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35ए भंग करने की अटकलों के बीच हलचल, अजीत डोभाल के दौरे के बाद कश्मीर भेजे गए 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षाबल

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कश्मीर का तीन दिन का दौरा पूरा कर लौटे हैं। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में केंद्रीय अर्धसैनिकबलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां भेजने का फैसला किया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 27 Jul 2019 09:31 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2019 10:59 AM (IST)
35ए भंग करने की अटकलों के बीच हलचल, अजीत डोभाल के दौरे के बाद कश्मीर भेजे गए 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षाबल
35ए भंग करने की अटकलों के बीच हलचल, अजीत डोभाल के दौरे के बाद कश्मीर भेजे गए 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षाबल

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में केंद्रीय अर्धसैनिकबलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां (10 हजार जवान व अधिकारी) भेजने का फैसला किया है। इन कंपनियों का आगमन अगले चंद दिनों में शुरू हो जाएगा। केंद्र के इस फैसले ने कश्मीर घाटी में राजनीतिक दलों व अलगाववादियों में हलचल तेज कर दी है।

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चूंकि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी कश्मीर का तीन दिन का दौरा पूरा कर शुक्रवार को लौटे हैं। कुछ लोग कश्मीर में 100 अतिरिक्त कंपनियां भेजने को अनुच्छेद 35ए को भंग करने से पहले केंद्र की तैयारी के रूप में देख रहे हैं तो कई कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों में तेजी लाने के लिए।

अलबत्ता, प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू कश्मीर दौरे के दौरान राज्य प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर 100 अतिरिक्त कंपनियां भेजने की मांग की थी, जिसे अब मंजूरी मिली है। उन्होंने इसे स्वतंत्रता दिवस व राज्य में विधानसभा चुनावों की जमीन तैयार करने के लिए सामान्य प्रक्रिया बताया।

सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय ने केंद्रीय अर्धसैनिकबलों की 100 नई कंपनियों को भेजने का फैसला गत 25 जुलाई को लिया है। इनमें 50 कंपनियां सीआरपीएफ की होंगी, जबकि बीएसएफ और आइटीबीपी की 10-10 कंपनियां होंगी। इनके अलावा एसएसबी की 30 कंपनियां होंगी।

कश्मीर भेजी जा रही सीआरपीएफ की 50 नई कंपनियों में से अधिकांश दिल्ली में ही तैनात हैं। इनमें से नौ कपंनियां संसदीय चुनावों के लिए तैनात थी, जिन्हें बाद में कांवड़ यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा प्रबंधों में लगाया गया है। अब इन नौ कंपनियों को फिर कश्मीर रवाना किया जा रहा है। गृह मंत्रालय ने राज्य में भेजी जा रही 100 अतिरिक्त कंपनियों के बारे में राज्य के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम को पत्र भी भेज दिया है।

नेकां व पैंथर्स ने केंद्र के फैसले पर उठाया सवाल :

नेशनल कांफ्रेंस और पैंथर्स पार्टी ने कश्मीर में 100 अतिरिक्त कंपनियां भेजने के केंद्र के फैसले पर सवाल उठाया है। दो दिन पहले नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी केंद्र व राज्य प्रशासन पर अनुच्छेद 35ए को भंग किए जाने की आशंका को लेकर लोगों में भय पैदा करने का आरोप लगाया था। नेकां महासचिव अली मोहम्मद सागर ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार और राज्यपाल सत्यपाल मलिक अक्सर दावा करते हैं कि कश्मीर में हालात सुधर गए हैं। जब हालात में सुधार है तो फिर यहां सुरक्षाबलों की संख्या क्यों बढ़ाई जा रही है। आम लोगों में इससे डर पैदा होगा। कहीं ऐसा तो नहीं कि केंद्र सरकार राज्य के संविधान के साथ कोई छेडख़ानी करने के मूड में है।

वहीं पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्ष देव ने कहा कि यह अजीब बात है, एक तरफ राज्यपाल कहते हैं कि यहां कानून व्यवस्था में सुधार हो रहा है तो दूसरी तरफ आतंकियों के खिलाफ अभियान तेज करने, कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिकबलों की 100 और कंपनियों को तैनात किया जा रहा है। यह परस्पर विरोधाभासी है। सरकार को राज्य के हालात पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।  

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