600 करोड़ सरकारी विभागो पर बिजली बिल बकाया
राज्य सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए नई-नई योजनाए चला रही है।
जम्मू, [राहुल शर्मा]। राज्य सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए नई-नई योजनाए चला रही है। वही, सरकारी विभाग इन योजनाओ को पलीता लगा रहे है। बिजली विभाग की विभिन्न सरकारी विभागो पर करोड़ो रुपये की देनदारी है, जिसे कई साल से जमा नही किया गया है। बिजली विभाग के सीनियर अफसरो का कहना है कि कई बार बकाया बिल वाले सरकारी विभागो को लिखित नोटिस भेजे गए, लेकिन कुछ नही हुआ। साल दर साल बढ़ती यह देनदारी अब करीब 600 करोड़ रुपये पहुंच गई है।
सरकारी विभागो द्वारा बिजली का बिल कई वर्षो से अदा नही किए जाने के कारण बिजली विभाग करोड़ो के बकाए के चलते नॉदर्न ग्रिड को पूरा पैसा नही दे पा रहा है। यही वजह है कि आम जनता को इसका खामियाजा 12 घटो की घोषित कटौती के रूप मे भुगतना पड़ रहा है। अघोषित कटौती कितनी होती है, इसका अदाजा और हिसाब रखना मुश्किल है। यह बकाया एक या दो लाख का नही बल्कि एक हजार करोड़ का है।
बिजली विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, कमर्शियल कनेक्शनो को छोड़ शायद ही कोई घरेलू उपभोक्ता होगा, जिसकी बकाया राशि हजार से अधिक हो। जम्मू डिवीजन के सरकारी कार्यालयो से बिजली विभाग को 600 करोड़ की राशि लेनी है। इसमे कश्मीर डिवीजन से बकाया 400 करोड़ का है। सबसे ज्यादा बकाया पीएचई विभाग पर है, जिसने दोनो सभागो मे कुल 380 करोड़ रुपये देना है। दूसरे नबर पर जम्मू विकास प्राधिकरण है, जिसको 66 करोड़ रुपये देना है। इसी तरह हाउसिंग एंड अरबन डेवलपमेट विभाग पर 40 करोड़, सड़क एवं भवन निर्माण विभाग 12 करोड़, कृषि विभाग को पांच करोड़, हॉस्पिटैलिटी एंड प्रोटोकॉल डिपार्टमेट पर 10 करोड़ रुपये की देनदारी है। इस सूची मे अन्य विभाग भी शामिल है। हालांकि इस सूची मे सुरक्षाबलो को सप्लाई की जाने वाली बिजली का बकाया शामिल नही है। अगर इसे शामिल किया जाए तो यह करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपये बताया जाता है।
बिजली विभाग को किसी न किसी विभाग से पैसा लेना है। चौकाने वाला तथ्य यह है कि इनमे से कई विभागो ने बिजली विभाग से स्पेशल लाइने ले रखी है। इसका मतलब यह है कि इन विभागो की बिजली कभी गुल नही होती है। दूसरी तरफ आम जनता है, जो नियमित बिल चुकाने के बावजूद बिजली को तरसते है। तापमान चाहे 47 डिग्री हो या फिर माइनस 26 डिग्री सेल्सियस। जम्मू व श्रीनगर मे लोगो को प्रतिदिन 12 घटो की बिजली कटौती का सामना करना ही पड़ रहा है।
बिजली विभाग के कमिश्नर सेक्रेटरी पावर हृदयेश कुमार ने सरकारी विभागो से बकायाजात वसूलने के लिए जीएडी विभाग को लिखा है कि सरकार इन विभागो को अतिरिक्त फंड जारी करे ताकि किश्तो मे ही सही बकाया बिल की वसूली हो सके।