Jammu Kashmir : यूटी में बदल गया सारा निजाम लेकिन नहीं बदले विभागों में वेबसाइट्स के लोगो
जम्मू कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बने हुए एक साल से अधिक समय बीत चुका है लेकिन प्रदेश के अधिकतर सरकारी विभागों व प्रतिष्ठानों की आधिकारिक वेबसाइटों को अपडेट नही किया है। अधिकतर विभागों के राष्ट्रीय प्रतीक को वेबसाइटों में अपडेट नही किया है।
जम्मू, अवधेश चौहान : जम्मू कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बने हुए एक साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन प्रदेश के अधिकतर सरकारी विभागों व प्रतिष्ठानों की आधिकारिक वेबसाइटों को अपडेट नही किया है। कुछ वेबसाइटों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर विभागों के राष्ट्रीय प्रतीक को वेबसाइटों में अपडेट नही किया है।
यूटी बनने के बाद प्रदेश में कानून और नियम आदि बदल गए। लेकिन जो नही बदल पाया वो वेबसाइटो में विभागों का लोगो या प्रतीक चिन्ह। राज्य के पुर्नगठन से पहले विभागों ने अपने पुराने प्रतीक चिन्ह ही अपलोड हैं, जो यूटी बनने से पहले हुआ करते थे ।जिन विभागों ने अपने प्रतीक चिन्हों को नही बदला है, उनमें पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग पीएचइ जो अब जल शक्ति विभाग बन गया है। इसी तरह जेकेपीडीसी, आरडीडी, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, विभाग स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग , कृषि विभाग, बागवानी विभाग, जम्मू कश्मीर वन एवं पर्यटन विभाग,सूचना एवं जन सम्पर्क, जम्मू कश्मीर राजस्व विभाग, वन्यजीव संरक्षण विभाग, समाज कल्याण, पशु पालन विभाग,जम्मू कश्मीर फूल,बागवानी एवं पाकर्स विभाग,लोक निर्माण विभाग, जेएंडके आवास बोर्ड, सामान्य प्रशासनिक विभाग और अन्य कई विभाग हैं,जिन्होंने वेबसाइटों पर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों को अपलोड नही किया है। लद्दाख को भी केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिले हुए एक साल से अधिक समय बीत चुका है।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि 5 अगस्त, 2019 में जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बने थे। बेशक सभी विभागों का केंद्र के विभागों की तरह नामकरण अौर उनके प्रतीकों को भी बदला गया है, लेकिन इस संबध में जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से कोई अभी तक कोई अंतिम निर्णय नही लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि शिक्षा विभाग, लोक सेवा आयोग और मोटर व्हीकल डिपार्टमेंट ने अपनी वेबसाइटों पर अपने प्रतीक चिन्ह बदल दिए है, लेकिन अधिकतर ऐसा नही कर पाएं हैं। यहां बता दे कि बेबसाइट किसी भी विभाग का चेहरा होते हैं। उनकाे अपडेट करना और उसमें आधिकारिक लोगो के तहत सही सूचना दिए जाना अनिवार्य ही नही होता बल्कि इस पर लोगों का विश्वास जुड़ा होता है।विडंबना यह है कि वेबसाइट चाहे डिस्ट्रिक्ट लेवल की हो या फिर केंद्र शासित प्रदेश के विभागों से जुड़ी है, लेकिन इन पर विभागों के प्रतीक चिन्ह नही दर्शाए गए हैं।जम्मू कश्मीर के तत्कालीन उप राज्यपाल जीसी मुर्मू ने जब केंद्र शासित प्रदेश की बागडोर संभाली थी तो उनका यही कहना था कि अाधिकारिक वेबसाइटों को अपडेट किया जाए।उनका मानना था कि इनसे हर व्यक्ति जुड़ता है और सरकारी कामकाज का ब्यौरा ले सकता है।केंंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद सभी केंद्र के कानून और नियम जम्मू कश्मीर प्रदेश में लागू हो गए हैं।लेकिन प्रशासन इस पर अभी संजीदा नहीं दिख रहा।