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Jammu Kashmir : तीन माह के भीतर बनेंगे 800 शौचालय

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में वित्तीय रुप से आत्मर्निर्भर सार्वजनिक सुविधाओं के विकास पर जाेर देते हुए अगले तीन माह में 700 से 800 तक सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य संबंधित प्रशासन को दिया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 12:45 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 12:45 PM (IST)
Jammu Kashmir : तीन माह के भीतर बनेंगे 800 शौचालय
केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो । उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में वित्तीय रुप से आत्मर्निर्भर सार्वजनिक सुविधाओं के विकास पर जाेर देते हुए अगले तीन माह में 700 से 800 तक सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य संबंधित प्रशासन को दिया है।

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वह यहां नागरिक सचिवालय में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सार्वजनिक शौचालयों व अन्य संबधित नागरिक सुविधाओं से जुड़े मामलों की संबधित अधिकारियों की एक बैठक में समीक्षा कर रहे थे।उपराज्यपाल ने आम लोगों के लिए विशेषकर प्रमुख शहरों,कस्बों और राष्ट्रीय राजमार्ग पर सार्वजनिक सुविधाओं व शौचालयों के निर्माण और विकास पर विशेष जोर देते हुए संबिधत नियमों व गतिवधियों पर संबधित अधिकारियों से विचार विमर्श किया।

प्रमुख सड़कों पर शौचालयों के निर्माण के लिए संबधित अधिकािरयों को उपयुक्त जगह को चिन्हित करने का निर्देश 

उन्होंने सभी प्रमुख सड़कों पर सार्वजनिक सुविधाआें व शौचालयों के निर्माण के लिए संबधित अधिकािरयों को उपयुक्त जगह को चिन्हित करने का निर्देश दिया। उन्होंन तीन माह के भीतर ही 700-800सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य संबधित अधिकारियों को दिया।

सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण ही नहीं उनका रख रखाव भी सुनिश्चित बनाना

उपराज्यपाल ने कहा कि सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण ही नहीं करना है, बल्कि उनका रख रखाव भी सुनिश्चित बनाना है।ताकि आम लोगों को किसी किस्म की परेशानियों का सामना न करना पड़े। निर्माण मायने नहीं रखता है बल्कि इसके बन जाने के बाद साफ सफाई मायने रखती है।

एक स्टाल और वॉटर एटीएम का प्रावधान भी रखा जाए

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सुविधाओं के निर्माण के समय वहां आम उपभोक्ताओं के इस्तेमाल की वस्तुओं की बिक्री के लिए एक स्टाल और वॉटर एटीएम का प्रावधान भी रखा जाए ताकि सार्वजनिक सुविधा केंद्र वित्तीय रुप से आत्मर्निभर बन सके। सार्वजनिक शौेचालयों औेर सुविधाओं के पास ही उपभोक्ताओं के लायक वस्तुआं की बिक्री के स्टाल स्थापित करने से कई लोगाें के लिए आजीविका व राेजगार का साधन भी तैयार होगा।


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