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लद्दाख में 'आदि महोत्सव' का आगाज, आदिवासियों को पहचान दिलाने का मोदी ने उठाया बीड़ा

यह पहला मौका है जबकि लेह लद्दाख के आदिवासियों के लिए इतना बड़ा आयोजन किया जा रहा है और उन्हें दुनिया की बाजार से जोड़ने के गुर सिखाए जाएंगे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 16 Aug 2019 09:04 PM (IST)Updated: Sun, 18 Aug 2019 02:20 AM (IST)
लद्दाख में 'आदि महोत्सव' का आगाज, आदिवासियों को पहचान दिलाने का मोदी ने उठाया बीड़ा
लद्दाख में 'आदि महोत्सव' का आगाज, आदिवासियों को पहचान दिलाने का मोदी ने उठाया बीड़ा

माला दीक्षित, लेह। लेह लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने बाद आदिवासी बाहुल्य वाले इस क्षेत्र मे आदि महोत्सव के ज़रिए सबसे पहले तरक्की की उम्मीद लेकर पहुँचे केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भरी बारिश मे उन्हे सुनने के लिए खड़े लद्दाखियों का उत्साह ख़ुशी और जोश देखकर बोले यहाँ का हैप्पीनेस इंडेक्स और जगह से अच्छा है।

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गीले बदन मे तेरा मुस्कुराना

अर्जुन मुंडा ने वहां के लोगों के लिए दो शेर भी पढ़े। ‘ बारिश के मौसम मे गर तुम न आते तो बारिश का मौसम यूहीं चला जाता’। ‘ गीले बदन मे तेरा मुस्कुराना बिजली का जैसे यूंही चमक जाना’।

जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने लद्दाख को भरोसा दिलाया कि उनकी तरक़्क़ी, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सभी चीज़ों को बेहतर बनाने के लिए केन्द्र सरकार क्रतिसंकल्प है और इसके लिए वह हर तरह का सहयोग देंगे। केन्द्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने यह बात शनिवार को लेह मे नौ दिवसीय आदि महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कही। इस मौक़े पर मौजूद लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नाग्याल ने लद्दाख की उन्नति के लिए केन्द्र सरकार से केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख को शिड्यूल छह मे ट्राइबल एरिया घोषित करने की गुज़ारिश की।

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद और लेह लद्दाख को केन्द्र शासित राज्य का दर्जा मिलने के बाद यह पहला मौक़ा है जबकि केन्द्र सरकार के किसी मंत्रालय की ओर से यहाँ इतना बड़ा आयोजन किया गया है। लद्दाख की क़रीब 95 फ़ीसद आबादी जनजातीय है इसलिए तरक़्क़ी की सबसे पहली योजना लेकर जनजातीय मंत्रालय यहाँ पहुँचा है।

नौ दिवसीय आदि महोत्सव

जनजातीय मंत्रालय ने ट्राईफेड के ज़रिए लेह मे नौ दिवसीय आदि महोत्सव का आयोजन किया है जिसमें 20 राज्यों के क़रीब 200 जनजातीय कलाकार अपने उत्पादनों और कलाक्रतियों की बिक्री करेंगे। इसमे लद्दाख के भी क़रीब 40 कलाकार अपनी क्रांतियों के साथ हिस्सा ले रहे है।

आदि महोत्सव के उद्घाटन के दौरान लेह लद्दाख वासियों मे ग़ज़ब का उत्साह और जोश दिखा। आदि महोत्सव का उद्धाटन करते हुए अर्जुन मुंडा ने कहा कि ‘हम आपके वजूद, आपकी पहचान और आपकी आदि परंपरा को बचाने आए हैं।लेह लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश घोषित होने के बाद आदि महोत्सव के ज़रिए क़दम बढाते हुए दुनिया मे लद्दाख की पहचान बनाना चाहते हैं।इस आदि महोत्सव का यही उद्देश्य है।यहाँ की मिट्टी की महक बनाए रखना है।

