जम्मू सचिवालय में आज से बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए 300 अधिकारी-कर्मचारी तैयार, श्रीनगर सचिवालय से लाया है इन्हें
दरबार मूव बंद है अलबत्ता अब राज्यपाल कभी भी जम्मू सचिवालय पहुंच सकते हैं। पहले नंवबर माह के दूसरे सोमवार को दरबार जम्मू में खुलता था। अब एक नवंबर को भी जम्मू सचिवालय वैसे ही काम करेगा जैसे पहले से कर रहा है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। छह महीने तक श्रीनग्रर सचिवालय से जम्मू कश्मीर में प्रशासन की बागडौर संभालने वाले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा व मुख्यसचिव डा एके मेहता विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों के साथ जम्मू सचिवालय से कामकाज की बागडोर संभाल लेंगे। जम्मू कश्मीर में दरबार मूव की प्रकिया को बंद किए जाने के बाद अब सिर्फ उपराज्यपाल, मुख्यसचिव व विभागों के प्रशासनिक सचिव ही दोनों राजधानियों में मूव कर रहे हैं।
दरबार मूव बंद है, अलबत्ता अब राज्यपाल कभी भी जम्मू सचिवालय पहुंच सकते हैं। पहले नंवबर माह के दूसरे सोमवार को दरबार जम्मू में खुलता था। अब एक नवंबर को भी जम्मू सचिवालय वैसे ही काम करेगा जैसे पहले से कर रहा है। यह जानकारी देते हुए सामान्य प्रशासनिक विभाग के आयुक्त सचिव मनोज द्विवेदी ने जागरण को बताया कि अब किसी सचिवालय में ताले बंद नही होते हैं। ऐसे में उपराज्यपाल कभी भी जम्मू सचिवालय में आ सकते हैं।
वहीं दूसरी ओर से सरकार ने श्रीनगर सचिवालय के 38 विभागों में से करीब 300 ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों को श्रीनगर सचिवालय से जम्मू लाया है जो बेहतर व्यवस्था बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। सरकार के सामान्य प्रशासनिक विभागों की इस ओर से जारी दो आदेशों में पहले 186 अधिकारियों, कर्मचारियों व उसके बाद 98 को जम्मू से काम करने के लिए कहा गया है। इनमें कई विभाग के निदेशक भी शामिल हैं। इन अधिकारियों व कर्मचारियों को ठहराने के लिए जम्मू में इस्टेट विभाग की ओर से व्यवस्था बनाई जा रही है। ऐसे में आठ नवंबर सोमवार से जम्मू सचिवालय में विभागीय गतिविधियां जोर पकड़ लेंगी। जम्मू कश्मीर के दोनों सचिवालयों में विभाग ई आफिस व्यवस्था के तहत ही काम करेंगे। दोनों सचिवालयों से फाइलें डिजिटल तरीके से भेजी जाएंगी।
अलबत्ता पहले की तरह से उपराज्यपाल समय-समय पर श्रीनगर के दौरे कर वहां पर कामकाज की निगरानी करते रहेंगे। इसके साथ विभाग के प्रशासनिक सचिव भी कश्मीर में विकास को तेजी देने के लिए वहां पर जाते रहेंगे। सूत्रों के अनुसार प्रशासनिक सचिवों के सर्दियों में कश्मीर दाैरों के लिए जल्द सामान्य प्रशासनिक विभाग की ओर से व्यवस्था बनाई जाएगी। जम्मू कश्मीर में इस साल दूरबार मूव नही किया गया था। तंगहाली का सामना कर रहे प्रदेश में दरबार मूव को रोक कर सालाना खर्च होने वाले अरबों रूपयों को बचा लिया गया। दरबार मूव रोकने के साथ ही सरकार ने दोनों राजधानियों में सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों को अलाट किए गए सरकारी क्वाटरों को भी खाली करवा दिया था। पहले दोनों राजधानियों में कर्मचारियों को ठहराने के लिए कई होटलाें के कमरों को भी बुक करवाया जाता था। अब प्रदेश में सरकार के पास कामकाज के लिहाज से अहमियत रखने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को ठहराने के लिए प्रयाप्त बंदोबस्त हैं।