Jammu kashmir Coronavirus: एक ऐसा शख्स, जिसने संक्रमित कर दिया जम्मू-कश्मीर
एक ऐसा शख्स जिसने संक्रमित कर दिया जम्मू-कश्मीरजम्मू कश्मीर में संक्रमित 55 मरीजों में से 40 तब्लीगी जमात के दिवंगत नेता से किसी न किसी रूप से जुड़े
श्रीनगर, नवीन नवाज। जिसकी आशंका थी, वही अब डरावनी हकीकत बनती जा रही है। जम्मू कश्मीर में कोरोना वायरस से संक्रमित तीन बच्चों सहित 55 मरीजों में से अधिकतर कश्मीर में कोरोना वायरस के सुपर स्प्रेडर (संक्रमण फैलाने वाला) बनते जा रहे तब्लीगी जमात के दिवंगत 65 वर्षीय स्थानीय आमीर से शुरू हुए संक्रमण की श्रृंखला का हिस्सा हैं। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि तो नहीं हुई है, लेकिन बताया जा रहा है कि 40 लोग प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों के संपर्क में आने से ही संक्रमित हुए हैं।
कश्मीर में मंगलवार को एक 10 साल के बच्चे सहित जो छह नए मामले सामने आए हैं, उनमें भी चार लोग तब्लीगी जमात की कड़ी थे। कश्मीर के यह आमीर वही हैं, जिनकी 25 मार्च को कोरोना वायरस के संक्रमण से कश्मीर में पहली मौत हुई थी। दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेकर वह हवाई जहाज, ट्रेन से होकर 16 मार्च को अपने करीब छह साथियों सहित कश्मीर लौटे थे।
प्रदेश प्रशासन ने तब्लीगी जमात के संक्रमित सदस्यों के परिजनों और उनके साथ संपर्क में आए लोगों की संख्या का पता लगाने के लिए सात मार्च से लाकडाउन शुरू होने तक निजामुद्दीन दिल्ली में और उसके साथ सटे होटलों में रुके जम्मू कश्मीर के विभिन्न लोगों की एक सूची तैयार की है। 50 पेजों पर आधारित इस सूची में शामिल लोगों को चिन्हित कर उनके बारे में पता किया जा रहा है। इसके लिए पुलिस, तब्लीगी जमात के सदस्यों, खुफिया तंत्र, समागमों से जुड़ी तस्वीरों और वीडियो फुटेज का भी सहारा लिया जा रहा है।
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तब्लीगी जमात से जुड़े संक्रमित और संदिग्ध मरीज अब प्रदेश के हर हिस्से में नजर आ रहे हैं। इनमें से अधिकांश को होम क्वरटांइन किया गया है। जिनमें जरा भी लक्षण दिखा, उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में क्वारंटाइन किया जा रहा है। जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने हालांकि किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन उन्होंने कहा कि हम सभी संदिग्ध और संभावित कोरोना वायरस संक्रमितों का पता लगाने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं।
तब्लीगी जमात के एक सदस्य के गले लगने से संक्रमित हुआ बच्चा :
कश्मीर के एक डाक्टर ने बताया कि मंगलवार को श्रीनगर के डाउन-टाउन में ईदगाह इलाके का 10 वर्षीय बच्चा भी तब्लीगी जमात के एक सदस्य के साथ संपर्क में आने से इसका शिकार हुआ है। वह ईदगाह के पास मस्जिद में गया था, जहां उसे तब्लीगी जमात के संक्रमित सदस्य ने गले लगाया था, अब उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। बेमिना में तब्लीगी जमात का एक बड़ा केंद्र है और वहां से दो मामले मंगलवार को भी सामने आए हैं। बांडीपोरा से छह मामले भी तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों के ही हैं।
अंडमान निकोबार, देवबंद, दिल्ली व जम्मू होते हुए पहुंचा कश्मीर :
प्रदेश प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि करोनो वायरस से मारा गया तब्लीगी जमात का प्रमुख नेता मूलत: उत्तरी कश्मीर के सोपोर के रहने वाला था, जो कई वषरें से श्रीनगर के हैदरपोरा में रह रहा था। वह दिसंबर 2019 को अपनी पत्नी संग दिल्ली गया था। वह वहां करीब एक माह रुका और वहां से अंडमान निकोबार चला गया। बीते माह वह श्रीनगर लौटा था और इसी माह सात मार्च को दिल्ली पहुंचा था।
निजामद्दीन मरकज में कुछ दिन रहने के बाद वह अपने छह कश्मीरी साथियों संग 10 मार्च को चेयर कार ट्रेन में बैठ देवबंद पहुंचा। वह वहां बीमार हो गया और उसने वहां एक कश्मीरी डाक्टर से दवा ली। इसके बाद वे सभी लोग शालीमार ट्रेन से 13 मार्च को जम्मू पहुंचे। जम्मू में ये लोग बाड़ी ब्राह्मणा में स्थित एक मस्जिद में रुके। इसके बाद 16 मार्च को वह इंडिगो की उड़ान 6ई -554 में बैठकर जम्मू से श्रीनगर पहुंचा था, जबकि उसके साथी सड़क के रास्ते श्रीनगर में दाखिल हुए थे। उसके बाद वह अगले सात-आठ दिनों तक श्रीनगर, सोपोर, बारामुला, बांडीपोर और कथित तौर पर दक्षिण कश्मीर में भी गया था।
इस दौरान वह अपने कई दोस्तों और परिचितों से मिला। उसने कई धार्मिक समागमों में हिस्सा लिया था। कश्मीर के रहने वाले छह अन्य तब्लीग कार्यकर्ताओं ने भी उसके साथ दिल्ली, देवबंद और बाड़ी ब्राह्मणा में तबलीग की बैठकों में हिस्सा लिया। उन सभी को तलाश कर लिया गया है, जबकि इन लोगों के संपर्क में आए लोगों को तलाशा जा रहा है।