Jammu: रक्षाबंधन पर बिक गईं करीब नब्बे लाख की मिठाइयां, कुछ सालों से मिठाइयों का चलन कम हुआ
Raksha Bandhan Celebration रक्षाबंधन पर काम ठीक रहा है। गांधीनगर में प्रसिद्ध मिठाई विक्रेता राजेश कुमार ने कहा दो दिन में करीब तीन लाख रुपये का बिजनेस हुआ है। शहर में 200 के करीब छोटी-बड़ी मिठाई की दुकानें हैं।
जागरण संवाददाता, जम्मू : मिठाइयों के घटते प्रचलन के बावजूद रक्षाबंधन पर जम्मू शहर में करीब 90 लाख रुपये की मिठाइयां बिकीं।
शहर के प्रसिद्ध मिठाई विक्रेताओं की मानें तो इस बार हालांकि पहले जैसा काम तो नहीं निकला लेकिन पिछले साल की तुलना में मिठाइयां ज्यादा बिकी हैं। अनुमान जताया गया कि करीब 90 लाख से एक करोड़ रुपये की मिठाइयां विभिन्न विक्रेताओं के यहां से बिकीं। मिठाई विक्रेता रोशन लाल, दर्शन कुमार का कहना है कि कुछ सालों से मिठाइयों का चलन कम हुआ है।
गिफ्ट आइटम्स ज्यादा खरीदी जा रही हैं लेकिन आज भी जब मुंठ मीठा करवाने की बात आती है तो लो मिठाइयों को ही तरजीह देते हैं। उनका कहना है कि रक्षाबंधन पर काम ठीक रहा है। गांधीनगर में प्रसिद्ध मिठाई विक्रेता राजेश कुमार ने कहा दो दिन में करीब तीन लाख रुपये का बिजनेस हुआ है। शहर में 200 के करीब छोटी-बड़ी मिठाई की दुकानें हैं।
ग्राहक सुनीता देवी, बचन लाल व प्रीतम शर्मा ने कहा कि रक्षाबंधन के पहले दिन से ही बड़ी दुकानों पर भीड़ है। 250 रुपये से शुरू होकर 1200 रुपये किलो में मिठाइयां बिक रहीं है। खैर रक्षाबंधन की खुशी में मिठास भरने का मौका छोड़ना नहीं चाहिए। पिछले साल भी कोरोना के चलते रक्षाबंधन का मजा किरकिरा हो गया था। इस बार थोड़े हालात सामान्य हैं तो अच्छा है कि पर्व को अच्छे से मनाया जाए।
वहीं स्वीट्स शापकीपर्स एसोसिएशन के उपप्रधान रमेश शर्मा ने कहा कि हर साल डेढ़ करोड़ के करीब मिठाइयां बिक जाती थीं। अब काम पहले जैसा नहीं रहा। करीब 90 लाख रुपये की मिठाइयां बिकी होंगी। उम्मीद करते हैं कि हालात सामान्य होते जाएंगे और व्यापार फिर पटरी पर लौटेगा।
कहीं लड्डू तो कहीं काजू कतली बनी पसंद: गांधीनगर में प्रसिद्ध तीन मिठाई की दुकानों पर सबसे ज्यादा बिक्री बर्फी की हुई। इसके अलावा लड्डू, गुलाम जामुन, रस्सगुल्लों की भी खूब मांग रहीं। मिठाई विक्रेता सूरज शर्मा, नीशू, राम ने बताया कि बर्फी में सबसे ज्यादा काजू कतली पसंद की जाती है। उन्होंने कहा कि मिक्स मिठाइयों की भी मांग रहती है लेकिन ज्यादातर लोग गुणवत्ता वाली मिठाइयों को तरजीह देते हैं। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन पर ही ज्यादा मिठाइयां बिकती हैं। शेष दिनों में तो अब पहले जैसा काम नहीं रह गया। वहीं जलेबी की भी खासी बिक्री हुई।