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Kashmir Cyclothon 2022 : जहां बोलती थी आतंकियों की तूती, वहां घूम रहे 'शांति दूत'; 60 साइकिलिस्ट बेखौफ दक्षिण कश्मीर से गुजरेंगे

Kashmir Cyclothon 2022 आज इस प्रतियोगिता के बहाने हमें यहां की और अधिक सुंदर जगहों डेकसुम कोकरनाग वेरीनाग वासकनाग आदि को देखने और उनके बारे में जानने का मौका मिल रहा है। मैं काफी खुश हूं। यहां किसी डर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा-बिल्कुल नहीं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 23 Sep 2022 09:45 AM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 09:45 AM (IST)
Kashmir Cyclothon 2022 : जहां बोलती थी आतंकियों की तूती, वहां घूम रहे 'शांति दूत'; 60 साइकिलिस्ट बेखौफ दक्षिण कश्मीर से गुजरेंगे
यह देखकर काफी अच्छा लगा कि प्रतिभागियों में कुछ की आयु 60 वर्ष से अधिक है।

श्रीनगर, संवाद सहयोगी : वाकई, कश्मीर बदल चुका है। यह खूबसूरत तो था ही, अब पहले से कहीं ज्यादा शांत भी है। यहां के बदले हालात का ही असर है कि नेपाल और देश के विभिन्न हिस्सों से 60 साइकिलिस्ट बेखौफ होकर दक्षिण कश्मीर से गुजरेंगे, जहां कभी आतंकियों की तूती बोलती थी।

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कश्मीर में पहली बार हो रही 300 किलोमीटर लंबी साइक्लोथोन में भाग लेने सुबह श्रीनगर के रायल स्प्रिंग गोल्फ कोर्स पहुंचे प्रतिभागियों के चेहरे पर न कोई डर था और न ही चिंता। कुछ था तो केवल जोश और कश्मीर के गुमनाम पर्यटन स्थलों को देखने और यहां के बारे में जानने का उत्साह। सही मायने में यह कश्मीर में शांति दूत हैं।

जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने साइक्लोथोन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। तीन दिन चलने वाली साइक्लोथोन में महिला प्रतिभागी भी शामिल हैं। नीले रंग की टी-शर्ट पहने अपनी साइकिल के साथ निकले आंध्रप्रदेश से आए से 45 वर्षीय शरद ने कहा, चंद वर्ष पहले भी मैं अपने स्वजन के साथ घाटी घूमने आया था। तब हम डल झील, गुलमर्ग, पहलगाम व सोनमर्ग आए थे। काफी आनंद आया था, लेकिन तब समय के अभाव के चलते हमें यहां की बाकी जगहों को देखने का मौका नहीं मिल पाया था। आज इस प्रतियोगिता के बहाने हमें यहां की और अधिक सुंदर जगहों डेकसुम, कोकरनाग, वेरीनाग, वासकनाग आदि को देखने और उनके बारे में जानने का मौका मिल रहा है। मैं काफी खुश हूं। यहां किसी डर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा-बिल्कुल नहीं।

दिल्ली से प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आई 52 वर्षीय सुचंदा ने कहा, कश्मीर को जानने का यह एक बेहतरीन तरीका है और इसी बहाने हमें यहां के उन खूबसूरत पर्यटनस्थलों की सैर का भी मौका मिलेगा, जो अभी तक गुमनामी की चादर ओढ़े हुए हैं। सुचंदा ने कहा, इस तरह की प्रतियोगिताएं प्रशासन को समय-समय पर आयोजित करनी चाहिए, ताकि धरती पर स्वर्ग कहलाने वाली घाटी को लोग नजदीक से जान सकें।

कश्मीर के गुमनाम पर्यटन स्थलों के बारे में बताना है उद्देश्य : कश्मीर के खूबसूरत मगर गुमनामी की चादर ओढ़े पर्यटन स्थलों के बारे में दुनिया को बताने के उद्देश्य से जम्मू कश्मीर पर्यटन विभाग की ओर से साइक्लोथोन का आयोजन किया गया है। सुबह मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर मुख्य सचिव ने कहा कि इस साइक्लोथोन का मकसद लोगों विशेषकर पर्यटकों को वादी के उन पर्यटनस्थलों से अवगत कराना है जिनके बारे में उन्होंने कभी नहीं सुना है। इससे लोग इन पर्यटनस्थलों की तरफ आकर्षित होंगे। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक पर्यटकों के घाटी आने से यहां की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इसके अलावा साइक्लोथोन से प्रतिभागी नशा मुक्ति का संदेश भी देंगे। उन्होंने कहा कि यह देखकर काफी अच्छा लगा कि प्रतिभागियों में कुछ की आयु 60 वर्ष से अधिक है।

इन आठ गुमनाम पर्यटन स्थलों से होकर गुजरेंगे साइकिलिस्ट : इस साइक्लोथोन में भाग ले रहे प्रतिभागी कश्मीर के आठ गुमनाम पर्यटन स्थलों वेरीनाग, कुकरनाग, अहरबल, वासकनाग, दोबजन, डेकसुम, शिकारगाह व श्रीनगर के कुछ स्थल से गुजरेंगे। साइकिलिस्टों को 300 किलोमीटर का यह सफर तीन दिन में दिन के भीतर पूरा करना है। पहले दिन श्रीनगर से निकले साइकिलिस्ट देर शाम शोपियां के अहरबल पहुंच गए। शुक्रवार सुबह यहां से निकलकर ये रात को अनंतनाग के वैरीनाग में रुकेंगे और फिर शनिवार सुबह वहां से निकलकर श्रीनगर में आकर प्रतियोगिता संपन्न होगी। 


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