सिंधु नदी पर 260 फुट लंबा केबल सस्पेंशन पुल तैयार
राज्य ब्यूरो जम्मू लद्दाख की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही सेना की उत्तरी कमान की फायर एंड फ्यूरी कोर के कांबेट इंजीनियर्स की योग्यता और साहस से सिधु नदी पर 40 दिन में 260 फुट लंबा लोहे से बना केबल सस्पेंशन पुल बनकर तैयार हो गया है। सेना और लद्दाख के निवासियों में बेहतर समन्वय के प्रतीक इस पुल को मैत्री ब्रिज नाम दिया गया है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : लद्दाख की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही सेना की उत्तरी कमान की फायर एंड फ्यूरी कोर के कांबेट इंजीनियर्स की योग्यता और साहस से सिधु नदी पर 40 दिन में 260 फुट लंबा लोहे से बना केबल सस्पेंशन पुल बनकर तैयार हो गया है। सेना और लद्दाख के निवासियों में बेहतर समन्वय के प्रतीक इस पुल को मैत्री ब्रिज नाम दिया गया है।
लेह के चोगलमसर में 89 वर्ष के सेवानिवृत सैनिक नायक फुंचोक आंगदस के नेतृत्व में 1947 से लेकर कारगिल युद्ध में हिस्सा ले चुके पूर्व सैनिकों ने सोमवार को इस पुल का उद्घाटन किया। इस मौके पर कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, लेह की डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा, सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी और क्षेत्र के गणमान्य लोग मौजूद थे।
सेना ने कारगिल युद्ध के 20 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में यह पुल बनाया है। इसके बनने से चोगलमसर, स्टोक व चुछोत गांव के लोगों को फायदा होगा। प्रशासन ने नदी पार स्थित गांवों के लोगों की परेशानियों को देखते हुए सेना से पुल बनाने का आग्रह किया था। इसके बाद सेना ने मुहिम छेड़ दी। 40 दिन के अंदर सेना के इंजीनियर्स ने युद्ध स्तर पर कार्य कर पुल बनाकर लोगों की दशकों पुरानी समस्या का समाधान कर दिखाया। लोगों ने पुल खुलने पर सेना का आभार जताया।
इसी बीच सेना के इंजीनियर्स ने पुल बनाने के लिए 500 टन साजोसामान को मौके पर पहुंचाया। इसे पूरा करने के लिए दिन रात काम किया गया।