लखनपुर से लद्दाख तक सड़कों पर नहीं दौड़े 75 हजार वाहन
किराये में वृद्धि की मांग को लेकर राज्यभर में सोमवार को ट्रांसपोर्टरों के आह्वान पर व्यावसायिक वाहनों के चक्के जाम रहे।
जम्मू ,राज्य ब्यूरो। किराये में वृद्धि की मांग को लेकर राज्यभर में सोमवार को ट्रांसपोर्टरों के आह्वान पर व्यावसायिक वाहनों के चक्के जाम रहे। राज्य के प्रवेशद्वार लखनपुर से लद्दाख तक करीब 75 हजार व्यावसायिक वाहन सड़कों पर नहीं चले, जिससे आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। डीजल के दाम में बढ़ोतरी के बाद से ही ट्रांसपोर्टर किराये को तीस प्रतिशत बढ़ाने की मांग कर रहे थे।
ऑल जम्मू कश्मीर पैसेंजर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले हुई हड़ताल में जम्मू, कठुआ, ऊधमपुर, रियासी, पुंछ, राजौरी, किश्तवाड़, डोडा, रामबन आदि इलाकों के अलावा कश्मीर में भी व्यावसायिक वाहन नहीं चले। निजी वाहनों को छोड़ कर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप होकर रह गई।
बसें, ट्रक और मिनी बसें सड़कों पर नहीं चलीं। यूनियन के चेयरमैन टीएस वजीर ने हड़ताल को पूरी तरह सफल करार देते हुए कहा कि जब डीजल के दाम 66 रुपये प्रति लीटर थे तो उस समय वाहनों के किरायों में 8.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी।
अब डीजल के दाम 77 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। ऐसे में ट्रांसपोर्टरों को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। वजीर ने कहा कि अगर राज्यपाल प्रशासन ने ट्रांसपोर्टरों की जायज मांगों को पूरा नहीं किया तो मजबूर होकर वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। दो-दो दिन में इसको लेकर रणनीति बनाई जाएगी।
जम्मू से कठुआ, सांबा, ऊधमपुर, कटड़ा व अन्य क्षेत्रों की तरफ जाने वाली बसों के न चलने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अधिक परेशानी श्री माता वैष्णो देवी की यात्रा के लिए आए श्रद्धालुओं को उठानी पड़ी।
सिर्फ लोगों के निजी वाहन, ऑटो रिक्श ही सड़कों पर चले। ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का असर कश्मीर में भी देखा गया। प्राइवेट व्यावसायिक वाहनों के न चलने के कारण राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों पर बहुत अधिक रश रहा। सभी लोगों के लिए सरकारी गाडि़यां ही सहारा थी, लेकिन सरकार की सेवाएं सीमित होने के कारण लोगों को बहुत दिक्कतें पेश आई।