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टू जी इंटरनेट स्पीड से हांफी ई-चालान मशीन

देश के बाकी राज्यों की तरह एक अक्तूबर से जम्मू-कश्मीर में भी संशोधित यातायात कानून लागू हो गया। इस कानून के तहत नाकों पर तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को ई-चालान मशीनें थमा दी गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 08:15 AM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 08:15 AM (IST)
टू जी इंटरनेट स्पीड से हांफी ई-चालान मशीन
टू जी इंटरनेट स्पीड से हांफी ई-चालान मशीन

दिनेश महाजन, जम्मू

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देश के बाकी राज्यों की तरह एक अक्तूबर से जम्मू-कश्मीर में भी संशोधित यातायात कानून लागू हो गया। इस कानून के तहत नाकों पर तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को ई-चालान मशीनें थमा दी गई। इसी मशीन के जरिये ई-चालान करने के लिए उनको प्रशिक्षित किया गया। लेकिन टू जी मोबाइल इंटरनेट के कारण यह मशीन ट्रैफिक पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया। अब फिर से ट्रैफिक कर्मी मशीन को छोड़ कर चालान बुक का ही इस्तेमाल करने लगे।

नए कानून के तहत वाहन चालकों से नाकों पर दस्तावेज मांगना मनाही है। ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को ई-चालान मशीनें दी गई जो मोटर व्हीकल डिपार्टमेंट द्वारा तैयार किए वेब पोर्टल से कनेक्ट होगा। मशीन में वाहन का नंबर डालते ही वाहन की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, इंशोरेंस और चालक के ड्राइविग लाइसेंस की पूरी जानकारी मिल पाएगी। जिला जम्मू की सड़क पर तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को 40 ई-चालान मशीनें मुहैया करवा दी गई हैं। ट्रैफिक कर्मियों को विभाग ने ई-चालान मशीन तो दे दी, लेकिन जम्मू कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट की स्पीट टू जी होने के कारण मशीनें ठीक से काम नहीं करतीं। ई-चालान मशीनों में पोर्टल खुलता ही नहीं है। दरअसल, ई-चालान मशीन को ट्रैफिक कर्मी अपने मोबाइल फोन से हॉटस्पाट के जरिये कनेक्ट करते हैं। टू जी स्पीड से तंग आकर ट्रैफिक कर्मी ई-चालान मशीन को छोड़ने को मजबूर हो गए। अब फिर से चालान करने के लिए चालान बुक का इस्तेमाल शुरू हो गया।

---------- चार दिन में ई-मशीन से काटे मात्र 57 चालान

ई-चालान मशीनों को चलाने के लिए 4जी मोबाइल इंटरनेट की जरूरत होती है। इंटरनेट की स्पीड नहीं होने के कारण जम्मू की ट्रैफिक पुलिस एक से चार अक्तूबर तक यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों के मात्र 57 चालान ही काट पाई। जबकि मैनुवल तरीके से ट्रैफिक पुलिस प्रतिदिन में औसतन 250 से 300 चालान काट रही हैं।

---- मोबाइल फोन इंटरनेट का विकल्प तलाशा जा रहा मोबाइल फोन से कनेक्ट कर ई-चालान मशीन को चलाने में दिक्कत पेश आ रही है। मोबाइल फोन इंटरनेट के स्थान पर इन मशीनों को हाई स्पीड इंटरनेट से कनेक्ट करने के विकल्प खोजे जा रहे हैं। जल्द ही कोई रास्ता निकाला जाएगा।

प्रदीप गोरिया, एसपी ट्रैफिक जम्मू


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