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Amarnath Yatra: 46 दिन की यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा बनेंगे 45000 जवान

पुलिस सेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारी खुफिया एजेंसियों से लगातार बातचीत कर सुरक्षा कवच तैयार किया जा रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 12:42 PM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 12:42 PM (IST)
Amarnath Yatra: 46 दिन की यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा बनेंगे 45000 जवान
Amarnath Yatra: 46 दिन की यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा बनेंगे 45000 जवान

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: लोकसभा चुनावों के बाद केंद्रीय सुरक्षाबल अब बाबा अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की तैयारियों में जुट गए हैं। पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लगभग 45000 जवान, अधिकारियों समेत सेना के जवान भी 46 दिन की यात्र की सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा बनेंगे। जीपीएस और आरआइएफडी तकनीक से श्रद्धालुओं के काफिले की निगरानी होगी। ड्रोन और खोजी कुत्तों के दस्ते भी तलाशी अभियानों के दौरान आतंकियों का पता लगाने में सुरक्षाबलों की मदद करेंगे। बाबा अमरनाथ की यात्रा पहली जुलाई से शुरू हो रही है जो 15 अगस्त को रक्षाबंधन तक चलेगी। अब तक एक लाख श्रद्धालु इस यात्रा के लिए अग्रिम पंजीकरण करा चुके हैं।

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संबंधित अधिकारियों ने बताया कि बाबा अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है। पुलिस, सेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारी खुफिया एजेंसियों से लगातार बातचीत कर सुरक्षा कवच तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यात्रा मार्ग पर जवाहर सुरंग से लेकर पहलगाम और जवाहर सुरंग-अनंतनाग-पांपोर-पंथाचौक-एचएमटी क्रासिंग-गांदरबल-कंगन मार्ग को तीर्थयात्र के मददेनजर अत्यंत संवेदनशील घोषित किया गया है। इस पूरे मार्ग को अलग-अलग सेक्टर में बांटा गया।

विशेष चौकियां स्थापित की जाएंगी: यात्रा मार्ग पर स्थित सभी प्रमुख कस्बों और बाजारों में विशेष चौकियां स्थापित की जा रही हैं। चिन्हित स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। ड्रोन निगरानी करेंगे। यात्रा मार्ग को सुरक्षित बनाने की जिम्मेदारी जम्मू से पहलगाम और बालटाल तक सीआरपीएफ के पास रहेगी। इसके आगे यह जिम्मेदारी बीएसएफ और सेना संभालेगी। यात्रा मार्ग के आसपास के जंगलों और पहाड़ों में छिपे आतंकियों को खदेड़ने के लिए सेना अभियान चलाएगी। संबधित अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर, श्रीनगर, गांदरबल, बांडीपोरा और रामबन-बनिहाल के बीच सक्रिय रहे पूर्व आतंकियों के अलावा ओवर ग्राउंड वर्करों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जान लेगी है।

आतंकियों के निशाने पर रही है यात्रा : वर्ष 1990 में राज्य में आतंकी हिंसा शुरू होने के बाद से ही बाबा अमरनाथ यात्रा आतंकियों के निशाने पर रही है। इसकी सुरक्षा हमेशा ही बड़ी चुनौती रही है। आतंकी संगठन हरकत उल अंसार ने 1990 की शुरुआत में इस यात्र का विरोध किया था। हालांकि, वर्ष 1995 के बाद से किसी आतंकी संगठन ने इस यात्रा पर पाबंदी नहीं लगाई, लेकिन श्रद्धालुओं को निशाना बनाने का आतंकी हर मौके का फायदा उठाने की ताक में रहते हैं। वर्ष 2000, 2001 और 2002 में आतंकियों ने शेषनाग और नुनवन में श्रद्धालुओं के शिविरों में घुसकर हमला किया था। इसमें 56 करीब श्रद्धालु व अन्य लोग मारे गए। इसके अलावा आतंकियों ने कई बार यात्रा मार्ग पर हमला कर श्रद्धालुओं को निशाना बनाया। जुलाई 2017 में आतंकियों ने श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर अनंतनाग के पास श्रद्धालुओं की बस पर हमला किया था। इस हमले में सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।

