ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मंच से उतर कर जब नीचे लोगों से मिलने के लिए पंडाल में पहुंचे तो वहां सभी हैरान रह गए। किसी को यकीन नहीं आ रहा था कि ऐसा हो सकता है।इस दौरान कई लोगाें ने गृहमंत्री के साथ सेल्फी भी ली तो कईयों ने हाथ मिलाया। कईयों ने उनहें उपहार भी भेंट किए। रैली में आए एक व्यक्ति ने गृहमंत्री को उनकी तस्वीर भी भेेंट की।