पाक की घिनौनी सच्चाई उजागर कर रहे पकड़े गए आतंकी, पांच वर्षों में 747 आतंकी जिंदा पकड़े
पाकिस्तान की ओर से भेजे गए 151 आतंकियों और उनके ओवर ग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) को इस साल सेना सुरक्षाबलों और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों ने जान जोखिम में डालकर जिंदा पकड़ा है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : कश्मीर को सुलगाकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपना पक्ष मजबूत करने की साजिश रच रहे पाकिस्तान की घिनौनी सच्चाई उसके ही आतंकी उजागर कर रहे हैं। पकड़े जाने के बाद पूछताछ के दौरान पाकिस्तान की जमीन से आतंकवाद को बढ़ावा देने के हर सच से पर्दा उठाते हैं।
जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को शह दे रहे पाकिस्तान की ओर से भेजे गए 151 आतंकियों और उनके ओवर ग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) को इस साल सेना, सुरक्षाबलों और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों ने जान जोखिम में डालकर जिंदा पकड़ा है। इन आतंकियों से मिली जानकारी से इसकी पुष्टि हुई कि पाकिस्तान की सेना, खुफिया एजेंसी आइएसआइ आतंकियों को प्रशिक्षित कर बड़ी वारदात करने के लिए इन्हें भेज रही है। पाक सेना अफगानी व पठान आतंकियों को भी इस ओर घकेलने की फिराक में है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार वर्ष 2015 से अब तक सेना व सुरक्षाबलों ने 747 आतंकियों और उनके समर्थकों को पकड़ा है। पांच साल के दौरान जम्मू कश्मीर में 26 आतंकियों ने आत्मसमर्पण किया है। वर्ष 2019 में अब तक आठ आतंकी सेना व सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर चुके हैं। यह एक बड़ी उपलब्धि है। अधिकतर आतंकियों और उनके ओजीडब्ल्यू को वारदात को अंजाम देने से पहले ही पकड़ लिया गया। वीरवार को भारी मात्रा में हथियार लेकर आ रहे आतंकी भी कोई बड़ी वारदात करने की मंशा से आ रहे थे।
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान कोई बड़ी वारदात करने की फिराक में है। यह खुलासा चार अगस्त के बाद पकड़े गए 15 आतंकियों ने भी किया है। इस समय जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई जारी है। इस साल आतंकवाद के 165 मामलों में 138 आतंकी मारे गए हैं। अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकियों और उन्हें शह देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी है। पांच अगस्त के बाद कश्मीर में हुई दो मुठभेड़ों के दौरान दो आतंकियों को मार गिराया है।
सेवानिवृत ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता का कहना है कि पाकिस्तान की पूरी कोशिश है कि वह कश्मीर के हालात खराब करने के लिए लोगों को भड़काए। ऐसे में उसकी कोशिश है कि राज्य में कोई बड़ी वारदात हो, जिससे वह संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद की बैठक में कश्मीर मुद्दे को जोरशोर से उठा सके। उन्होंने कहा कि लोगों पर हमले कर रहे पाकिस्तान की असलियत अब कश्मीर के लोग भी जान चुके हैं।