काफिले के बीच में भी होंगे सुरक्षा बलों के वाहन: श्रद्धालुओं के वाहनों को काफिले के आगे और पीछे ही नहीं, बल्कि बीच में भी सुरक्षा बल के वाहन रहेंगे। काफिले के वाहनों में जीपीएस और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस भी लगाई जाएगी। आधार शिविरों की सुरक्षा का जिम्मा पूरी तरह से सीआरपीएफ के पास रहेगा, लेकिन राज्य पुलिस भी साथ तैनात रहेगी। शिविरों में भी सीसीटीवी कैमरे रहेंगे।

संयुक्त नियंत्रण कक्ष बनाया जाएगा: अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए देश के विभिन्न भागों से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को बुलाए जाने की संभावना पर अधिकारी ने बताया कि लोकसभा चुनाव कराने के लिए यहां आए सुरक्षाबलों को यात्रा के संपन्न होने तक रोका जा रहा है। यात्रा को सुरक्षित एवं शांत माहौल में संपन्न कराने को पुलिस, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और सेना का संयुक्त नियंत्रण कक्ष भी बनाया जाएगा।

यात्रा मार्ग पर मिलेगी मोबाइल की थ्री जी सर्विस: भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) बाबा अमरनाथ यात्र के दौरान यात्र मार्ग पर पडऩे वाले शिविरों और पवित्र गुफा तक श्रद्धालुओं को थ्री जी स्पीड इंटरनेट सुविधा उपलब्ध करवाएगा। इसके लिए बीएसएनएल अपना ढांचा तैयार कर रहा है। बाबा अमरनाथ की यात्र एक जुलाई से शुरू हो रही है, जो रक्षा बंधन के दिन 15 अगस्त को संपन्न होगी। राज्यपाल सत्यपाल मलिक के निर्देश पर श्री अमरनाथ जी श्रईन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उमंग नरूला ने बीएसएनएल व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर श्रद्धालुओं को दूरसंचार की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर विचार विमर्श किया। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल को यात्र मार्ग पर अपने संचार ढांचे को मजबूत करते हुए श्रद्धालुओं को बेहतर मोबाइल सर्विस उपलब्ध करवाने के लिए सभी प्रबंध 20 जून तक पूरे कर लिए जाएं।

इन सर्विस सेंटरों पर उपलब्ध होंगे प्री-लोड सिम: श्रद्धालुओं को प्री लोड सिम कार्ड लखनपुर, भगवती नगर जम्मू, बालटाल, चंदनबाड़ी, कच्ची छावनी कस्टमर सर्विस सेंटर जम्मू और त्रिकुटा नगर कस्टमर सर्विस सेंटर जम्मू में उपलब्ध करवाए जाएंगे। बीएसएनएल अपनी सेवाएं जम्मू कश्मीर बैंक को भी देगा ताकि बैंक के लघु एटीएम मशीन पंजतरणी, शेषनाग और पवित्र गुफा में उपलब्ध हो सकें। सीईओ ने पीडीडी के चीफ इंजीनियर, खाद्य आपूर्ति विभाग के चीफ इंजीनियर व अन्य अधिकारियों से कहा कि यात्र मार्ग पर बीएसएनएल को ढांचा खड़ा करने के लिए सहयोग दें। उन्होंने कहा कि अगली यात्रओं के दौरान प्राइवेट टेलीकाम सर्विस एयरटेल और जियो रिलांयस को अपनी सेवाएं देनी चाहिए। बैठक में बोर्ड के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनूप कुमार सोनी, सेना की 15वीं कोर मुख्यालय के चीफ सिगनल ऑफिसर ब्रिगेडियर आरएस सैनी, विक्टर फोर्स के सीओ कर्नल जेएस रंधावा के अलावा प्रशासन, पुलिस व अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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