अमरनाथ यात्रा: हजारों तीर्थयात्रियों को सांस लेने में तकलीफ, आईटीबीपी ने मुहैया कराया ऑक्सीजन
आईटीबीपी के जवानों द्वारा 25000 से अधिक तीर्थयात्रियों को सांस लेने में तकलीफ होने पर 12000 फीट तक ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है।
श्रीनगर, एएनआई। अमरनाथ यात्रा के दौरान कई तीर्थयात्रियों को सांस में दिक्कत महसूस होने पर आईटीबीपी जवानों ने यात्रियों की मदद की। आईटीबीपी के जवानों द्वारा 25,000 से अधिक तीर्थयात्रियों को सांस लेने में तकलीफ होने पर 12,000 फीट तक ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है।
इंडो- तिब्बत बॉर्डर पुलिस की मदद
जानकारी हो कि हिंदुओं के प्रमुख तीर्थस्थलों में शुमार अमरनाथ की यात्रा की शुरूआत हो चुकी है। बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए लगातार श्रद्धालुओं का आना जारी है। इस बीच एक तस्वीर सामने आई है जिसमें इंडो- तिब्बत बॉर्डर पुलिस के जवान श्रद्धालुओं की मदद करते देखे गए। आईटीबीपी के जवान तीर्थयात्रियों को ऑक्सीजन मुहैया कराते देखे गए। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, यात्रा के दौरान कई तीर्थयात्रियों को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इसके बाद आईटीबीपी के जवानों ने उन्हें तत्काल ऑक्सिजन मुहैया कराया और यात्रियों को कैंप में रोक लिया गया।
5 हजार आईटीपीबी जवान हैं तैनात
तीर्थयात्रियों को यात्रा के दौरान कोई समस्या न आए इसलिए इंडो- तिब्बत बॉर्डर पुलिस के करीब 5 हजार जवान अमरनाथ यात्रा मार्ग पर बालटाल बेस कैंप से लेकर बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा तक तैनात किए गए हैं। वहीं आईटीबीपी जवानों को इस बार विशेष तौर पर बेसिक पैरा मेडिकल की ट्रेनिंग भी दी गई है। इस तरह की ट्रेनिंग देने का मुख्य उद्देश्य यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की मदद करना हैं।
1 जुलाई को शुरू हुई थी यात्रा
बाबा बर्फानी के दर्शन यात्रा की शुरूआत इस महीने की 1 जुलाई को प्रारंभ हुई थी और इसका समापन 15 अगस्त होगा। रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार तक करीब 11 हजार श्रद्धालु बाबा अमरनाथ की गुफा में पहुंचकर दर्शन- पूजा कर चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, बुधवार तक 4 हजार से भी ज्यादा श्रद्धालुओं का एक और जत्था सुबह तक भगवती नगर यात्री निवास से कश्मीर घाटी के लिए पूरे सुरक्षा इंतजाम के साथ रवाना किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, इसमें एक जत्थे में करीब 2 हजार यात्री बालटाल आधार शिविर और दूसरे में भी करीब 2 हजार 642 यात्री पहलगाम के लिए रवाना हुए थे।
मौसम विभाग ने दी थी चेतावनी
मौसम विभाग ने शाम के समय गुफा के करीब हल्की बारिश के अनुमान की संभावना जताई है। इससे पहले केंद्र सरकार ने इस बार यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बीते दिनों अपने दो दिनों की जम्मू- कश्मीर की यात्रा के दौरान राज्यपाल सत्यपाल मलिक के साथ एक बैठक कर यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था की जायजा लिया था। इस बैठक में तमाम प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
सोमवार को हुई थी एक की मौत
अमरनाथ सेवा समिति के पचास सदस्यों के दल में गए उत्तर प्रदेश के पल्लवपुरम मेरठ निवासी कृष्ण (65 वर्ष) की हृदय गति रुकने से जान चली गई थी। वह सोमवार रात को शिविर में भक्तों की सेवा में लगे थे, तभी कृष्ण की अचानक तबीयत खराब हो गई थी।
पवित्र गुफा कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कश्मीरी मुसलमानों ने ऐतिहासिक रूप से अपने हिंदू भाइयों को वार्षिक तीर्थयात्रा करने में आसानी और सुविधा के साथ मदद की है। बूटा मलिक नाम के एक मुस्लिम चरवाहे ने 1850 में अमरनाथ गुफा की खोज की थी।