आयुष्मान भारत से मिल रही नई ¨जदगी
रोहित जंडियाल, जम्मू : आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को जम्मू कश्मीर में लागू हुए म
रोहित जंडियाल, जम्मू :
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को जम्मू कश्मीर में लागू हुए मात्र ढाई महीने ही हुए हैं, लेकिन इसका लाभ लेने और पंजीकरण करवाने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ रही है। गोल्डन कार्ड बनाने वालों में जम्मू कश्मीर देश में दूसरे नंबर पर है। इस योजना के तहत इलाज करवाने वालों की संख्या राज्य में 1100 पार कर चुकी है।
आयुष्मान भारत योजना लोगों को नई जिंदगी दे रही है। जम्मू संभाग के रामबन की रहने वाली 22 वर्षीय सलमा कई दिनों से बीमार थी। पिता की मौत हो गई थी और घर में सिर्फ मां थी। इलाज के लिए पैसे नहीं थे। डेढ़ महीने पहले उसे आयुष्मान भारत की चिट्ठी मिली। रामबन जिला अस्पताल में उसने गोल्डन कार्ड बनाया। पिछले सप्ताह ही वह इलाज के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल जम्मू आई। उसे पत्थरी थी। यहां पर उसका न सिर्फ इलाज हुआ बल्कि डॉक्टरों ने उसे अस्पताल से ब्लड तक दिया। दो दिन पहले ही उसे छुट्टी मिली है। पूरा परिवार काफी खुश था कि उनका इलाज हो गया।
श्रीनगर की रहने वाली चार वर्षीय सितारा अख्तर को निमोनिया था। उसकी हालत कफी गंभीर हो गई थी। उसे श्रीनगर के जीबी पंत अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उसके इलाज में 55 हजार रुपये लगे। परिजनों का कहना था कि अगर उनका गोल्डन कार्ड नहीं बना होता तो शायद ही उनकी बेटी की जान बच पाती। इस तरह के कई लाभार्थी हैं, जिनके पास इलाज करवाने के लिए रुपये नहीं थे और अब वे इलाज करवा रहे हैं।
हालांकि आयुष्मान भारत योजना के तहत दिक्कतें भी आ रही हैं, लेकिन योजना को लेकर राज्य के तीनों खित्तों में उत्साह है। जम्मू कश्मीर में इस योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या 31 लाख से अधिक है। ढाई महीने से भी कम समय में 11 लाख के करीब लोगों के गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। जम्मू जिला इनमें सबसे आगे है। जिले में एक लाख से अधिक लोगों के कार्ड बन चुके हैं। कश्मीर और लेह भी इसमें पीछे नहीं है। इन दोनों ही क्षेत्रों में गोल्डन कार्ड बनाने वालों की संख्या हर दिन बढ़ रही है।
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कुछ टेस्ट सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं
आयुष्मान भारत योजना में लोगों को कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है। कुछ ऐसे टेस्ट भी हैं, जो सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं हैं और मरीजों को निजी लैब में करवाने पड़ते हैं, लेकिन टेस्ट निजी लैब से करवाने पर उनका भुगतान करने की कोई योजना नहीं है। कई ऐसे मरीज हैं, जिनके पास टेस्ट करवाने के लिए रुपये ही नहीं हैं। ऐसे मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर अभी प्रतीक्षा करने को कह रहे हैं। योजना शुरू होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में इसका अधिक असर देखने को मिल रहा है। हालांकि ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जो इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि उनके कार्ड नहीं बने, लेकिन स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग का कहना है कि इस मामले में वे कुछ नहीं कर सकते हैं। केवल पहले से पंजीकृत लोगों के ही कार्ड बन रहे हैं।
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132 लोगों का हो चुका
इलाज : डॉ. दारा सिंह
राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. दारा ¨सह का कहना है कि हमारे अस्पताल में अभी तक 132 लोगों का इलाज हो चुका है। इनमें से 30 के इलाज पर खर्च वापस मिल चुका है। उनका प्रयास रहता है कि जिनके पास भी गोल्डन कार्ड बने हैं, उनका इलाज हो सके। स्वास्थ्य विभाग के अधीन आने वाले सबसे बड़े गांधीनगर अस्पताल के मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. चंद्रप्रकाश का कहना है कि आयुष्मान योजना का लोगों को काफी लाभ हो रहा है। लाभार्थी गोल्डन कार्ड बनाने के लिए सामने आ रहे हैं।
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नए लोगों को जोड़ना चाहिए
आयुष्मान भारत में कई लोगों का निशुल्क इलाज हो रहा है, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं पर उनका कार्ड नहीं बन पाया है। खंडवाल पंचायत के सरपंच सोनमदीप का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी के अनुसार वर्ष 2011 में हुए सर्वेक्षण के आधार पर ही कार्ड बनाए जा रहे हैं, लेकिन जो उस सर्वे में नहीं थे, उनके कार्ड भी बनने चाहिए, ताकि गरीबों का इलाज हो सके। पंचायत चक वाना के सरपंच कुलजीत ¨सह व पंचायत खोजपुरा के सरपंच संजय शर्मा का मानना है कि यह आयुष्मान योजना बहुत ही अच्छी है। इसमें नए लोगों को भी जोड़ना चाहिए ताकि सभी को इसका लाभ मिल सके। कई पंचायतों में तो पंच-सरपंच स्वयं लाभार्थियों को कार्ड बांट रहे हैं ताकि योजना का सभी को लाभ मिले।
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किस जिले में कितने बने गोल्डन कार्ड
जम्मू : 1,24,596
कठुआ : 1,16,365
अनंतनाग : 104804
राजौरी : 82010
ऊधमपुर : 75234
पुंछ : 73493
बारामुला : 71029
श्रीनगर : 65744
डोडा : 52421
बडगाम : 52355
कुलगाम : 43455
पुलवामा : 43181
बांडीपोरा : 41622
कुपवाड़ा : 40325
रामबन : 37576
रियासी : 37051
सांबा : 32707
गांदरबल : 30452
किश्तवाड़ : 25876
कारगिल : 25797
शोपियां : 15271
लेह, लद्दाख : 11068
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