जम्मू-कश्मीर में चिकित्सा शिक्षा का हो रहा लगातार विकास, MBBS में सीटों की संख्या दो गुणा से अधिक; डेंटल में भी हैं दो कॉलेज
जम्मू-कश्मीर में कठुआ राजौरी उधमपुर डोडा बारामुला हंदवाड़ा अनंतनाग में सात नए मेडिकल कालेज खुले हैं। इसके अतिरिक्त जम्मू के विजयपुर में भी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान खुला है जहां पर एमबीबीएस की सौ सीटें हैं। इस वर्ष श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का मेडिकल कालेज भी खुला है। यहां पर भी पचास विद्यार्थियों को एमबीबीएस में एडमिशन दी जाएगी।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में बीते एक दशक में चिकित्सा शिक्षा में बहुत बदलाव आया है। इन वषों में जम्मू-कश्मीर में एमबीबीएस के साथ-साथ अन्य पद्वतियों में भी डिग्री कोर्स करने के लिए सीटों की संख्या तीन गुणा हो गई है। इस समय स्थिति यह है कि एक सीट पर मात्र 15 से 16 विद्यार्थियों के बीच ही प्रतिस्पर्धा है।
वर्ष 2014 से पहले जम्मू-कश्मीर में सिर्फ जीएमसी जम्मू, जीएमसी श्रीनगर, शेर-ए-कश्मीर इंस्टीटयूट आफ मेडिकल सांइसेस सौरा और बेमिना होते थे। इसके अलावा एक निजी मेडिकल कालेज आचार्य श्री चंद्र कालेज आफ मेडिकल सांइसेस खुला था। इनमें एमबीबीएस की कुल पांच सौ के आसपास ही सीटें थी। अन्य किसी पद्वति का कोई मेडिकल कालेज नहीं था।
मगर अब जम्मू-कश्मीर में कठुआ, राजौरी, उधमपुर, डोडा, बारामुला, हंदवाड़ा, अनंतनाग में सात नए मेडिकल कालेज खुले हैं। इसके अतिरिक्त जम्मू के विजयपुर में भी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान खुला है जहां पर एमबीबीएस की सौ सीटें हैं।
इस वर्ष श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का मेडिकल कालेज भी खुला है। यहां पर भी पचास विद्यार्थियों को एमबीबीएस में एडमिशन दी जाएगी। इसके अतिरिक्त अगले वर्ष कश्मीर के अवंतीपोरा में भी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को अगले वर्ष से खोलने की तैयारी है।
इन पद्वतियों में भी बड़ी सीटें
जम्मू-कश्मीर में एमबीबीएस के साथ-साथ आयुर्वेद, युनानी और होम्योपैथी मेडिकल कालेज भी पिछले तीन से चार वर्ष में स्थापित हुए हैं। इन तीनों कालेजों में ढाई सौ से अधिक सीटें हैं। इसके अतिरिक्त बारामुला में एक और आयुर्वेद कालेज खोलने की प्रक्रिया चल रही है।
डेंटल में भी हैं दो कॉलेज
जम्मू-कश्मीर में दो डेंटल कालेज भी है। इंदिरा गांधी डेंटल कालेज जम्मू तो डेंटल् कालेज श्रीनगर दोनो ही सरकारी है। जम्मू में एक निजी डेंटल कालेज भी था लेकिन इस कालेज ने बीते वर्ष से एडमिशन करना बंद कर दी है। दोनो डेंटल कालेजों में सवा सौ से अधिक बीडीएस की सीटें हैं।
और सीटें बढ़ाने के लिए किया है आवेदन
जम्मू-कश्मीर के सभी सरकारी मेडिकल कालेजों ने अभी एमबीबीएस की सीटें और बढ़ाने के लिए आवेदन किया है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की टीमें कभी भी इन कालेजों में सीटें बढ़ाने के लिए निरीक्षण कर सकती है। सुविधाओं के अनुसार ही सीटें बढ़ेंगी। अगले वर्ष तक तीन सौ के आसपास एमबीबीएस की सीटें और बढ़ सकती हैं।
इस समय हैं 1800 के करीब सीटें
जम्मू: इस समय जम्मू-कश्मीर में एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, होम्योपैथी, यूनानी में 1800 के करीब सीटें हैं। इनमें से 15 प्रतिशत सीटें केंद्रीय पूल में चली जाएंगी जहां पर देश का कोई भी विद्यार्थी मेरिट के आधार पर प्रवेश ले सकता है। अन्य डेढ़ हजार के करीब सीटों पर चौबीस हजार के करीब विद्यार्थियों के बीच प्रतिस्पर्धा है। इन सभी ने नीट परीक्षा पास की है।
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