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वकीलों की जनरल हाउस बैठक बेनतीजा रही, गतिरोध जारी

जागरण संवाददाता जम्मू -अनिश्चितकालीन हड़ताल आगे खिंच सकती है हाईकोर्ट में 40 हजार मामले लंबित -निचली अदालतों में 62500 मामले लंबित -जेएंडके हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रधान ने कहा मांगें पूरी नहीं होने तक जारी रहेगी हड़ताल -------------

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 09:24 AM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 09:24 AM (IST)
वकीलों की जनरल हाउस बैठक बेनतीजा रही, गतिरोध जारी
वकीलों की जनरल हाउस बैठक बेनतीजा रही, गतिरोध जारी

जागरण संवाददाता, जम्मू : पहली नवंबर से वकीलों की कामछोड़ हड़ताल से राज्यपाल प्रशासन और वकीलों के बीच एक माह से जारी गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। जेएडंके बार एसोसिएशन जम्मू के वकीलों की सोमवार को जनरल हाउस बैठक बेनतीजा रही, जिससे वकीलों की अनिश्चितकालीन हड़ताल आगे खिंच जाने से हाईकोर्ट और उसके अधीनस्थ अदालतों में कामकाज ठप पड़ा है।

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हड़ताल जम्मू डिवीजन तक ही सीमित है। नाम न छापने की शर्त पर हाईकोर्ट के सीनियर वकील ने बताया कि जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट में करीब 40 हजार मामले लंबित हैं, जबकि निचली अदालतों में इनकी संख्या करीब 62,500 है।

जिन निचली अदालतों में कामकाज ठप है, उनमें इलेक्ट्रिीसिटी कोर्ट, चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, एक्साइज कोर्ट, रेलवे कोर्ट, प्रथम मुंसिफ कोर्ट, प्रथम एडीशनल कोर्ट मुंसिफ, द्वितीय मुंसिफ कोर्ट, तृतीय मुंसिफ कोर्ट, सब रजिस्ट्रार, मैट्रिमोनियल कोर्ट, डिस्ट्रिक्ट सेशन जज, फ‌र्स्ट एडीशनल सेशन कोर्ट, एंटी करप्शन कोर्ट, फ‌र्स्ट प्रिसिपल एंटी करप्शन जज, सेकेंड एडीशनल सेशन जज, एनआइए कोर्ट, सीबीआइ कोर्ट, एमएसीटी अदालत, कंज्यूमर कोर्ट और उसके अपीलेंट कोर्ट शामिल हैं। इसके अलावा सिटी जज, ट्रैफिक मोबाइल और ट्रैफिक एडीशनल मोबाइल मजिस्ट्रेट और उसके अपीलेंट कोर्ट शामिल हैं। जम्मू डिवीजन के करीब एक लाख लोग न्याय के लिए मोहताज हैं।

बैठक में बार एसोसिएशन के उप प्रधान रोहित भगत, महासचिव अभिषेक वजीर, संयुक्त सचिव प्रदीप मजोत्रा, कोषाध्यक्ष सुशांत समोत्रा व अन्य वरिष्ठ सदस्य शामिल हुए। यंग लॉयर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने भी बैठक में भाग लिया। बैठक में वरिष्ठ सदस्य सीनियर एडवोकेट लीला शर्मा, बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान वेद राज वजीर, बीएस सलाथिया, सुनील सेठी, सीनियर एडवोकेट यूके जलाली व अन्य मौजूद थे। अदालतें तो खुली हैं, पर वकील न मिलने से हो रहीं दिक्कतें : रमन

सीजेएम अदालत में फौजदारी के एक मामले में जमानत लेने पहुंचे रमन शर्मा का कहना है कि अदालतें तो खुली हुई हैं, लेकिन वकील न मिलने से दिक्कतें पेश आ रही हैं। ट्रैफिक मोबाइल मजिस्ट्रेट अदालत के बाहर वाहन के चालान के लिए पहुंचे अरविद कुमार का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस ने उनका भारी भरकम चालान काटा था। इसे मैं चुनौती देना चाहता हूं, लेकिन वकील न मिलने से मामला लटक चुका है। अब मेरे पास दो ही विकल्प हैं या तो 10 हजार रुपये जुर्माना दूं या हड़ताल खत्म होने का इंतजार करूं। मांगें पूरी नहीं होने तक जारी रहेगी हड़ताल : अभिनव

जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रधान अभिनव शर्मा का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। शनिवार को जम्मू में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में सभी केंद्रीय कानून लागू होंगे। उनके बयान से साफ है कि जमीन की खरीद-फरोख्त व अन्य दस्तावेज की रजिस्ट्री का अधिकार राजस्व विभाग के पास ही रहेंगे। वन भूमि पर हजारों पेड़ों की बलि चढ़ जाएगी

वकीलों की एक मांग यह भी है कि जानीपुर हाईकोर्ट परिसर को फॉरेस्ट लैंड बाहू रैका में शिफ्ट न किया जाए। हड़ताली वकीलों का तर्क है कि अगर हाईकोर्ट परिसर का निर्माण होगा तो फॉरेस्ट लैंड पर हजारों पेड़ों की बलि चढ़ जाएगी। सिर्फ हाईकोर्ट शिफ्ट हुआ तो वकीलों को काफी दिक्कत होगी क्योंकि एक ही दिन में कुछ केसों के लिए वकील जिला कोर्ट में पेश होते हैं तो कुछ हाईकोर्ट में। ऐसे में वकीलों के लिए जानीपुर से बाहु क्षेत्र तक पहुंचना संभव नहीं हो पाएगा। बेशक राज्यपाल प्रशासन हाईकोर्ट परिसर को शिफ्ट न करने पर सहमति जता सकती है, लेकिन जमीनों की रजिस्ट्री अधिकार राजस्व विभाग से न्यायपालिका को फिर दिए जाने पर सरकार का रूख साफ है कि वह इससे पीछे हटने वाले नहीं।


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