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Jammu Kashmir: अखिल भारतीय अनागत साहित्य संस्थान की ई-काव्य गोष्ठी संपन्न

अखिल भारतीय अनागत साहित्य संस्थान द्वारा ई-काव्य गोष्ठियों की कड़ी में आयोजित अखिल भारतीय अनागत काव्य गोष्ठी डॉ. शीला कुमारी एल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। कवयित्री सोफिया जंगराल ने काव्य गोष्ठी के प्रारंभ में सरस्वती वंदना- हे सरस्वती माँ हे शारदे माँ इस दुनिया का उद्धार कर दे.।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 06:46 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 06:46 PM (IST)
Jammu Kashmir: अखिल भारतीय अनागत साहित्य संस्थान की ई-काव्य गोष्ठी संपन्न
अखिल भारतीय अनागत साहित्य संस्थान द्वारा ई-काव्य गोष्ठियों की कड़ी में आयोजित अखिल भारतीय अनागत काव्य गोष्ठी संपन्न हुई।

जम्मू, जेएनएन। अखिल भारतीय अनागत साहित्य संस्थान द्वारा ई-काव्य गोष्ठियों की कड़ी में आयोजित अखिल भारतीय अनागत काव्य गोष्ठी डॉ. शीला कुमारी एल की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

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जम्मू से जुड़ी कवयित्री सोफिया जंगराल ने काव्य गोष्ठी के प्रारंभ में सरस्वती वंदना- हे सरस्वती माँ, हे शारदे माँ, इस दुनिया का उद्धार कर दे, सबके दुखों का नाश कर दे, तू ज्ञान का सागर है माँ, हम सब अज्ञानी हैं...। प्रस्तुत कर काव्य गोष्ठी का प्रारंभ किया। हाल ही में देश और दुनिया पर आए कोरोना के संकट को रेखांकित करते हुए- दूरियाँ इसने और बढ़ा दीं, हर किसी को इसने तंग कर डाला, कोरोना का यह कहर है आया, हर किसी को इसने तंग कर डाला...। कविता का पाठ किया। उनकी इस कविता के साथ ही नारी के जीवन पर केंद्रित कविता को दर्शकों ने खूब सराहा।

अनागत कविता आंदोलन के प्रवर्तक और अखिल भारतीय अनागत साहित्य संस्थान के संयोजक डॉ. अजय प्रसून ने अनागत कविता के ध्येय वाक्य कठिन वर्तमान को जीते हुए सुखद भविष्य की कामना पर केंद्रित पंक्तियों कल नई फसलें लहराएँगी, हल सभी मसले कर जाएँगी, आज हम जो करेंगे वही, कल नई नस्लें वो पाएँगी.., के माध्यम से अनागत की बात कही। डॉ. अजय प्रसून ने अपने मुक्तक कोई पूछे कि भारतवर्ष ये कैसा दिखाई दे, कहेंगे हम कि विश्वगुरु जैसा दिखाई दे, अनागत पूर्ण कर देगा हृदय की भावनाओं को, रहा द्वापर में जैसा था, हमें वैसा दिखाई दे..। के माध्यम से भारतदेश के भविष्य का सुंदर चित्र खींचा। उनका गीत- दर्द वाले गीत गाना छोड़ के, रूप के आकर्षणों को तोड़ के, हम सृजन के गीत गाएँगे कभी, कर्म की वंशी बजाएँगे कभी..। खूब सराहा गया।


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