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Truck driver killed in Kashmir: प्रशासन के आदेश पर कश्मीर जाने वाले सभी ट्रकों को पहली नवंबर तक के लिये यहां रोका गया

कश्मीर घाटी जाने वाले हजारों ट्रकों को जम्मू व ऊधमपुर में जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर रोक लिया गया।इन ट्रकों को पहली नवंबर तक रोके रखने का प्रशासनिक आदेश जारी हुआ है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 09:22 AM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 09:22 AM (IST)
Truck driver killed in Kashmir: प्रशासन के आदेश पर कश्मीर जाने वाले सभी ट्रकों को पहली नवंबर तक के लिये यहां रोका गया
Truck driver killed in Kashmir: प्रशासन के आदेश पर कश्मीर जाने वाले सभी ट्रकों को पहली नवंबर तक के लिये यहां रोका गया

जम्मू, जागरण संवाददाता। कश्मीर घाटी जाने वाले हजारों ट्रकों को मंगलवार शाम जम्मू व ऊधमपुर में जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर रोक लिया गया। इन ट्रकों को पहली नवंबर तक रोके रखने का प्रशासनिक आदेश जारी हुआ है, लेकिन कोई भी प्रशासनिक अधिकारी यह स्पष्ट करने को तैयार नहीं कि इन ट्रकों को दरबार मूव के चलते रोका गया है या कश्मीर में आतंकी हमलों को देखते हुए एहतियातन कदम उठाया गया है।

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हाईवे पर रोके गए अधिकतर ट्रक चालक दक्षिण कश्मीर में फलों की सप्लाई लेने जाने वाले हैं, लेकिन इन्हें कहा गया है कि पहली नवंबर के बाद ही उन्हें कश्मीर की ओर बढऩे की इजाजत दी जाएगी। इस समय सैकड़ों ट्रक जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नगरोटा से लेकर झज्जर कोटली तक खड़े हैं। इसके अलावा ऊधमपुर में भी ट्रकों को आगे बढऩे से रोका गया है। 

सामान्य हो रहे हालात से आतंकी बौखलाए

सुधरते हालात को बिगाड़ने पर तुले आतंकियों ने सोमवार देर शाम करीब साढ़े आठ बजे कनीलवन (बिजबिहाड़ा) में आतंकियों ने सेब लेने आए एक ट्रक को रोका और उसके चालक को गोली मार दी। इसके बाद आतंकी वहां से भाग निकले। वारदात की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे इलाके को घेरते हुए वहां खून से लथपथ पड़े ट्रक चालक को निकटवर्ती अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में डॉक्टरों ने चालक को मृत घोषित कर दिया। अधिकारी ने बताया कि जिस जगह ट्रक चालक की हत्या हुई, वहां से कुछ दूरी पर दो और ट्रक चालक अपने वाहन के साथ मौजूद थे। उन्हें सुरक्षित जगह पहुंचाया गया। इसके साथ ही ट्रक चालक की हत्या में लिप्त आतंकियों को पकड़ने के लिए पूरे इलाके की घेराबंदी करते हुए एक तलाशी अभियान चलाया गया है।

जानकारी हो कि पांच अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को पारित किए जाने के बाद से कश्मीर घाटी में सामान्य हो रहे हालात से आतंकी बौखलाए हुए हैं। डर पैदा करने के लिए आतंकियों ने स्थानीय सेब उत्पादकों को अपनी फसल सरकारी मंडियों और देश के विभिन्न हिस्सों में न भेजने का फरमान सुनाते हुए उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दे रखी है। इसके बावजूद स्थानीय सेब उत्पादक अपनी फसल सरकारी मंडियों के जरिए बाहर भेज रहे हैं।

कश्मीर में एक पखवाड़े में चार ट्रक चालक की हत्या

पिछले एक पखवाड़े के दौरान कश्मीर में ट्रक चालकों और सेब व्यापारियों पर यह चौथा आतंकी हमला है। इससे पूर्व 14 अक्तूबर को आतंकियों ने शोपिंया में राजस्थान एक ट्रक चालक की गोली मारकर हत्या कर उसके ट्रक को आग लगा दी थी। इसके बाद 16 अक्तूबर को आतंकियों ने शोपियां के श्रीमाल इलाके में पंजाब के दो सेब व्यापारियों को गोली मारने के अलावा उनके ट्रक को आग लगा दी थी। इस हादसे में एक व्यापारी की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि दूसरा संजीव अभी भी श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है। इसके अलावा 16 अक्तूबर को ही आतंकियों ने पुलवामा में एक अन्य राज्य के श्रमिक की भी हत्या कर दी थी। 24 अक्तूबर को चित्रीगाम शोपियां में भी आतंकियों ने राजस्थान के दो ट्रक चालकों की हत्या करने के अलावा पंजाब के एक ट्रक चालक को जख्मी कर दिया था। 

आतंकियों ने कुलगाम में पांच मजदूरों कि हत्‍या की

पाक समर्थित आतंकियों ने मंगलवार को कुलगाम में बड़ा नरसंहार को अंजाम दिया। आतंकियों ने पांच गैर कश्मीरी श्रमिकों को गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया। एक अन्य गंभीर रूप से घायल है। मारे गए सभी श्रमिक पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के रहने वाले हैं। घटना के बाद कश्मीर जाने वाले सभी ट्रक जम्मू और ऊधमपुर में ही रोक दिए गए हैं। हाईवे पर ट्रक की लंबी कतार लग गई है। 

आतंकियों ने श्रमिकों को गोलियों से भूना 

कुलगाम से मिली सूचना के अनुसार, मंगलवार शाम को स्वचालित हथियारों से लैस पांच से छह आतंकी कतरस्सु गांव में दाखिल हुए। उन्होंने गांव के बाहरी छोर पर रह रहे गैर कश्मीरी श्रमिकों के डेरे पर दस्तक दी और वहां मौजूद करीब सात लोगों को बाहर निकालकर अपने साथ चलने को कहा। आतंकी उन्हें वहां से कुछ दूरी पर ले गए और फिर उन्होंने उन पर अंधाधुंध गोलियों की बौछार कर दी। गोलियां लगते ही सभी श्रमिक जमीन पर गिर पड़े। उन्हें मरा समझ आतंकी वहां से चले गए। आतंकियों के जाने के बाद आसपास मौजूद ग्रामीणों ने पुलिस को सूचित करते हुए खून से लथपथ पड़े सभी श्रमिकों को निकटवर्ती अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने पांच श्रमिकों को मृत घोषित कर दिया। कुलगाम में पांच श्रमिकों की हत्या के बाद पूरी वादी में जबरदस्त तनाव है।

करीब 13 साल बाद यह पहला मौका है जब आतंकियों ने एक साथ दो या उससे ज्यादा संख्या में गैर कश्मीरी श्रमिकों की हत्या की हो। इससे पूर्व 26 जून 2006 को आतंकियों ने कुलगाम के बुदरू इलाके में नौ श्रमिकों की गोली मारकर हत्या की थी। इससे पूर्व अगस्त 2000 में आतंकियों ने अनंतनाग जिले के मीर बाजार में 19 और मीर नौगाम में सात श्रमिकों की हत्या की थी।


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