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जन्नत-ए-कश्मीर में रमजान का महीना बरकत लेकर आया है

रमजान का महीना भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों के लिए बरकत लेकर आया है। जन्नत-ए-कश्मीर में फिर सैलानी दस्तक देने लगे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 11 Jun 2018 10:38 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jun 2018 04:30 PM (IST)
जन्नत-ए-कश्मीर में रमजान का महीना बरकत लेकर आया है
जन्नत-ए-कश्मीर में रमजान का महीना बरकत लेकर आया है

श्रीनगर, नवीन नवाज। रमजान का महीना भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों के लिए बरकत लेकर आया है। जन्नत-ए-कश्मीर में फिर सैलानी दस्तक देने लगे हैं। डल झील के शांत पानी में शिकारों के चप्पू की आवाज आने लगी है। होटलों और हाउसबोटों के बंद कमरे और खिड़कियां फिर खुलने लगी हैं।

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बीते 25 दिनों में घाटी में पर्यटकों की आमद में लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यह बदलाव मैदानी इलाकों में बढ़ती गर्मी या राज्य सरकार द्वारा पर्यटकों के लिए घोषित किसी छूट का परिणाम नहीं हैं। यह केंद्र सरकार द्वारा आतंकियों के खिलाफ घोषित एकतरफा रमजान युद्धविराम का नतीजा है।

कश्मीर ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारी फारूक कुठु ने कहा कि रमजान महीना हमारे लिए बरकत लेकर आया है। खुदा ने हमारी सुन ली। पर्यटकों की आमद में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पूरे आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन आज आप कश्मीर में कहीं चले जाओ पर्यटकों की टोलियां जरूर नजर आएंगी। कई लोग जून-जुलाई के लिए अग्रिम बु¨कग भी करा रहे हैं।

जिन्होंने मई की शुरुआत में जून के लिए अपनी बुकिंग रद की थी, वह अब पुराने पैकेज से ज्यादा रकम चुकाने को भी तैयार हैं। पैराडाइज टूर एंड ट्रैवल्स के मालिक जावेद ने कहते हैं, हम सिर्फ टैक्सी, टैपों की सेवा ही पर्यटकों को उपलब्ध कराते हैं या फिर हाउसबोट बुक करते हैं।

अप्रैल से मई के पहले सप्ताह तक मैंने 60 हजार का काम नहीं किया था। बहुत परेशान था, क्योंकि अधिकांश गाड़ियां बैंक से किस्त पर लिए हुए हैं। लेकिन 20 मई के बाद मैं औसतन तीन से चार टैक्सियां पर्यटकों को उपलब्ध करा रहा हूं।

यह रमजान में सीजफायर का ही नतीजा है। दिल्ली से कश्मीर घूमने आए तुषार शर्मा ने कहा, हमने जुलाई के लिए अप्रैल में बुकिंग कराई थी। जब यहां सैलानियों पर हमले की खबरें सुनीं तो मेरी पत्नी नेहा ने रद कराने को कहा था। जब रमजान सीजफायर का एलान हुआ तो यहां घूमने का कार्यक्रम बनाया। बिना कोई अग्रिम बुकिंग किए तीन दिन पहले आए हैं। यहां माहौल ठीक है।

इंडिया टूर एंड ट्रैवल्स के संचालक रमण शर्मा कहते हैं, पहले हालात ठीक नहीं थे, लेकिन अब जुलाई तक शायद ही कोई दिन होगा, जब मेरे जरिए कश्मीर में पर्यटकों का कोई दल न घूम रहा हो। डल झील स्थित हाउसबोट पैंजी के मालिक हिलाल अहमद ने कहा कि रमजान सीजफायर के एलान होते ही यहां सैलानी बढ़ गया। खुदा से यही दुआ करते हैं कि हालात ठीक रहें, ईद इस बार भी नहीं हर साल अच्छी रहे।

पर्यटन जगत से जुड़े लोग खुश पर्यटन निदेशक कश्मीर महमूद शाह कहते हैं, रमजान सीजफायर बहुत फायदेमंद हुआ है। इसने पर्यटकों में सुरक्षा की भावना जगाई है। बीते 20-25 दिनों में 30 प्रतिशत की पर्यटकों में बढ़ोतरी हुई है। पर्यटन जगत से जुड़े लोग भी खुश हैं।

वर्ष 2016 के हिंसक प्रदर्शनों के बाद से ठप पड़ा पर्यटन उद्योग आतंकियों और अलगाववादियों के हिंसक समर्थकों द्वारा पर्यटकों को निशाना बनाने की वारदातों ने वर्ष 2016 के हिंसक प्रदर्शनों के बाद से ठप स्थानीय पर्यटन उद्योग की गाड़ी को स्टार्ट होने से पहले ही पंक्चर कर दिया था।

अप्रैल में पथराव में दो दर्जन से ज्यादा पर्यटकों के जख्मी होने से हुए नुकसान की भरपाई होती, उससे पहले मई के पहले सप्ताह में चेन्नई के पर्यटक की हत्या ने सभी को हिलाकर रख दिया। होटल और शिकारे लगभग खाली हो गए। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग अच्छे दिनों की उम्मीद में रब से बार-बार दुआ कर रहे थे। 


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