JK New Industrial Policy: जम्मू कश्मीर को खुशहाली की 28,400 करोड़ की डोज, उद्यमियों के लिए 2037 तक विशेष पैकेज
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीरवार को जम्मू कश्मीर के लिए 28400 करोड़ रुपये की नई औद्योगिक नीति की घोषणा की। यह नीति वर्ष 2037 तक प्रभावी रहेगी। उपराज्यपाल ने कहा कि नई औद्योगिक नीति से प्रदेश में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश जुटाया जाएगा।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: कोरोना काल और पिछले विपरीत हालात से पार पा रहे नये जम्मू कश्मीर को औद्योगिक विकास से खुशहाली की बड़ी डोज मिली है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीरवार को केंद्र शासित प्रदेश के लिए 28,400 करोड़ रुपये की नई औद्योगिक नीति की घोषणा की। यह नीति वर्ष 2037 तक प्रभावी रहेगी। उपराज्यपाल ने कहा कि नई औद्योगिक नीति से प्रदेश में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश जुटाया जाएगा। इस नीति से 35 हजार लोगों को उद्योग लगाने में सहयोग के साथ 4.5 लाख लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
नए साल में जम्मू में अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में उपराज्यपाल ने नई औद्योगिक नीति को लागू करने की घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार दूरदराज इलाकों के विकास को ध्यान में रखकर उद्योग नीति बनाई गई है। नीति को ब्लाक स्तर तक प्रभावी बनाया जाएगा और पहली बार उत्पादन के साथ सेवा क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा।
उपराज्यपाल ने नई औद्योगिक नीति को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। उपराज्यपाल ने कहा कि नीति अपने मकसद में कामयाब हो, इसके लिए प्रदेश में उचित औद्योगिक माहौल तैयार किया जाएगा और इसे पारदर्शिता से प्रभावी बनाया जाएगा। नए उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। शहरों, कस्बों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में उद्योग स्थापित करने को बढ़ावा मिलेगा।
नीति के प्रमुख बिंदु
- 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद
- 4.5 लाख लोगों को मिलगा रोजगार
- 35 हजार लोगों को उद्योग लगाने में मिलेगा सहयोग
- 30 फीसद छूट शहरों व कसबों में पूंजीगत निवेश पर मिलेगी
- 50 फीसद छूट ग्रामीण क्षेत्रों में मशीनरी की खरीद पर मिलेगी
- 14 सेक्टरों को नई औद्योगिक नीति के तहत बढ़ावा दिया जाएगा
- प्रदेश में नए उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया सरल बनाई जाएगी
- -शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग स्थापित करने को मिलेगा बढ़ावा
जोन-ए में आने वाले शहरों व कस्बों में पूंजीगत निवेश पर 30 फीसद छूट मिलेगी। जोन-बी में ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादन व निर्माण के लिए प्लांट स्थापित करने व मशीनरी की खरीद पर 50 फीसद छूट मिलेगा।
नई औद्योगिक नीति के तहत 13 सेक्टरों को बढ़ावा देने का हवाला देते हुए उपराज्यपाल ने बताया कि प्रदेश में पर्यटन उद्योग को बढ़े पैमाने पर बल मिलेगा। यही नहीं, केवल सरकारी जमीन ही नहीं बल्कि निजी जमीन पर उद्योग स्थापित करने में भी पूरी सहायता दी जाएगी।
नीति का गलत फायदा लने वाले से वापस ले ली जाएगी जमीन : उद्योग स्थापित करने के लिए जमीन उपलब्ध करवाने की अलाटमेंट नीति बनाने की घोषणा करते हुए उपराज्यपाल ने बताया अब तक तीन हजार एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। जल्द लैंड बैंक बनाकर उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर कोई इस औद्योगिक नीति का गलत फायदा लेता है तो उससे जमीन वापस ले ली जाएगी।
पहले उद्योग को सही तरीके से नहीं मिला बढ़ावा : जम्मू कश्मीर में पहले उद्योग को सही तरीके से बढ़ावा न मिलने का हवाला देते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि पहले बनी ऐसी योजना में अब तक सिर्फ 1120 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए गए। अब नई नीति के तहत उद्योग के लिए 28,400 करोड़ रुपये उपलब्ध होंगे। पुराने उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ प्रदेश में उद्योग स्थापित करने वालों को कई तरह की राहतें दी जाएंगी।
उद्योग विभाग और औद्योगिक संगठनों को सराहा : जम्मू के कन्वेंशन सेंटर में हुए संवाददाता सम्मेलन में उपराज्यपाल ने नई नीति बनाने के लिए उद्योग विभाग व सुझाव देने वाले औद्योगिक संगठनों की भी सराहना की। उनके साथ इस मौके पर मुख्यसचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम, वित्त विभाग के वित्त आयुक्त एके मेहता, प्रमुख सचिव रोहित कंसल उपराज्यपाल के प्रमुख सचिव नितेश्वर कुमार व उद्योग विभाग के आयुक्त सचिव मनोज दिवेद्वी भी मौजूद रहे।
नई उद्योग नीति में 14 क्षेत्रों को मिलेगी प्राथमिकता
- फूड प्रोसेसिंग
- हैंडलूम
- सिल्क एंड वूल प्रोसेसिंग
- वुड प्रोसेसिंग
- हैंडीक्राफ्ट
- नेचरक्यूटिकल
- फार्मासियूटिकल
- हेल्थ केयर एंड वेलनैस
- टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी
- मीडिया एंड आईटी
- मनोरंजन
- पर्यावरण संबंधी सेवाएं
- रसद
- पशुपालन
- खेल