J&K bank scam: एसीबी ने जेके बैंक घोटाले में पूछताछ के लिए पूर्व डिप्टी मेयर को हिरासत में लिया
एसीबी के प्रवक्ता ने बताया कि इमरान को लस्सीपोरा पुलवामा में एक कोल्ड स्टोर की स्थापना के लिए बैंक से लिए गए कर्ज के फर्जीवाड़े में हिरासत में लिया गया है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। श्रीनगर नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर शेख इमरान की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। पांच अगस्त से हिरासत में शेख इमरान को पहले डिप्टी मेयर का पद गंवाना पड़ा। अब उन्हें जेके बैंक में हुए घोटाले के सिलसिले में जेल जाना पड़ सकता है।भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जेके बैंक घोटाला मामले में उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है।
गत जून में जेके बैंक घोटाले में उनका नाम भी सामने आया था। वह कश्मीर के एक प्रमुख व्यावसायिक समूह कहवा स्कवेयर प्राइवेट लिमिटेड ग्रुप के एमडी हैं। एसीबी के प्रवक्ता ने बताया कि इमरान को लस्सीपोरा पुलवामा में एक कोल्ड स्टोर की स्थापना के लिए बैंक से लिए गए कर्ज के फर्जीवाड़े में हिरासत में लिया गया है। इस मामले में जम्मू कश्मीर बैंक के कुछ अधिकारियों समेत बैंक के पूर्व चेयरमैन भी आरोपित हैं।
उन्होंने कोल्ड स्टोर के निर्माण के लिए लागत राशि को बढ़ाकर पेश किया ताकि छूट की राशि बढ़ जाए। कहवा समूह ने जेके बैंक से 138 करोड़ कर्ज भी लिया और इसे बैंक के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर 78 करोड़ में रिस्ट्रक्चर कराया। उन्होंने मात्र 50 करोड़ चुकाये और वह भी बैंक से कर्ज लेकर। इमरान आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के करीबी हैं।
परियोजना की लागत 33 करोड़ आंकी
शेख इमरान ने जिस जगह कोल्ड स्टोर स्थापित किया, उस जगह का आंकलन करने वाले सरकारी अधिकारियों ने पूरी परियोजना की कुल लागत 33 करोड़ आंकी। इस परियोजना में पूवरेत्तर व हिमालयी राज्यों के लिए बागवानी मिशन के तहत नियमों के अनुरूप सब्सिडी 16.50 करोड़ बनती थी। इमरान ने इस परियोजना की लागत को बैंक में अपने संबंधों के जरिए 47 करोड़ तक पहुंचा दिया। जांच में पता चला कि कहवा ग्रुप के जेके बैंक में छह और खाते थे, जिनके आधार पर इमरान ने कर्ज व ओवरड्राफ्ट लिया, लेकिन यह खाते एनपीए हो गए।