Coronavirus Alert: जम्मू-कश्मीर के 48 इलाके रेड जोन में शामिल, 14 अप्रैल के बाद भी प्रतिबंध जारी रखने पर हो रहा विचार
रेड जोन में उन इलाकों को शामिल किया जा रहा है जहां कोविड-19 पॉजीटिव के एक से ज्यादा मामलों की पुष्टि हुई है और संदिग्ध मरीजों की संख्या भी ज्यादा है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्र प्रशासित जम्म-कश्मीर प्रदेश में लगातार बढ़ रही कोविड-19 संक्रमितों की संख्या के साथ ही रेड जोन में शामिल गांवों और मोहल्लों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। फिलहाल पूरे प्रदेश में 48 क्षेत्रों को रेड जोन में अधिसूूचित किया जा चुका है। इनमें से 29 कश्मीर प्रांत में हैं जबकि 19 जम्मू प्रांत के इलाके हैं। इन सभी क्षेत्रों में प्रशासन घर-घर जाकर लोगों की जांच करते हुए उनमें कोरोना पॉजीटिव और कोरोना संदिग्ध मरीजों का पता लगाएगा।
अधिकारियों के मुताबिक 14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने के बाद भी प्रशासन रेड जोन और बफर जोन में शामिल इलाकों में हालात सामान्य होने तक प्रतिबंध जारी रखने पर विचार कर रहा है। जम्मू कश्मीर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 112 का आंकड़ा पार कर चुकी है। इनमें दो संक्रमितों की मौत भी हो चुकी है जबकि करीब छह हजार लोग मंगलवार की सुबह तक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्थित क्वारंटाइन केंद्रों में डाक्टरों की कड़ी निगरानी में रखे गए हैं। रेड जोन में उन इलाकों को शामिल किया जा रहा है, जहां कोविड-19 पॉजीटिव के एक से ज्यादा मामलों की पुष्टि हुई है और संदिग्ध मरीजों की संख्या भी ज्यादा है।
राज्य प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेड जोन अधिसूचित किए गए सभी क्षेत्रों को स्वास्थ्य और प्रदेश प्रशासन की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है ताकि आम लोगों तक उनकी पूरी जानकारी पहुंचे। कश्मीर घाटी में 29 क्षेत्रों को रेड जोन में शामिल किया गया है। इनमें से नौ सिर्फ श्रीनगर जिले में है। श्रीनगर के छत्ताबल, खय्याम, शाल्टेंग, नटीपोरा, जवाहर नगर, राजबाग, ईदगाह और रैनावारी को रेड जोन में अधिसूचित किया गया है। इनके साथ सटे कुछ इलाको को बफर जोन में रखा गया है। बांडीपोर, बारामुला, कुपवाड़ा,पुलवामा, शोपियां और बडगाम में 20 गांवों को रेड जोन में रखा गया है। जम्मू प्रांत में राजौरी, उधमपुर, सांबा और जम्मू जिले में 19 गांवों व मोहल्लों को रेड जोन में अधिसूचित किया गया है। इन इलाकों की रिमोर्ट सेंसिंग विभाग के अधिकारियों की मदद से जियो टैगिंग की जा रही है।
मंडलायुक्त कश्मीर पांडुरंग के पाेले ने बताया कि रेड जोन क्षेत्रों में लॉकडाउन काे पूरी सख्ती से लागू किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में किसी भी दूसरे क्षेत्र के नागरिक को आने जाने की अनुमति नहीं है। डाॅक्टरों और पैरामेडकिल कर्मियों के दल रेड जोन घोषित क्षेत्रों में सभी संदिग्ध मरीजों का पता लगा रहे हैं। इसके अलावा संबधित नगर समितियों और परिषदों के कर्मी भी इन इलाकों को पूरी तरह से सैनिटाइज व डिकंटेमिनेट कर रहे हैं। स्थानीय लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसलिए आम लोगों को सभी आवश्यक सुविधाएं उनके द्वार पर ही उपलब्ध कराने के प्रबंध किए गए हैं।
यही नहीं वन विभाग के अधिकारियों की भी इस प्रक्रिया में सेवाएं ली जा रही हैं। ज्योग्राॅफिक इन्फार्मेशन सिस्टम के जरिए रेड जोन को चिन्हित करने में वह अपनी विशेषज्ञ सेवाएं दे रहे हें। हमने प्रांतीय स्तर पर एक नियंत्रण कक्ष भी बनाया है जो 24 घंटे रेड जोन क्षेत्रों की निगरानी कर रहा है।
रेड जोन के आस-पास के क्षेत्रों को जहां कोरोना वायरस के संक्रमण का ज्यादा खतरा है, उनहें हॉट स्पाॅट और बफर जोन घोषित किया गया है। रिमोर्ट सेंसिंग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से कोरोना पाॅजीटिव मरीज के बारे में डाटा प्राप्त करने के बाद उसके घर की स्थिति को जियो टैग किया जाता है। इसमें हम केंद्र बिंदु चिन्हित करते हुए उसके तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले पूरे क्षेत्र को रेड जोन में शामिल कर उसकी सीमाओं को तय कर देते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र बिंदु से सात किलाेमीटर के दायरे में आने वाले इलाकों को बफर जोन माना जाता है। शहरी इलाकों में यह पांच किलोमीटर का दायरा होता है।