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पश्चिमी हिमालय के दुर्गम इलाकों में की 230 किमी ट्रैकिंग

सेना की जाट रेजीमेंट की बटालियन ने अपने दूसरे स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में पश्चिमी हिमालय के दुर्गम इलाकों में 230 किलोमीटर की ट्रैकिंग कर अपने मजबूत इरादों का परिचय दिया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 09:34 AM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 04:00 PM (IST)
पश्चिमी हिमालय के दुर्गम इलाकों में की 230 किमी ट्रैकिंग
पश्चिमी हिमालय के दुर्गम इलाकों में की 230 किमी ट्रैकिंग

जम्मू, राज्य ब्यूरो। सेना की जाट रेजीमेंट की बटालियन ने अपने दूसरे स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में पश्चिमी हिमालय के दुर्गम इलाकों में 230 किलोमीटर की ट्रैकिंग कर अपने मजबूत इरादों का परिचय दिया।

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सेना की पश्चिमी कमान की राइजिंग स्टार कोर की इस टीम ने हिमाचल प्रदेश के 16,150 फीट की उंचाई वाले इलाकों में 29 दिन के ट्रैकिंग अभियान में सरहान, काफनू, मुलिंग, कारा लेक, फुसतीरांग, मेनगुरूंगसे, मड, ताबू जैसे दुगर्म इलाकों से पिन भाभा पास से होते हुए काजा में अपने अभियान को संपन्न किया। दल को सेना की गुर्ज डिवीजन के जीओसी ने 11 जून को रवाना किया था।

राइजिंग स्टार के जीओसी ने ट्रैकिंग कर लौटे सेना के इस दल का स्वागत किया। बर्फीले, दुर्गम इलाकों में ट्रैकिंग अभियान में हिस्सा लेने वाले इस दल का नेतृत्व बटालियन के पहले कमीशनड अधिकारी कैप्टन शिवाजी ढोके ने किया।

इक्कीस सदस्य जाट रेजीमेंट की बटालियन के इस दल के एक अधिकारी, एक जूनियर कमीशनड अधिकारी व उन्नीस सैनिकों ने हिस्सा लिया। बटालियन का गठन एक जुलाई को हुआ था। स्थापना दिवस पर इस ट्रैकिंग अभियान के माध्यम से बटालियन ने जाट जवान की बहादुरी, हिम्मत व चुनौतियों का सामना करने की क्षमता का परिचय दिया। 


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