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अमित शाह के दौरे तक लाल सिंह को मना लेने की कोशिश

राज्य ब्यूरो, जम्मू : स्थानीय निकाय व पंचायती चुनाव में अपने उम्मीदवार उतार कर कड़े तेवर दिखा

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Feb 2019 02:39 AM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 02:39 AM (IST)
अमित शाह के दौरे तक लाल सिंह को मना लेने की कोशिश
अमित शाह के दौरे तक लाल सिंह को मना लेने की कोशिश

राज्य ब्यूरो, जम्मू : स्थानीय निकाय व पंचायती चुनाव में अपने उम्मीदवार उतार कर कड़े तेवर दिखाने वाले बसोहली के पूर्व विधायक चौधरी लाल सिंह संसदीय चुनाव की तैयारियों के बीच भाजपा पर दवाब बनाने की कोशिश में हैं।

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चौधरी लाल सिंह दावे कर रहे हैं कि उनका डोगरा स्वाभिमान संगठन भाजपा के खिलाफ संसदीय चुनाव लड़ेगा। अलबत्ता न तो लाल ¨सह ने भाजपा से इस्तीफा दिया है और न ही उन्होंने अपनी चुनावी रणनीति संबंधी औपचारिक घोषणा ही की है। ऐसे हालात में प्रदेश भाजपा नेतृत्व की कोशिश है कि अमित शाह के जम्मू दौरे तक चौधरी लाल सिंह को किसी तरह से मनाकर संकट को टाला जाए।

एक ओर कोशिश हो रही है कि अमित शाह की 24 फरवरी को जम्मू में चौधरी लाल ¨सह से फिर बैठक करवाई जाए। वहीं, दूसरी ओर भाजपा लाल ¨सह का विकल्प भी तलाश रही है। चौधरी लाल सिंह की नजर प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के ऊधमपुर-डोडा संसदीय क्षेत्र पर है। जितेंद्र सिंह कांग्रेस के उम्मीदवार गुलाम नबी आजाद को पराजित कर ऊधमपुर-डोडा संसदीय सीट से भाजपा के सांसद बने थे। वह वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में भी इस सीट के प्रबल दावेदार हैं। ऐसे में अपने वोट कायम रखने के लिए भाजपा 9 फरवरी को बसोहली से भाजपा के विधायक रह चुके जगदीश सपोलिया को फिर से पार्टी में ला सकती है। सपोलिया बसोहली से टिकट न मिलने के विरोध में भाजपा छोड़ गए थे। भाजपा ने बसोहली से लाल ¨सह को अपना उम्मीदवार बनाया था।

चौधरी लाल सिंह कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में ऊधमपुर-डोडा संसदीय सीट से दो बार जीत चुके हैं। अब इस सीट से प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र ¨सह सांसद हैं। लाल सिंह गत वर्ष कठुआ कांड में सीबीआइ की जांच करने के मुद्दे पर मैदान में आ गए थे। इस मामले के तूल पकड़ने पर भाजपा ने उन्हें कैबिनेट मंत्री के पद से हटा दिया था। इसके बाद चौधरी लाल ¨सह ने डोगरा स्वाभिमान संगठन बनाकर कठुआ मामले को लेकर अभियान तेज कर दिया था। उन्होंने पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा लेना बंद कर दिया था। भाजपा ने न सिर्फ उनकी पार्टी से दूरी को नजरअंदाज किया, अपितु प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना उन्हें लेकर दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मिले थे।

चौधरी लाल सिंह ने स्थानीय निकाय, पंचायत चुनाव में अपने उम्मीदवार उतार कर अपने संगठन के सक्रिय राजनीति में आने के संकेत दे दिए थे। अब संसदीय, विधानसभा चुनाव की आहट पर उन्होंने अपने पत्ते खोल दिए हैं। फिलहाल उनके संसदीय, विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारने के दावे बयानबाजी तक ही सीमित हैं। चौधरी लाल सिंह का कहना है कि वह जम्मू को इंसाफ दिलाने के मुद्दे को लेकर संसदीय चुनाव में उतरेंगे। उनका संगठन जम्मू-पुंछ व ऊधमपुर-डोडा संसदीय क्षेत्र से अपने उम्मीदवार उतारेगा। उनका कहना है कि राजनीतिक पार्टियों ने झूठे वायदे कर जम्मूवासियों के वोट लेकर इंसाफ नहीं किया। अब उनका दल डोगरों की शान को ऊंचा रखने वाले सच्चे व ईमानदार उम्मीदवार मैदान में उतारेगा। उन्होंने बताया कि संगठन ने जम्मू को इंसाफ दिलाने के लिए 25 सूत्री कार्यक्रम बनाया है। अलबत्ता उनका कहना है कि भाजपा से इस्तीफा नहीं देंगे। अगर भाजपा चाहे तो उन्हें निकाल सकती है।

भाजपा इस समय जम्मू की दोनों व लद्दाख की एक सीट जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। वहीं, चौधरी लाल ¨सह भाजपा पर दवाब बना रहे हैं कि उन्हें संसदीय चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार बनाया जाए। तीन फरवरी को जम्मू के विजयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महारैली में शामिल न होकर उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर कर दी थी।

प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना का कहना है कि चौधरी लाल सिंह अभी भाजपा में भी हैं। उन्होंने चुनाव को लेकर चौधरी लाल ¨सह द्वारा की जा रही बयानबाजी के बारे में कोई जानकारी न होने का दावा भी किया। अलबत्ता उन्होंने यह संकेत जरूर दिए कि प्रदेश भाजपा चौधरी लाल ¨सह को शांत करने की पूरी कोशिश करेगी।


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