शांति व भाईचारे का संदेश फैला रहा अहमदिया संप्रदाय
राज्य ब्यूरो जम्मू उप राज्यपाल के सलाहकार केके शर्मा ने कहा कि अहमदिया मुस्लिम संप्रदाय विश्व में शांति और आपसी भाईचारे का संदेश फैला रहा है। यह संप्रदाय दूसरों के लिए रोल मॉडल है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : उप राज्यपाल के सलाहकार केके शर्मा ने कहा कि अहमदिया मुस्लिम संप्रदाय विश्व में शांति और आपसी भाईचारे का संदेश फैला रहा है। यह संप्रदाय दूसरों के लिए रोल मॉडल है।
अहमदिया मुस्लिम जमात जम्मू की तरफ से छठी शांति संगोष्ठी को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि समय की जरूरत है कि विश्व में आपसी भाईचारा व मानवता का संदेश दिया जाए। जम्मू कश्मीर के विकास और खुशहाली में संप्रदाय अपना योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के जरिए शांति को कायम करने में मदद मिल सकती है। मौजूदा समय में विश्व में हिसा फैल रही है। ऐसे समय में शिक्षा सहित अन्य प्रयासों से हिसा पर नियंत्रण पाया जाना चाहिए। मानवता की भलाई के लिए विचारों का आदान प्रदान होना चाहिए। अलग-अलग विचारधाराओं के लोगों को साथ आकर मानवता की भलाई के लिए काम करना चाहिए। अहमदिया संप्रदाय ने आतंकवाद को पूरी तरह नकार दिया है और शांति का संदेश फैला रहा है। अहमदिया संप्रदाय महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी काम कर रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में संप्रदाय अहम योगदान दे रहा है।
कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. फरीद अहमद मीर ने पवित्र कुरान के बारे में बताया। अहमदिया संप्रदाय के बारे में वृतचित्र फिल्म भी दिखाई गई। जम्मू विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. मनोज धर, समग्र शिक्षा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. अरुण मन्हास, समाज सेवक आइडी सोनी, एसके जैन, एसएस सोढ़ी, डॉ. रवि व के तारिक ने भी संगोष्ठी को संबोधित किया। इससे पहले गौहर हफीज फनी ने अहमदिया संप्रदाय की तरफ से किए जा रहे कार्यो के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर उप राज्यपाल जीसी मुर्मू का संदेश भी पढ़ कर सुनाया गया। पंजाब के छोटे से कस्बे में
हुई थी समुदाय की स्थापना
अहमदिया इस्लाम का एक संप्रदाय है। हजरत मिर्जा गुलाम अहमद ने पंजाब के जिला गुरदासपुर के कादिया में वर्ष 1889 में इस संप्रदाय की स्थापना की थी। उन्होंने लोगों में शांति को फैलाया और तबाही से दूर रहने का संदेश दिया। इस संप्रदाय के लोग सभी धर्मो के लोगों का सम्मान करते हैं और आपदा में फंसे लोगों की मदद करते हैं। अब इस संप्रदाय के लोग विश्व के 212 देशों में हैं। इस संप्रदाय ने 131 साल के इतिहास में मानवता की भलाई, सहनशीलता और आपसी भाईचारे का ही संदेश दिया है। कोई भी आपदा आने पर इस संप्रदाय के लोग मानवता का परिचय देते हुए प्रभावित लोगों की मदद करते हैं। जम्मू कश्मीर में इस संप्रदाय की सीमित संख्या है।