Move to Jagran APP

Jammu Kashmir: सीमांत लोगों के लिए 5538 बंकर तैयार, 15 हजार और बंकर बनाने को मिली मंजूरी

केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में सीमांत लोगों को गोलाबारी से बचाने के लिए पंद्रह हजार के करीब सामुदायिक और निजी बंकर बनाने का मंजूरी दी है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 01:05 PM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 01:05 PM (IST)
Jammu Kashmir: सीमांत लोगों के लिए 5538 बंकर तैयार, 15 हजार और बंकर बनाने को मिली मंजूरी
Jammu Kashmir: सीमांत लोगों के लिए 5538 बंकर तैयार, 15 हजार और बंकर बनाने को मिली मंजूरी

जम्मू, राज्य ब्यूरो। सीमांत क्षेत्रों में लोगों को पाकिस्तान की गोलाबारी से बचाने के लिए 5538 बंकर बनकर तैयार हो गए हैं। इनमें से 5035 निजी और 503 सामुदायिक बंकर हैं। जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर संजीव वर्मा की अध्यक्षता में बैठक में बंकर निर्माण में तेजी के लिए चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि सांबा में 1234 बंकर बन गए हैं। जम्मू में 918, कठुआ में 1193, राजौरी में 1744 व पुंछ में 449 बंकर बनकर तैयार हो चुके हैं। अन्य बंकरों का काम जारी है। कई बंकरों का निर्माण कार्य इस समय स्लैब स्तर तक पहुंच गया है। सीमांत क्षेत्रों में लोगों को गोलाबारी से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने 15 हजार के करीब बंकर बनाने को मंजूरी दी थी।

loksabha election banner

डिवीजनल कमिश्नर ने बंकर निर्माण में देरी पर डिप्टी कमिश्नरों से कहा कि इसके लिए इंजीनियरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। डिप्टी कमिश्नर नियमित जायजा लेकर सुनिश्चित करें कि निर्माण कार्य जल्द पूरा हो। बैठक में बंकर निर्माण में जुटे विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।

केंद्र ने 15 हजार बंकर बनाने को दी है मंजूरी

केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में सीमांत लोगों को गोलाबारी से बचाने के लिए पंद्रह हजार के करीब सामुदायिक और निजी बंकर बनाने का मंजूरी दी है। केंद्र जम्मू कश्मीर में बंकर निर्माण में देरी को लेकर नाराज है। ऐसे में जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर नियमित बैठकें कर समीक्षा कर रहे हैं। इसके लिए जम्मू संभाग के सीमांत जिलों के डिप्टी कमिश्नरों व निर्माण में जुटी एजेंसियों के अधिकारियों को भी जवाबदेह बनाया गया है।

असुरक्षित बंकरों में कैसे सुरक्षित रहेगी जिंदगी

पाकिस्तान की गोलाबारी से बचने के लिए कई सीमावर्ती इलाकों में बंकरों का निर्माण तो करा दिया गया है, लेकिन बंकर खुद अभी गोलाबारी से सुरक्षित नहीं है। ऐसे में भला ग्रामीण इनमें सुरक्षित कैसे रह सकेंगे? बंकरों की छतों पर अभी तक मिट्टी नहीं डाली गई है। इसके अंदर बिजली का इंतजाम नहीं किया गया है। ऐसे में इनमें रहना काफी मुश्किल है। इसके चलते सीमावर्ती गांवों के लोग बंकरों के बनने के बावजूद दहशत में हैं।

चार दिन से पाकिस्तान लगातार गोलाबारी कर रहा है। सीमावर्ती क्षेत्र के लोग अपनी जान बचाने के लिए बंकरों का सहारा ले रहे हैं, मगर बंकरों की खस्ता हालत होने से सीमावर्ती लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। जोंगवा के यशपाल शर्मा, रवि कुमार, अशोक कुमार ने बताया की जोंगवा के लोगों को गोलाबारी से बचने के लिए बंकर तो बना दिये हैं, मगर कुछ बंकरों की हालत काफी खस्ता है। बंकरो में बिजली का कोई प्रंबधन नहीं है। बंकरों की सुरक्षा के लिए बंकरों की छतों पर मिट्टी नहीं डाली गई है।

एसडीएम खौड़ अनिल ठाकुर को जब इस बारे में सूचना मिली तो उन्होंने आरएंडबी विभाग और बिजली विभाग के असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को एसडीएम कार्यालय बुलाया। उन्हें दोनों अधिकारियों को बंकरो में बिजली और छतों पर मिट्टी डालने के निर्देश दिये। उन्होंने इसके अलावा बंकरो में जो अन्य खामिया है उन्हें भी दूर करने को कहा। एसडीएम खौड़ ने बताया कि खौड़ में 51 में से 43 बनकर तैयार हैं। 8 बंकरों का काम चल रहा है। इसके अलावा लोगों के घरों में जो बंकर बनने हैं उनमें 311 बंकर तैयार हो चुके हैं। बचे 103 भी जल्द तैयार हो जाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.