जनजातीय मंत्रालय हमेशा आपके साथ

उन्होंने कहा कि केन्द्र शासित प्रदेश बनने की जो आपकी भावना थी उस भावना को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने समझा और उसे पूरा किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार पर आपका विश्वास बना रहे यह जनजातीय मंत्रालय हमेशा आपके साथ है।यह वह जगह है जहाँ से सिंधु नदी निकलती है यहाँ की संस्क्रति को सरकार बचाएगी।

पश्मीना ऊन

उन्होंने कहा कि सरकार पश्मीना ऊन की बकरियों बकरों को पालने वालों के लिए एक प्रोजेक्ट लाएगी ताकि बर्फ़बारी के दौरान ऐसी बकरियों को मरने से बचाया जा सके और पश्मीना के उत्पादन मे बढ़ोत्तरी हो। यहां शिक्षा स्वास्थ्य आदि की बेहतर व्यवस्था के भी इंतज़ाम होंगे।

क्षेत्र के सांसद जामयांग ने केन्द्र शासित प्रदेश घोषित होने के बाद सबसे पहले इतना बड़ा कार्यक्रम लेह मे करने के लिए जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा और और इस मौक़े पर मौजूद राज्य मंत्री रेणुका सिंह को धन्यवाद दिया और उनका आभार जताया।

जामयांग मे कहा कि यहाँ की ज़्यादातर आबादी आदिवासी है और इनकी उन्नति और संरक्षण चिंता का विषय है। अभी तक लेह लद्दाख का जितना विकास होना चाहिए नही हुआ है। उन्होंने अर्जुन मुंडा से आग्रह किया कि वह ग्रह मंत्रालय से इस केन्द्र शासित प्रदेश को शिड्यूल छह मे ट्राइबल एरिया घोषित करने का आग्रह करें ताकि यहाँ कि संस्क्रति और भौगोलिक स्थिति उन्नत हो सके।

राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने कहा कि देश को आज़ादी 1947 मे मिली थी लेकिन लद्दाख को विशेष तौर पर आज़ादी 5 अगस्त 2019 को मिली है।

आदि महोत्सव 17 से 25 अगस्त तक

लेह में यह आदि महोत्सव 17 से 25 अगस्त तक चलेगा। आदिवासियों को बाजार से जोड़ने के गुर सिखाए जांयेंगे उनकी खासियते बरकरार रखते हुए उन्के वन उत्पादनोंं को देश और दुनिया की बाजार में पहुंचाया जायेगा। केन्द्र सरकार यहां के लोगों को आगै बढ़ाने के लिए बहुत गंभीर है।

आदि महोत्सव में प्रदर्शन और बिक्री

लेह में 17 से 25 अगस्त तक चलने वाले आदि महोत्सव में आदिवासियों द्वारा बनाई गई चीजों का प्रदर्शन और बिक्री होगी। इसमें 20 राज्यों के करीब 200 आदिवासी हिस्सा लेंगे। इसके अलावा लद्दाख के आदिवासी भी इसमें अपने सामानों और कलात्मक वस्तुओं को पेश करेंगे।

आदिवासियों की कलाओं को आगे वढाने उनके उत्पादनों को देश विदेश तक पहुंचाने और उनकी कला को संरिक्षत करने के उद्देश्य से जनजातीय मंत्रालय ट्राइबल कोआपरेटिव मार्केटिंग डेवलेपमेंट फेडरेशन आफ इंडिया (ट्राइफेड) के साथ मिल कर इस आदि महोत्सव का आयोजन करता है।

वन धन योजना

इस महोत्सव में जनजातीय मंत्रालय की वन धन योजना के तहत वन उत्पादनों में वैल्यू एडीशन करके उन्हें बेहतर पैकेिजिंग में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाया जाता है। इसमें लद्धाख के आदिवासी महिला और पुरुष को ट्राइब्स इंडिया के सप्लायर पैनल में शामिल किया जाएगा और उनकी कृतियों और उत्पादों को देश भर में 104 शो रूम के जरिए उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा अमेजन के जरिए दुनिया भर के बाजार में उनके उत्पाद बिकेंगे क्योंकि इस बारे मे ट्राइब्स इंडिया का अमेजन के साथ समझौता है।


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