जम्मू-कश्मीर में कोरोना से बेसहारा हुए 693 बच्चे ICPS से पंजीकृत, CCI के पंजीकरण की तिथि 31 दिसंबर तक बढ़ाई
एकीकृत शिशु संरक्षण योजना (आइसीपीएस) ने 102 सीसीआइ को पंजीकृत किया है। ऐसे नाबालिग बच्चों के लिए जिन्हें संरक्षण व देखभाल की आवश्यकता है हेल्पलाइन सेवा भी चलाई जा रही है। पोषण अभियान के तहत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के विकास निगरानी उपकरण दिए हैं ।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर में कोरोना से बेसहारा हुए 693 बच्चे सुरक्षित हैं। प्रदेश सरकार ने बच्चों के लिए आवासीय सुविधा (चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट-सीसीआइ) के पंजीकरण की अंतिम समय सीमा 31 दिसंबर तय कर दी है। श्रम एवं रोजगार विभाग 50 से ज्यादा श्रमिकों वाले निजी संस्थानों विशेषकर ईंट भट्ठों पर आवश्यक सुविधाओं से लैस क्रेच और बालवाड़ी स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।प्रदेश प्रशासन ने यह कदम हाल ही में कश्मीर में कुछ गैर सरकारी संगठन द्वारा बेसहारा बच्चों को अवैध तरीके से गोद दिलाने व कथित तौर पर बेचने की खबरों के मद्देनजर उठाया है।
बीते सप्ताह प्रदेश प्रशासन ने समाज कल्याण विभाग और गृह विभाग को प्रदेश में बाल आश्रमों, नारी निकेतनों की जांच करने, महिलाओं व बच्चों के कल्याण में जुटी संस्थाओं का सत्यापन करने और कोविड से बेसहारा बच्चों की स्थिति का पता लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया था।
मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता ने समाज कल्याण विभाग के शीर्ष अधिकारियों संग बैठक कर बीते सप्ताह की बैठक में लिए फैसलों पर हुई कार्रवाई का जायजा लिया। समाज कल्याण विभाग के प्रशासकीय सचिव ने बताया कि प्रदेश में कोविड से 693 बेसहारा बच्चे पंजीकृत हैं। सभी सुरक्षित हैं और अपने संरक्षकों के पास हैं। इन्हें संबंधित योजनाओं के तहत आवश्यक लाभ दिए जा रहे हैं।
एकीकृत शिशु संरक्षण योजना (आइसीपीएस) ने 102 सीसीआइ को पंजीकृत किया है। ऐसे नाबालिग बच्चों के लिए जिन्हें संरक्षण व देखभाल की आवश्यकता है, हेल्पलाइन सेवा भी चलाई जा रही है। पोषण अभियान के तहत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के विकास निगरानी उपकरण दिए हैं । विकास मापदंडों के आधार पर बच्चों की निगरानी पोशन ट्रैकर पोर्टल के माध्यम से वास्तविक समय के आधार पर की जा रही है। मुख्य सचिव ने समाज कल्याण विभाग को केंद्र से सहायता के पात्र सभी बच्चों के पंजीकरण का निर्देश देते हुए कहा 31 दिसंबर तक नाबालिगों के लिए आवासीय आश्रय स्थलों का पंजीकरण होना चाहिए। उसके बाद कोई भी गैर पंजीकृत संस्थान नहीं चलेगा।
चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के बार में जागरूकता पैदा करें :
मुख्य सचिव ने कहा कि बच्चों पर होने वाले अत्याचारों, उनकी उपेक्षा के मामलों की रिपोर्टिंग के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के बारे में जागरूकता भी पैदा की जाए। उन्होंने समाज कल्याण विभाग को बेसहारा, गरीब, उपेक्षित, स्कूल जाने से वंचित बच्चों की सही संख्या का पता लगा संबधित सर्वे का पूरा ब्योरा अगले एक सप्ताह में बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रदेश में निष्क्रिय पड़े आंगनबाड़ी केंद्र दोबारा सक्रिय करने और नए आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित करने का निर्देश दिया ।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में शौचालय, पेयजल और पोषण वाटिका की सुविधा होनी चाहिए। उन्होंने समयबद्ध तरीके से रैंप, हैंड ग्रिल और लिफ्ट का निर्माण कर सुगम भारत अभियान के तहत महत्वपूर्ण सरकारी भवनों को विकलांग व्यक्तियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुलभ बनाने पर जोर दिया। मुख्य सचिव ने प्रत्येक जिले में लक्षित आबादी को लाभ पहुंचाने के लिए एक शिशु देखभाल केंद्र, नारी निकेतन और वृद्धाश्रम खाने का निर्देश दिया। उन्होंने जम्मू कश्मीर में पहली बार लागू किए जा रहे बाल अधिकार निवारण अधिनियम, 1955, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989, और वरिष्ठ नागरिकों के लिए राज्य कार्य योजना के कार्यान्वयन की दिशा में हो रही प्रगति की भी समीक्षा की।