Amarnath Yatra 2022 : अमरनाथ यात्रा से जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था को मिलेगा 3000 करोड़ का टानिक
Amarnath Yatra 2022 मंडलायुक्त ने कहा कि अमरनाथ यात्रा के दौरान प्रत्येक तीर्थयात्री एक सप्ताह के लिए कश्मीर में रहता है और कम से कम 35000 रुपये खर्च करता है। ये श्रद्धालु कश्मीर के अन्य पर्यटन स्थलों का भी दौरा करते हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : श्री अमरनाथ यात्रा महज एक तीर्थयात्रा नहीं है, बल्कि यह जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था के लिए भी अहम है। कश्मीर के मंडलायुक्त पांडुरंग के पोले ने कहा कि इस तीर्थयात्रा से जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था में दो से तीन हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी। तीर्थयात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं में से अधिकतर श्रद्धालु प्रदेश के पर्यटन स्थलों में घूमने भी जाते हैं। इस बार अमरनाथ यात्रा पर आठ लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है।
मंडलायुक्त ने अनंतनाग जिले में यात्रा के लिए की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की है। बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा अनंतनाग जिले में ही है। यात्रा के दोनों मार्गों में से लंबी दूरी का पहलगाम मार्ग इसी जिले में आता है। यात्रा का दूसरा बालटाल मार्ग मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में पड़ता है। अनंतनाग जिले में श्रद्धालुओं की सुविधाओं की समीक्षा करने के बाद मीर बाजार में पत्रकारों से बातचीत में मंडलायुक्त ने कहा कि मीर बाजार में इस बार एकसाथ ढाई हजार यात्रियों के ठहरने की सुविधा तैयार की गई है। इसके पहले यहां सिर्फ 500 यात्री ही एक बार में ठहर सकते थे।
तीर्थयात्रा सुगम बनाने के लिए इस बार अन्य सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। वह खुले दिल से सभी यात्रियों का स्वागत करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि भगवान शिव उनकी प्रार्थना स्वीकार करें। मंडलायुक्त ने कहा कि अमरनाथ यात्रियों के लिए बेस कैंप और अन्य स्थानों पर स्वच्छ पेयजल और ठहरने की सुविधा उपलब्ध है। अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रियों के लिए मोबाइल एप भी लांच किया है जो मौसम के अपडेट सहित यात्रियों को नवीनतम सूचनाएं भी देगा।
35 हजार से अधिक खर्च करता है प्रत्येक श्रद्धालु : मंडलायुक्त ने कहा कि अमरनाथ यात्रा के दौरान प्रत्येक तीर्थयात्री एक सप्ताह के लिए कश्मीर में रहता है और कम से कम 35,000 रुपये खर्च करता है। ये श्रद्धालु कश्मीर के अन्य पर्यटन स्थलों का भी दौरा करते हैं। पर्यटन विभाग यात्रियों को जम्मू कश्मीर के पर्यटक स्थलों में घुमाने के लिए विशेष प्रबंध करता है। उन्होंने बताया कि यात्रा के आधार शिविरों में विशेष काउंटर बनाए जाते हैं जहां तीर्थ यात्री अपनी बुङ्क्षकग करवा सकते हैं। पर्यटन स्थलों को देखने के लिए यात्रियों में उत्साह देखा जाता है। इसका निश्चित रूप से जम्मू कश्मीर अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचता है।