जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के पुनर्गठन के दिन सचिवालय में उपस्थित रहें सभी प्रशासनिक सचिव
सभी प्रशासकीय सचिवाें को केंद्र शासित राज्य के गठन के समय ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में उपलब्ध व संबधित गतिविधियों के लिए मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। इस माह के अंत में शुरु होने वाली दूरबार मूव प्रक्रिया के संपन्न होने तक कोई भी प्रशासकीय सचिव राज्य से बाहर नहीं जाएगा। इसके साथ ही सभी प्रशासकीय सचिवों को 31 अक्तूबर 2019 को एकीकृत जम्मू-कश्मीर के दो केंद्र शासित राज्यों जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में पुनर्गठन के दिन ग्रीष्मकालीन राजधानी में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के पारित होने के बाद एकीकृत जम्मू-कश्मीर का यह पहला दरबार मूव होगा। 25 अक्तूबर को श्रीनगर में सचिवालय बंद हो जाएगा और चार नवंबर सोमवार को जम्मू में खुलेगा। सचिवालय के बंद होने और खुलने की प्रक्रिया के बीच लगभग सात दिनों तक सभी प्रशासनिक कार्य ठप रहते हैं। कई प्रमुख नौकरशाह अवकाश पर चले जाते हैं। अलबत्ता, इस बार पुनर्गठन की प्रक्रिया को अंतिम रुप भी दरबार मूव की प्रक्रिया के तहत ही अंतिम रुप दिया जाना है। लद्दाख व जम्मू-कश्मीर में प्रशासनिक कामकाज, अधिकारों, परिसंपत्तियों और बजट का भी बंटवारा होना है।
राज्य महाप्रशासनिक विभाग ने दरबार मूव और एकीकृत जम्मू कश्मीर के दो केंद्र शासित राज्यों के पुनर्गठन की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की प्रशासनिक दिक्कत से बचने के लिए और सभी संबधित औपचारिकताओं को निर्विरोध रुप से संपन्न कराने के लिए सभी प्रशासकीय सचिवों को दरबार मूव की प्रक्रिया के संपन्न होने तक राज्य से बाहर न जाने के लिए कहा है। इसके साथ ही सभी प्रशासकीय सचिवाें को केंद्र शासित राज्य के गठन के समय ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में उपलब्ध व संबधित गतिविधियों के लिए मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों जम्मू कश्मीर व लददाख में पुनर्गठित करने का फैसला किया है। एकीकृत जम्मू कश्मीर 31 अक्तूबर को दो केंद्र शासित राज्यों में पुनर्गठित हो जाएगा और दोनों ही जगह अलग अलग प्रशासनिक व्यवस्था भी बहाल होगी। अक्तूबर माह के अंत में ही जम्मू कश्मीर में ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनरगर से शीतकालीन राजधानी जम्मू में राजधानी के स्थानांतरण जिसे दरबार मूव की प्रक्रिया कहते हैं, शुरु होती है। श्रीनगर में सचिवालय बंद हो जाता है और लगभग एक सप्ताह बाद नवंबर माह के पहले सोमवार को जम्मू में सचिवालय खुलता है।