Amarnath Yatra 2020: उपराज्यपाल ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा जांची, तीर्थयात्रा 21 जुलाई से शुरू होने की उम्मीद
उपराज्यपाल ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा जांची राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के भी दिए निर्देश-कोरोना संक्रमण रोकने के लिए भी उचित कदम उठाने को कहा
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने वीरवार को श्री अमरनाथ यात्रा के लिए तैयार किए जा रहे सुरक्षा कवच का जायजा लिया। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में एक उच्चस्तरीय बैठक में उन्होंने आतंकरोधी अभियानों की समीक्षा भी की और संबंधित अधिकारियों को राष्ट्रविरोधी व असामाजिक तत्वों के खिलाफ कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा इसी माह 21 जुलाई से शुरू होने की उम्मीद है। आतंकी संगठन शुरू से ही तीर्थयात्रा में खलल डालने का प्रयास करते रहे हैं। सड़क के रास्ते तीर्थयात्रा पर आने वाले श्रद्धालु सबसे पहले दक्षिण कश्मीर में जिला कुलगाम में काजीगुंड, लोअरमुंडा इलाके में ही पहुंचते हैं। जवाहर सुरंग भी जिला कुलगाम में ही है।
बैठक में पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह , मंडलायुक्त कश्मीर पांडुरंग के पोले, आइजीपी कश्मीर विजय कुमार, डीआइजी दक्षिण कश्मीर रेंज अतुल कुमार गोयल, डीआइजी सीआरपीएफ दिलीप सिंह अंबेश, एसपी कुलगाम गुरींद्र पाल सिंह , सीआरपीएफ की 18वीं वाहिनी के सीओ गौरव सिंह व अन्य संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।
एसपी कुलगाम ने बैठक में उपराज्यपाल को जिले में पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे आतंकरोधी अभियानों, राष्ट्रविरोधी व सामाजिक तत्वों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई की विस्तृत जानकारी देते हुए कोविड-19 के प्रसार को रोकने के उपायों के बारे में भी बताया।
उपराज्यपाल ने कानून व्यवस्था, सुरक्षा, शांति और विश्वास का माहौल बनाए रखने में पुलिस व अन्य संबंधित सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों को सराहा। उन्होंने कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों द्वारा नागरिक प्रशासन के साथ किए जा रहे सहयोग की भी प्रशंसा की। उन्होंने इस घातक वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए निर्धारित एसओपी के अनुपालन को सुनिश्चित बनाने के लिए कहा।
श्री अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा कवच की समीक्षा करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि श्रद्धालुओं के सभी आधार शिविरों में कोई भी अवांछित तत्व नहीं दाखिल होना चाहिए। शिविरों के भीतर और बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। शिविरों के भीतर पहचानपत्र के आधार पर ही प्रवेश की अनुमति होनी चाहिए। यात्रा मार्ग पर गश्त नियमित रहनी चाहिए और यात्रा मार्ग पर आतंकी हमले की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों में लगातार तलाशी अभियान चलाए जाएं। उन्होंने यात्रा को पूरी तरह सुरक्षित बनाए रखने लिए सभी संबंधित एजेंसियां में व्यापक सहयोग व समन्वय पर जोर दिया।